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असरदार नहीं हो सका वाट्सएप पर सेल्फी, स्थिति जस की तस

शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में पठन-पाठन स्थिति को सु²ढ़ करने के लिए लगातार प्रयास में लगे हुए हैं। इसके लिए समय से शिक्षकों की उपस्थिति को विभागीय पोर्टल पर डालना बच्चों को दोपहर में मीनू के आधार पर भोजन दिलाने सहित अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जा रही है।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 17 Aug 2022 01:56 AM (IST)
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असरदार नहीं हो सका वाट्सएप पर सेल्फी, स्थिति जस की तस

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में पठन-पाठन स्थिति को सु²ढ़ करने के लिए लगातार प्रयास में लगे हुए हैं। इसके लिए समय से शिक्षकों की उपस्थिति को विभागीय पोर्टल पर डालना बच्चों को दोपहर में मीनू के आधार पर भोजन दिलाने सहित अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। इतने के बाद भी प्रखंड क्षेत्र के कई विद्यालयों में हालात जस की तस दिखाई देती है। कई शिक्षक बिना विद्यालय गए प्रधानाध्यापक की कृपा से अपनी सेल्फी वाट्सएप ग्रुप पर डाल कर घर पर आराम फरमाते हैं तो कहीं विद्यालय में उपस्थिति दर्ज कराते ही शिक्षक अपने अपने घर चले जाते हैं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विद्यालय में हो रही गड़बड़ी को रोकने के प्रति तत्परता नहीं दिखाने से अभिभावकों में आक्रोश दिखाई देने लगा है।

मंगलवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरा खुर्द पुनर्वास में दोपहर के समय एक भी बच्चे उपस्थित नहीं थे। विद्यालय में कार्यरत पांच शिक्षकों में से चार मौजूद थे। प्रधान ने बताया कि विद्यालय में जलजमाव रहने के कारण बच्चे दो अगस्त से बच्चे विद्यालय आना छोड़ दिए हैं इसलिए एमडीएम भी बंद है। आज कुछ बच्चे आए थे लेकिन वे अपने अपने घर भोजन करने चले गए। प्रधान ने कहा कि विद्यालय में 291 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। प्राथमिक विद्यालय रमेश अरगरिया टोला भपटियाही पुनर्वास में दोपहर 1:30 बजे 21 बच्चे भोजन कर रहे थे। वहां भोजन बनाने वाली रसोईया और विद्यालय प्रधान भी मौजूद मिले। प्रधान ने कहा कि विद्यालय में 224 छात्र-छात्राओं का नामांकन है लेकिन अधिकांश छात्र-छात्रा विद्यालय नहीं आते हैं। जब उनसे पूछा गया कि 224 नामांकन में से मात्र 21 बच्चे उपस्थित हैं तो विभागीय अधिकारी को कितने बच्चों की उपस्थिति दिखाएंगे तो वह चुप रह गए। रसोईया ने बताया कि मात्र तीन किलो चावल में काम चल जाता है।

विद्यालय के अगल-बगल के कुछ अभिभावकों ने बताया कि यही हाल रहता है। दो दर्जन से अधिक बच्चे विद्यालय में दिखाई नहीं देते लेकिन दैनिक उपस्थिति दो सौ से अधिक की दिखाई जाती है। अभिभावकों ने बताया कि शनिवार को विद्यालय में मात्र एक शिक्षिका उपस्थित थी। बच्चे नहीं आए थे और ना ही दोपहर का भोजन बना था। प्रधान और एक सहायक भी अपने-अपने घर पर थे। इसकी जानकारी बीआरसी कार्यालय को दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। बाद में मालूम हुआ कि प्रधान अपने घर पर बैठे-बैठे 211 बच्चों का उपस्थिति दिखा दिए। कुछ लोगों ने कहा कि अब तो विद्यालय पहुंचकर शिक्षकों को अपना उपस्थिति दिखाना है तो घर बैठे जो शिक्षक अपना सेल्फी विभागीय वाट्सएप पर डाल देते हैं।

प्राथमिक विद्यालय दाहु शर्मा टोला पिपरा खुर्द में एक भी बच्चे मौजूद नहीं थे। विद्यालय में कार्यरत तीनों शिक्षक उपस्थित मिले लेकिन बताया कि वह सब एक माह से वहां आते तो हैं लेकिन बच्चों का दर्शन नहीं होता है। शिक्षकों का कहना था कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने एक आदेश जारी कर प्रखंड के 20 भूमिहीन तथा भवनहीन विद्यालय को नजदीक के विद्यालय में टैग कर दिया। आदेश के आलोक में प्राथमिक विद्यालय दाहु शर्मा टोला पिपरा खुर्द और प्राथमिक विद्यालय दिनाय राम टोला नारायणपुर नए स्थान पर संचालित है जबकि अन्य विद्यालय अपने पुराने स्थान पर ही हैं। शिक्षक का कहना था कि नए स्थान पर एक भी बच्चे नहीं आ रहे हैं इसलिए यह हालात दिखाई दे रहा है।

इस संबंध में प्रखंड मध्याह्न भोजन प्रभारी रूपेश कुमार ने बताया कि जिन विद्यालयों में बच्चे नहीं रहे हैं उनकी जानकारी विभागीय कार्यालय को दी गई है। मध्याह्न भोजन के नाम पर फर्जी उपस्थिति दिखाने वाले प्रधान पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। किसी भी स्थिति में दोपहर के भोजन के नाम पर कागजी खानापूरी नहीं होगी। जहां-जहां से इस तरह के मामले आ रहे हैं वहां जांच कर कार्रवाई हेतु विभागीय कार्यालय को लिखा जाएगा।

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