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Bihar Jamin Survey: फिर बढ़ी जमीन मालिकों की परेशानी! ब्लॉक से लेकर सर्वे ऑफिस तक के काट रहे चक्कर, यहां समझें उपाय

जमीन सर्वे के लिए ऑनलाइन पोर्टल बंद होने से जमीन मालिक परेशान हैं। सर्वे के लिए 1 अगस्त से काम शुरू हुआ लेकिन अभी तक केवल 25 प्रतिशत डाटा जमा हुआ है। कई लोगों ने अपने कागज जमा नहीं किए और जमा हुए कागजों में भी गड़बड़ी है। सर्वे अधिकारियों को भी परेशानी हो रही है। जमीन मालिकों को अब इंतजार करना होगा या ऑफलाइन आवेदन जमा करना होगा।

By Bimal Bharti Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 28 Oct 2024 11:44 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। बिहार में हो रहे जमीन का सर्वे सरायगढ़ भपटियाही अंचल में एक तरह से लोगों के लिए कई मुसीबतें खड़ी कर सकता है। अंचल क्षेत्र में 1 अगस्त से सर्वे का काम शुरू हुआ।

7 अगस्त से आवेदन लेने का काम शुरू हुआ, लेकिन अभी तक मात्र 25 फीसद ही ऑफलाइन और ऑनलाइन मिला कर डाटा जमा हुआ है। बाकी 75 फीसद डाटा यानि जमाबंदी नंबर का ना तो ऑनलाइन हुआ और ना ही ऑनलाइन। इसके चलते सर्वे कार्य में लगे अधिकारियों और कर्मियों को परेशानी बढ़ने वाली है।

अंचल क्षेत्र में 38 राजस्व ग्राम हैं। सभी राजस्व ग्राम में प्रथम चरण में ग्राम सभा हुआ और दूसरे चरण में भी ग्राम सभा का आयोजन कर लोगों को अपना जमीन संबंधित दस्तावेज ऑफलाइन या ऑनलाइन जमा करने के लिए जागरूक किया गया।

इसके बावजूद जमीन मालिकों ने अपने कागज जमा नहीं किए। जो जमा भी हुए तो उनमें भी कई प्रकार की गड़बड़ी होने की बातें कही जा रही है।

ग्राम सभा के 45 दिन के अंदर जमा होने थे कागजात

बिहार भू-सर्वे के लिए जारी नियम के तहत अगर किसी राजस्व ग्राम में ग्राम सभा का आयोजन होता है तो उसके 30 से 45 दिन के अंदर सभी को कागजात ऑफलाइन या ऑनलाइन जमा कर देना था। बार-बार कहे जाने के बावजूद अधिकांश लोगों ने कागज जमा नहीं किये।

परिणाम हुआ कि मात्र 10 से 15 हजार ही जमाबंदी के कागजात जमा हो सके। जमीन मालिकों के पास कई तरह की परेशानियां आती रहीं, जिसके चलते कागजात जमा नहीं हो सके।

अब आया किश्तवार का समय

पिछले तीन-चार दिनों से बिहार भूमि सर्वे का पोर्टल बंद हो गया है या किसी तकनीकी कारण से उस पर आवेदन अपलोड नहीं हो रहा है। ऐसे में लोग अंचल कार्यालय से लेकर सर्वे कार्यालय तक चक्कर लगाने लगे हैं। ऑनलाइन सेंटर पर भी आवेदन का ऑनलाइन नहीं हो रहा।

जमीन मालिकों के पसीने छूटने लगे हैं। जमीन मालिकों की चिंता भी बढ़ने लगी है। अगर पोर्टल काम नहीं किया तो क्या होगा। सर्वे कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन जमा करने के बाद भी उसका ऑनलाइन नहीं होगा तो कोई फायदा नहीं होगा।

अंचल के सभी 38 राजस्व मौजा के लिए 10 अमीन तैनात हैं जो अब पहले से जमा आवेदन के साथ लोगों के जमीन पर पहुंचेंगे। जानकारी अनुसार पहले जमा आवेदन का निष्पादन होगा फिर अब ऑने वाले आवेदन पर विचार हो सकता है। वैसे कहा जा रहा है कि सभी जमीन का सर्वे होगा तभी जाकर सर्वे बंद होगा।

क्या करेंगे जमीन मालिक

वैसे जमीन मालिक जिनके द्वारा अभी तक कागजात जमा नहीं किया गया इंतजार करना पड़ेगा। या तो बिहार सर्वे का पोर्टल खुलने पर ऑनलाइन कर सकेंगे या फिर ऑफलाइन जमा करेंगे और दोनों नहीं होने पर समय का इंतजार करना पड़ेगा।

जानकारी अनुसार ऑनलाइन सेंटर से जो आवेदन भेजे गए हैं उसमें कई प्रकार की गड़बड़ियां है। अधिकांश आवेदन में सभी आवश्यक कागजात नहीं लगाए गए जिसके चलते हो सकता है कि वैसे जमीन मालिकों से दोबारा कागजात की मांग हो।

ऑनलाइन सेंटर चला रहे लोगों को जमीन संबंधित सही जानकारी नहीं होने के कारण ऑनन-फानन में कई आवेदन का ऑनलाइन कर दिया गया है।

अंचलाधिकारी धीरज कुमार से पूछने पर कहा कि अंचल क्षेत्र में 49000 से अधिक जमाबंदी है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे रजिस्ट्री होता है जमाबंदी की संख्या बढ़ती जाती है।

इस संबंध में पूछे जाने पर कानूनगो विकास कुमार ने कहा कि अभी जो बिहार भूमि सर्वे को लेकर के समय निर्धारित था उसके अनुसार किश्तवार का समय आ गया है। अब अमीन ऑनलाइन या ऑफलाइन जो आवेदन प्राप्त हुआ है उसके साथ जमीन पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब सभी लोग किश्तवार में लग जाएंगे।

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