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Bihar Police: निजी सुरक्षा के लिए पुलिस बल की सेवा लेना हुआ महंगा, अब हर रोज करने होंगे इतने खर्च

गृह विभाग के मुताबिक प्रतिनियुक्त पुलिस बल पर खर्च होने वाली राशि की प्रतिपूर्ति के लिए पहली बार समेकित दर का पुनरीक्षण मार्च 2003 में हुआ था। राज्य कर्मियों के वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप नौ साल बाद जनवरी 2012 में उक्त दर को संशोधित किया गया। अब राज्यकर्मियों के सप्तम वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप दर को संशोधित करने का प्रस्ताव को विभाग ने मंजूरी दे दी है।

By Shubham SharmaEdited By: Shubham SharmaUpdated: Sun, 15 Oct 2023 05:30 AM (IST)
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निजी सुरक्षा के लिए पुलिस बल की सेवा लेना हुआ महंगा। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना: अब बैंक, संस्थान, प्रतिष्ठान या निजी सुरक्षा के लिए पुलिस बल की सेवा लेना महंगा होगा। गृह विभाग ने निजी इकाइयों की सुरक्षा के लिए प्रतिनियुक्त पुलिस बल पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए समेकित दर बढ़ा दी है। विभाग ने नई संशोधित दर जारी कर दी है।

विभागीय जानकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति के लिए अब प्रतिदिन 5382 रुपये देने होंगे जबकि सिपाही के लिए 2663 रुपये प्रतिदिन की दर होगी। इसके अलावा दारोगा के लिए 4,301, सहायक अवर निरीक्षक के लिए 3,574, हवलदार चालक के लिए 3,120, हवलदार के लिए 3,086 और चालक सिपाही के लिए 2969 रुपये प्रतिदिन देने होंगे।

नियमित अंतराल पर की जाती है समीक्षा

विभागीय सूत्रों के मुताबिक सरकारी सेवाओं से इतर पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति किए जाने पर निर्धारित शुल्क लिए जाने का प्रविधान है। विधि-व्यवस्था और सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिलों में पुलिसकर्मियों को निजी प्रतिष्ठानों से लेकर बैंक व विशिष्ट व्यक्ति के अंगरक्षक के तौर पर प्रतिनियुक्ति करते हैं। सामान्य तौर पर यह प्रतिनियुक्ति निर्धारित समयावधि के लिए होती है। अधिक समयावधि के लिए प्रतिनियुक्ति किए जाने पर नियमित अंतराल पर इसकी समीक्षा की जाती है।

विभाग ने दे दी है मंजूरी

गृह विभाग के मुताबिक प्रतिनियुक्त पुलिस बल पर खर्च होने वाली राशि की प्रतिपूर्ति के लिए पहली बार समेकित दर का पुनरीक्षण मार्च 2003 में हुआ था। राज्य कर्मियों के वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप नौ साल बाद जनवरी 2012 में उक्त दर को संशोधित किया गया। अब राज्यकर्मियों के सप्तम वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप उक्त दर को पुन: संशोधित करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन था, जिसे विभाग की मंजूरी दे दी है।

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