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Bihar Flood News: राहत शिविर में छोटे बच्चों को नहीं मिल रहा दूध, पशुओं की भी हालत खराब; पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

Bihar Flood News बिहार के वैशाली जिले में बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाजीपुर में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों को मदद का आश्वासन दिया। राहत शिविर में खाने दवा और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं लेकिन कुछ लोगों ने शिविर में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने की शिकायत की।

By Ravikant Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 24 Sep 2024 12:07 PM (IST)
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बिहार में बाढ़ से बढ़ी बच्चों की परेशानी (जागरण)

रविकांत सिंह, हाजीपुर। अभी तीन दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाजीपुर में बाढ़ से पैदा हुए हालात का जायजा लिया था। बाढ़ राहत शिविर में पहुंच मुख्यमंत्री ने सभी पीड़ितों को पर्याप्त मदद का निर्देश वैशाली जिला प्रशासन काे दिया था।

मौके पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि सरकार के खजाने पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। इधर, वैशाली जिले के राघोपुर, हाजीपुर, महनार समेत कई प्रखंड में पिछले कई दिनों से बाढ़ के पानी से लबालब भरे हुए हैं। बीते तीन दिनों से पानी तेजी से घटा है लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें अभी बरकरार है।

वहीं गंगाब्रिज थाना के निकट एवं रामभद्र स्थित रामचौरा मंदिर परिसर में जिला प्रशासन की ओर से राहत शिविर लगाया गया है। राहत शिविर में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोई के माध्यम दो टाइम चावल, दाल और सब्जी की व्यवस्था की गई है।

बच्चों के लिए दूध तो पशु के लिए चारा की नहीं हो पा रही व्यवस्था

वहीं शिविर लगा छोटे बच्चे, महिला, पुरुष, बुजुर्ग एवं मवेशी के लिए दवा का वितरण किया जा रहा है। इधर, पशु राहत शिविर में पशु के लिए चारा की व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं सामुदायिक रसोई में छोटे बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था नहीं की गई है।

बच्चों के अभिभावक दूध के लिए पशुपालक चारा के लिए परेशान हैं। राहत शिविर में चौकी पर बिना चादर बिछाए बाढ़ पीड़ित सो रहे हैं। वहीं प्रशासन के स्तर पर पालीथिन शीट का वितरण भी कराया गया है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि सभी बाढ़ पीड़ितों को पॉलीथिन शीट नहीं दिया गया है।

वहीं शिविर में शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है। भीषण गर्मी में बालू पर बने राहत शिविर में लोग रात दिन किसी तरह काट रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों की समस्या जानने के लिए सोमवार को दैनिक जागरण की टीम ने आन द स्पाट के तहत राहत शिविर और सामुदायिक रसोई की पड़ताल की तो कई समस्या सामने आई। दैनिक जागरण के प्रतिनिधि को बाढ़ पीड़ितों ने खुलकर अपनी समस्याएं बताई।

सुबह 10.50 बजे  

हाजीपुर कोनहारा रोड रामभद्र स्थित रामचौरा मंदिर परिसर में बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन की ओर से पशु शिविर एवं सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है। पशु शिविर में चिकित्सा एवं अन्य कर्मी बैठकर दवा का वितरण पशुपालक से पशु की समस्या पूछ कर कर रहे थे।

महिला-पुरुष काउंटर पर पर खड़े होकर दवा ले रहे थे। वहीं महिला पुरुष से छोटे बच्चे शिविर में चावल, दाल और सब्जी काउंटर से लेकर खा रहे थे। मौके पर मौजूद किसान हेला बाजार निवासी लखन राय, रामचौरा के झीमी लाल राय, रंजीत राय एवं रामभद्र निवासी रिंकू देवी ने बताया कि पिछले कई दिनों से शिविर में मवेशी को रखे हुए हैं। मवेशी के लिए चार की व्यवस्था नहीं की गई है।

जिसके कारण मवेशी का भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। वे लोग किसी तरह जान जोखिम में डालकर बाढ़ के पानी में जाकर पशु चारा की व्यवस्था करते हैं। मवेशी का दूध भी कम हो गया है। वहीं लोगों ने कहा कि शिविर में खाने के लिए दो टाइम चावल, दाल एवं सब्जी मिलता है। बच्चों के लिए दूध या अन्य सामान की व्यवस्था नहीं की गई है।

 सुबह 11.20 बजे  

गंगाब्रिज थाना के निकट बने सामुदायिक रसोई में खाना के लिए दो काउंटर लगाया गया है। दोनों काउंटर पर युवक खड़े होकर चावल दाल सब्जी परोस रहे थे। महिला-पुरुष और छोटे बच्चे लाइन में खड़े होकर खाना ले रहे थे। बातचीत के दौरान कुछ लोगों ने बताया कि शिविर में दो टाइम का खाना मिलता है। शिविर में बैठकर खाने के लिए कुर्सी-टेबल लगाया गया है। वहीं पानी पीने के लिए टैंकर लगाया गया है।

लोगों की शिकायत थी कि खाना गुणवत्ता पूर्ण नहीं रहता है। वहीं एक मवेशी के लिए दवा काउंटर और एक आदमी के लिए दवा काउंटर लगाया गया था। दोनों काउंटर पर स्वास्थ्य कर्मी बैठकर दवा का वितरण कर रहे थे। काउंटर पर खड़े महिला-पुरुष से स्वास्थ्य कर्मी बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद उचित सलाह एवं दवा दे रहे थे। शिविर में कुछ पुलिसकर्मी बैठकर अपनी ड्यूटी कर रहे थे।

सुबह 11.40 बजे  

गंगाब्रिज थाना के निकट दूसरे राहत शिविर में चौकी लगाकर टेंट में महिला-पुरुष अपने बच्चों के साथ आराम कर रहे थे। मौजूद बाढ़ पीड़ित चिश्ती निवासी कृपाली राय, पूजा देवी ने कहा कि पिछले कई दिनों से घर में पानी घुसने के कारण राहत शिविर में पिछले कई दिनों से अपने बच्चों और पशु के साथ रह रहे हैं।

शिविर में भैंस-गाय एवं बकरी के लिए चारा की व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं जान जोखिम में डालकर किसी तरह बाढ़ के पानी में जाकर पशु के लिए केला का थम और पत्ता लेकर आते हैं। पिछले कई दिनों से पर्याप्त पशुओं को भोजन नहीं मिलने के कारण भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है।

इसके कारण पशु का दूध भी कम हो गया है। वहीं लोगों ने कहा कि शिविर में दो टाइम चावल दाल सब्जी खाने के लिए मिलता है। जबकि बच्चों के लिए दूध और अन्य खाद्य सामग्री की व्यवस्था नहीं की गई है। बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि पिछले कई दिनों से बाढ़ के पानी में घर डूबा हुआ है।

बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिविर में आकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की थी। लेकिन अभी तक इलाके को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है। बाढ़ राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है।

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