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Bihar Politics: नीतीश कुमार के सांसदों ने PM Modi से कर दी बड़ी डिमांड, पूरा होते ही कोसी के कोप से मिल जाएगी मुक्ति

नीतीश कुमार के सांसदों ने जदयू संसदीय दल के नेता दिलेश्वर कामैत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात में उन्होंने पीएम मोदी को एक पत्र भी सौंपा। सांसदों ने मांग की कि कोसी-मेची अंतः राज्यीय परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी ले आई जाए। पत्र में कोसी नदी की बाढ़ के कारण होने वाली त्रासदी को देखते हुए कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया है।

By Bharat Kumar Jha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 28 Jun 2024 02:51 PM (IST)
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जदयू सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से मिलते दिलेश्वर कामैत।

जागरण संवाददाता, सुपौल। जदयू संसदीय दल के नेता दिलेश्वर कामैत ने जदयू के सभी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और एक पत्र समर्पित कर कोसी-मेची अंतः राज्यीय परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया है।

पत्र में उन्होंने कहा है कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में कोसी नदी हर साल बाढ़ के कारण भयावह स्थिति उत्पन्न करती है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता है और विभिन्न संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत हिमालयी घटक के अंतर्गत 14 नदियों को परस्पर जोड़ने की योजना है, जिसमें नदियों के इंटर-लिंकिंग की परियोजनाओं में से एक कोसी-मेची लिंक को प्राथमिकता दी गई है। इस योजना की प्रगति पर चर्चा के बावजूद, अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि माननीय मंत्री जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में 14.12.2023 को संपन्न राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण की 37 वीं वार्षिक सामान्य बैठक एवं नदी जोड़ योजना हेतु गठित विशेष समिति की 21वीं बैठक में बिहार राज्य की महत्वाकांक्षी कोसी मेची अंत: राज्यीय परियोजना के फंडिंग पैटर्न पर चर्चा हुई थी। परंतु अभी तक उक्त परियोजना के कार्यान्वयन हेतु कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

उन्होंने आग्रह किया है कि इस परियोजना के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कुल लागत राशि का 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्यों द्वारा फंडिंग पैटर्न को स्वीकृति दी जाए।

पत्र की प्रति प्रधानमंत्री के साथ-साथ संबंधित मंत्रालयों को भी भेजी गई है, ताकि इस महत्वपूर्ण परियोजना को जल्द से जल्द क्रियान्वित किया जा सके और बाढ़ की समस्या से निपटा जा सके।

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