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Kharif Crops Season: क्लस्टर बनाकर किसान करेंगे मोटे अनाज की खेती, अनुदान पर मिलेगा बीज

मोटे अनाज में शामिल ज्वार बाजरा रागी मक्का कोनी चीना मरुआ आदि की खेती के लिए 12448 एकड़ में कुल 191 क्लस्टर के लिए अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। इसको लेकर विभाग को लक्ष्य प्राप्त हो चुका है। प्राप्त लक्ष्य को विभाग ने प्रखंडवार वितरण कर किसानों से ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है।

By Sunil Kumar Edited By: Rajat Mourya Published: Tue, 21 May 2024 07:05 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2024 07:05 PM (IST)
क्लस्टर बनाकर किसान करेंगे मोटे अनाज की खेती, अनुदान पर मिलेगा बीज

जागरण संवाददाता, सुपौल। जिले में जल्द ही लोगों की थाली में मोटे अनाज से बने व्यंजन भरे होंगे। कृषि विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। खरीफ सीजन में विभाग एक बार फिर मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन देने को ले कमर कस ली है। इसके लिए विभाग ने क्लस्टर के रूप में खेती को प्राथमिकता दी है।

मोटे अनाज में शामिल ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, कोनी, चीना, मरुआ आदि की खेती के लिए 12448 एकड़ में कुल 191 क्लस्टर के लिए अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। इसको लेकर विभाग को लक्ष्य प्राप्त हो चुका है।

प्राप्त लक्ष्य को विभाग ने प्रखंडवार वितरण कर किसानों से ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। विभाग का मानना है कि कम पानी की आवश्यकता होने के कारण किसानों का खर्च घटता है। इससे किसानों की आय बढ़ती है।

25-25 हेक्टेयर का बनाया गया है क्लस्टर

मोटे अनाज की खेती को लेकर विभाग ने जो प्लान तैयार किया है उसके मुताबिक प्राप्त लक्ष्य में से आधे से अधिक खेती क्लस्टर के रूप में करने का फैसला लिया है। इसके लिए विभाग द्वारा 25-25 हेक्टेयर का क्लस्टर बनाकर मोटे अनाज की खेती को लेकर किसानों का चयन किया है।

विभाग का मानना है कि धान, गेहूं की तुलना में मोटे अनाज की फसलों में सिंचाई, उर्वरक व मजदूरों में लगभग 20 फीसद लागत खर्च कम होता है, लेकिन उत्पादन अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक होता है। ऐसे में यह खेती किसानों की आय दोगुनी करने में मददगार साबित होती है।

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ज्वार प्रत्यक्षण के लिए 2400 एकड़ में एक क्लस्टर, बाजार प्रत्यक्षण के 2400 एकड़ में दो क्लस्टर, रागी के 2400 एकड़ में 63 कलस्टर चीना, मरुआ के 2400 एकड़ के लिए 10 क्लस्टर संकर मक्का के 463 एकड़ के लिए 18 तथा अनुदानित दर पर संकर मक्का बीज वितरण के 2425 एकड़ के लिए 97 क्लस्टर का गठन किया गया है। क्लस्टर के रूप में मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को अलग-अलग फसल के लिए निर्धारित दर पर अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से फायदेमंद है मोटा अनाज

एक समय था जब जिले की हर थाली में ज्वार, बाजरा, मरुआ चीना आदि से बने व्यंजन से थाली भरी रहती थी। यह अनाज स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से काफी फायदेमंद होता था। विभाग की मानें तो मोटे अनाज की खेती से एक और जहां कुपोषण की समस्या से निपटने का नया मार्ग खुलेगा तो दूसरी ओर किसानों की आय दोगुनी होने में देर नहीं लगेगी। फिलहाल यह पहला मौका है जब जिला को मोटे अनाज की खेती के लिए अधिक लक्ष्य प्राप्त हुआ है।

अब देखने वाली बात होगी कि विभाग इस खेती को ले कितने किसानों को इस ओर मोड़ पाते हैं। हालांकि रबी सीजन में विभाग को इसमें काफी सफलता मिली है। इस सीजन में विभाग को 14 हजार हेक्टेयर में मक्का खेती का लक्ष्य मिला था लेकिन जिले में इसकी खेती करीब 23 हजार हेक्टेयर में हुई।

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