Bihar News: सुपौल में P.T.C प्रशिक्षुओं के खाने में मिली सल्फास की गोलियां, 250 प्रशिक्षुओं की बिगड़ी तबीयत
बिहार के सुपौल में भीमनगर स्थित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की 12 वी एवं 15 वी बटालियन में ट्रेनिंग के लिए आए लगभग 250 जवान की खाना खाने के बाद तबीयत बिगड़ गई। सभी जवानों का वीरपुर अनुमंडल अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। एसडीएम ने कहा कि मामला फूड प्वॉइजनिंग का है। जवानों का इलाज किया जा रहा है। स्थिति सामान्य है।
संवाद सूत्र, वीरपुर (सुपौल)। बिहार के सुपौल में भीमनगर स्थित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल की 12वीं एवं 15वीं बटालियन में ट्रेनिंग के लिए आए लगभग 250 जवानों की तबीयत फूड प्वॉइजनिंग के कारण रविवार को बिगड़ गई। वीरपुर अनुमंडलीय अस्पताल में इनका उपचार किया जा रहा है।
जवानों ने आरोप लगाया कि उन्हें खाना बनाने की जगह पर सल्फास की पुड़िया मिली। जवानों ने लगातार खराब खाना देने का भी आरोप लगाया है।
रविवार दोपहर भोजन के बाद बाद बिगड़ी तबीयत
बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर के भोजन के बाद सभी की तबीयत बिगड़ी। जवानों को उल्टी और दस्त हो रहे हैं। रात 10 बजे तक लगभग 250 जवान अनुमंडलीय अस्पताल पहुंच गए थे।
भीमनगर थानाध्यक्ष दीपक कुमार और वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर जवानों से उनका हाल-चाल जाना।
जवानों ने पहले भी खराब खाना दिए जाने की शिकायत की थी
जवानों की भीड़ के बीच से एक प्रशिक्षु जवान मुकेश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान लगातार उन्हें खराब खाना दिया जा रहा था। प्रशिक्षु लगातार इस खाने का विरोध कर रहे थे।
रविवार को खाना खाने के बाद ट्रेनिंग कर कर रहे जवानों की तबीयत बिगड़ने लगी। जब जवान रसोईघर में पहुंचे तो वहां उन्होंने सल्फास की पुड़िया भी देखी।
उपचार के क्रम में जवानों ने किया हंगामा
अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचने पर जवानों ने उपचार में दिक्कत को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इनका कहना था कि इतने बड़े अस्पताल में मात्र एक चिकित्सक द्वारा उपचार किया जा रहा है। उपचार होते-होते सुबह हो जाएगी।
कई जवानों ने बताया कि अस्पताल में दवा भी नहीं है। बाहर से दवा खरीदकर लानी पड़ रही है। एसडीएम ने कहा कि फूड प्वाइजनिंग का मामला है। उपचार किया जा रहा है और स्थिति सामान्य है।
डीएसपी सुरेंद्र कुमार ने बातया कि वे अस्पताल में ही हैं। खाना बनाने की जगह पर कीटनाशक की पुड़िया मिली है। कौन सा कीटनाशक है, इसकी बिना जांच के पुष्टि नहीं की जा सकती है। विशेषज्ञ से जांच करवाने के बाद ही वे कुछ कह सकते हैं।
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