असरदार नहीं हो सका वाट्सएप पर सेल्फी, स्थिति जस की तस
शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में पठन-पाठन स्थिति को सु²ढ़ करने के लिए लगातार प्रयास में लगे हुए हैं। इसके लिए समय से शिक्षकों की उपस्थिति को विभागीय पोर्टल पर डालना बच्चों को दोपहर में मीनू के आधार पर भोजन दिलाने सहित अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जा रही है।
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में पठन-पाठन स्थिति को सु²ढ़ करने के लिए लगातार प्रयास में लगे हुए हैं। इसके लिए समय से शिक्षकों की उपस्थिति को विभागीय पोर्टल पर डालना बच्चों को दोपहर में मीनू के आधार पर भोजन दिलाने सहित अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। इतने के बाद भी प्रखंड क्षेत्र के कई विद्यालयों में हालात जस की तस दिखाई देती है। कई शिक्षक बिना विद्यालय गए प्रधानाध्यापक की कृपा से अपनी सेल्फी वाट्सएप ग्रुप पर डाल कर घर पर आराम फरमाते हैं तो कहीं विद्यालय में उपस्थिति दर्ज कराते ही शिक्षक अपने अपने घर चले जाते हैं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विद्यालय में हो रही गड़बड़ी को रोकने के प्रति तत्परता नहीं दिखाने से अभिभावकों में आक्रोश दिखाई देने लगा है।
मंगलवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरा खुर्द पुनर्वास में दोपहर के समय एक भी बच्चे उपस्थित नहीं थे। विद्यालय में कार्यरत पांच शिक्षकों में से चार मौजूद थे। प्रधान ने बताया कि विद्यालय में जलजमाव रहने के कारण बच्चे दो अगस्त से बच्चे विद्यालय आना छोड़ दिए हैं इसलिए एमडीएम भी बंद है। आज कुछ बच्चे आए थे लेकिन वे अपने अपने घर भोजन करने चले गए। प्रधान ने कहा कि विद्यालय में 291 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। प्राथमिक विद्यालय रमेश अरगरिया टोला भपटियाही पुनर्वास में दोपहर 1:30 बजे 21 बच्चे भोजन कर रहे थे। वहां भोजन बनाने वाली रसोईया और विद्यालय प्रधान भी मौजूद मिले। प्रधान ने कहा कि विद्यालय में 224 छात्र-छात्राओं का नामांकन है लेकिन अधिकांश छात्र-छात्रा विद्यालय नहीं आते हैं। जब उनसे पूछा गया कि 224 नामांकन में से मात्र 21 बच्चे उपस्थित हैं तो विभागीय अधिकारी को कितने बच्चों की उपस्थिति दिखाएंगे तो वह चुप रह गए। रसोईया ने बताया कि मात्र तीन किलो चावल में काम चल जाता है।