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Vaishali News: बाढ़ में फंसे राघोपुर प्रखंड के लोगों की मांग नहीं हुई पूरी, अब सांसद और विधायक पर निकाल रहे गुस्सा

गंगा के जलस्तर में कमी से राघोपुर के बाढ़ पीड़ितों को थोड़ी राहत मिली है लेकिन अभी भी कई गांवों में पानी जमा हुआ है जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचन चलाए जा रहे हैं। स्थानीय लोग सांसद और विधायक के नहीं आने से नाराज हैं। राघोपुर को अभी तक बाढ़ग्रस्त घोषित नहीं किए जाने से किसान भी नाराज हैं।

By Ravikant Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 25 Sep 2024 03:29 PM (IST)
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राघोपुर में बाढ़ प्रभावित बच्चों को खाना खिलाते लोग

 संवाद सूत्र, राघोपुर। पिछले चार दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही कमी से राघोपुर के बाढ़ पीड़ितों ने थोड़ी राहत की सांस ली है। लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। रुस्तमपुर घाट से वीरपुर जाने वाली सड़क पर राघोपुर पश्चिमी चंदेल द्वार के निकट तक रोड से पानी निकल चुका है।

हालांकि पहाड़पुर, पूर्वी से वीरपुर गांव तक सड़क पर पानी जमा हुआ है। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले नौ दिनों से राघोपुर प्रखंड के 20 पंचायत के करीब 72 गांव में जमे बाढ़ के पानी से अब बीमारी का खतरा लोगों को सताने लगा है। 

लोग बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की कर रहे मांग

राघोपुर प्रखंड के लोग अपने इलाके को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं। ताकि किसानों को और गरीबों को मुआवजा मिल सके। लेकिन अब तक इसपर किसी नेता ने ध्यान नहीं दिया है। न ही सांसद दिख रहे हैं और न ही विधायक मिल रहे हैं।

सामुदायिक किचन में दोनों टाइम खाना खा रहे बाढ़ पीड़ित 

राघोपुर प्रखंड के 20 पंचायत में बाढ़ पीड़ितों के लिए पिछले कई दिनों से सामुदायिक किचन शुरू किया गया है। वहीं कई पंचायतों में दो जगह पर सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार करण आजाद टेंट हाउस से सामुदायिक किचन का संचालन कराया जा रहा है। जिसमें बाढ़ पीड़ितों को दोनों टाइम भोजन खिलाया जा रहा है।

प्रखंड विकास पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने सामुदायिक किचन का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि सभी जगह पर सामुदायिक किचन में बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन कराया जा रहा है।

बाढ़ पीड़ितों से मिलने नहीं पहुंचे सांसद और विधायक, लोग नाराज 

पिछले 10 दिनों से राघोपुर प्रखंड के सभी गांव में बाढ़ का पानी लबालब भरा हुआ। बीते तीन दिनों से पानी कुछ घटा है। बाढ़ पीड़ित पिछले दिनों से यह आस लगाए हुए हैं कि आपदा की घड़ी में सांसद और विधायक दुख बांटने और कुछ वितरण करने जरूर आएंगे।

लेकिन केंद्रीय मंत्री सह हाजीपुर सांसद चिराग पासवान एवं नेता विरोधी दल सह विधायक तेजस्वी प्रसाद यादव राघोपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने तक नहीं आए। जिसके कारण लोगों में काफी नाराजगी है। इंटरनेट मीडिया पर दोनों नेताओं के खिलाफ लोग लगातार टिप्पणी कर रहे हैं।

चर्चा है कि तेजस्वी प्रसाद यादव अपनी पत्नी और बच्चे के साथ दुबई यात्रा पर हैं। वहीं चिराग पासवान दिल्ली में है। इधर बाढ़ से प्रभावित लोग परेशानी में उनका इंतजार कर रहे हैं।

राघोपुर के बाढ़ग्रस्त घोषित नहीं होने से गुस्से में किसान 

राघोपुर प्रखंड के 20 पंचायत के करीब 72 गांव पिछले 8 दिनों से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। राघोपुर प्रखंड के लोग पिछले 08 दिनों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं। निचले इलाके वाले घरों में एवं घर के आस-पास बाढ़ का पानी भरा हुआ है। बीते दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा ब्रिज थाना के निकट राहत शिविर का निरीक्षण किये थे। बाढ़ पीड़ितों को आस जगी थी कि कम के निरीक्षण के बाद राघोपुर प्रखंड को बाढ़ घोषित क्षेत्र किया जाएगा। अब तक बाढ़ घोषित नहीं किए जाने पर राघोपुर के लोगों में काफी नाराजगी है।

 दियारे क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ में लगी फसल हुई बर्बाद 

राघोपुर प्रखंड के अलग-अलग पंचायत में मकई धान सब्जी एवं अन्य फसल बाढ़ के पानी में डूबने से बर्बाद हो गया। जिसके कारण किसान काफी परेशान है। किसानों का कहना है की बाढ़ के कारण खेतों में लगी फसल सब्जी बाढ़ के पानी में डूब गया जिसके कारण काफी नुकसान हुआ है।

वहीं तेरसिया, सरायपुर गांव में सैकड़ों एकड़ में लगी केले के पौधे पिछले कई दिनों से बाढ़ का पानी में डूबा हुआ है। बाढ़ के पानी में केला का पौधा डूबने के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सरकार के स्तर से बाढ़ घोषित नहीं किए जाने से काफी किस नाराज है।