बिहार के शिक्षकों पर एक और भार! अब CBSE की तर्ज पर स्कूलों में होगी पढ़ाई, तय समय में खत्म करना होगा नया सिलेबस
अब प्रारंभिक स्कूलों में टीचर के हिसाब से नहीं बल्कि नए सिलेबस के आधार पर पढ़ाई होगी। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर निर्देश जारी किया है। बताया जा रहा है कि कक्षा एक से आठ में पढ़ने वाले बच्चों को हर हाल में फरवरी तक सिलेबस कंप्लीट कराना अनिवार्य है। इसको लेकर मार्च में रिवीजन और वार्षिक परीक्षा ली जानी है।
जागरण संवाददाता, सुपौल : बिहार के शिक्षकों के कंधों पर सरकार ने एक और जिम्मेदारी सौंप दी है। प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक अब अपने अनुसार नहीं, बल्कि तय किए गए सिलेबस के अनुसार बच्चों की पढ़ाई कराएंगे।
इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रारंभिक विद्यालयों का सिलेबस नए तरीके से जारी कर इसे लागू करने को कहा है।
नए सिलेबस के मुताबिक प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को हर हाल में फरवरी माह तक पढ़ाई को पूरा कर दिया जाना है। फिर मार्च में रिवीजन और वार्षिक परीक्षा ली जानी है। विभाग द्वारा जारी सिलेबस को सुपौल जिले में लागू कर दिया गया है। यह व्यवस्था अन्य जिलों में भी लागू होगी।
तय समय पर पाठ पूरा कराना अनिवार्य
इसको लेकर जारी निर्देश में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नए सिलेबस के अनुसार विद्यालय में पठन-पाठन सुनिश्चित करने को लेकर सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। नए सिलेबस में पहली से आठवीं कक्षा के विषय पर किस माह में कितने पाठ को पूरा करना है, यह तय कर दिया गया है।
इसको लेकर डीईओ ने सभी प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की जिम्मेदारी तय कर दी है कि वह शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार बच्चों को पाठ पूरा कराना सुनिश्चित करेंगे।
सिलेबस के आधार पर बच्चों का मूल्यांकन
नए शैक्षणिक कैलेंडर में बच्चों को दिए जाने वाले गृह कार्य व मूल्यांकन को लेकर भी कौन-कौन से कार्य होंगे, यह तय किया गया है। कहा गया है कि गृह कार्य पठन-पाठन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह बच्चों में बुनियादी कौशल को बढ़ाता है। इसीलिए बच्चों को नियमित रूप से गृह कार्य दिए जाएंगे।
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इसी के आधार पर बच्चों का मूल्यांकन भी कराया जाएगा। गृह कार्य को बच्चे पूरा किए हैं या नहीं इसकी जांच अगले दिन शिक्षक करेंगे। गृह कार्य को लेकर अगले दिन शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों की कॉपी जांच कर हस्ताक्षर करेंगे। यदि संभव होगा तो इस पर अभिभावकों का भी हस्ताक्षर लिया जाएगा।