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JDU के बाद RJD में भी तकरार! इन दो नेताओं ने खोल दिया मोर्चा, नीतीश के बाद Lalu Yadav की बढ़ेगी टेंशन

Bihar Politics जदयू के बाद अब राजद में भी तकरार देखने को मिल रही है। राजद के दो वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की अंदरूनी कलह को सबके सामने ला दिया है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव यदुवंश कुमार यादव ने पूर्व सांसद विश्व मोहन कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विश्व मोहन कुमार ने पार्टी के खिलाफ बयान देकर गलत किया है।

By Rajesh Kumar Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 28 Dec 2023 10:17 PM (IST)
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JDU के बाद RJD में भी तकरार! इन दो नेताओं ने खोल दिया मोर्चा (फाइल फोटो)

संवाद सूत्र, किशनपुर (सुपौल)। पूर्व विधायक सह राजद राष्ट्रीय महासचिव यदुवंश कुमार यादव ने गुरुवार को अपने आवास पर प्रेसवार्ता की। उन्होंने हाल के दिनों में पूर्व सांसद विश्व मोहन कुमार के दिए बयान पर अपनी घोर आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि इनका आरोप लगाना और दल की नीति से भटकने का बयान देना यह सर्वथा गलत है।

राजद के वरिष्ठ नेता यदुवंश कुमार यादव ने कहा कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व की नीति व सिद्धांत पर कायम रहकर पूरी मजबूती से काम कर रही है। उन्होंने कहा, "जहां तक दल की जागीर का सवाल है तो ऐसी भावना अगर कहीं से होती तो इन्हें पिपरा से दल का उम्मीदवार ही नहीं बनाया जाता, लेकिन इन्हें उम्मीदवार बनाकर दल के सभी कार्यकर्त्ता पूरी निष्ठा से लगे रहे।"

प्रेस वार्ता में बोलते पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव।

'विरोधाभास प्रतीत हो रहा है'

यादव ने कहा कि एक तरफ इनका कहना है कि दल के नेता किसी गैर दल की गोद में चले गए हैं और दूसरी तरफ दल के मजबूती की भी चर्चा करना विरोधाभास प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ए टू जेड की है। सभी वर्ग के लोगों को पद एवं सम्मान देते हुए सबके हक और हुकूक की लड़ाई लड़ने का काम करती रही है। सभी वर्ग के लोगों की आस्था दल के नेता नीति एवं नेतृत्व में कायम है।

पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार। फोटो- जागरण

पूर्व सांसद विश्व मोहन कुमार ने क्या कहा था?

दरअसल, बीते दिनों पूर्व सांसद विश्व मोहन कुमार ने कहा था कि युवा नेतृत्व की जो छवि लेकर तेजस्वी यादव ने लोगों में एक उम्मीद जगाई थी वह विलुप्त हो चुकी है। खासकर जदयू से जुड़ने के बाद पार्टी की धार कुंद हो गई है। पार्टी संगठन पर कब्जा जमाए नेताओं ने संगठन को गिरवी रख दिया है। परिणाम है कि कार्यकर्ता स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। खासकर सीमांचल में पार्टी की स्थिति काफी दयनीय है। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ है। संगठन में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

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