Bihar Flood: बिहार के वैशाली जिले में गंगा नदी का कहर! बाढ़ के पानी से घिरी 3 लाख की आबादी
बिहार के वैशाली के राघोपुर प्रखंड में गंगा नदी की बाढ़ से करीब तीन लाख लोग प्रभावित हैं। बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है और बिजली आपूर्ति भी ठप है। इससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सामुदायिक रसोई में भी लोगों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल रहा है। प्रशासन द्वारा पर्याप्त नावें भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
संवाद सूत्र, राघोपुर। गंगा नदी के जलस्तर में पिछले दो दिनों से कमी आ रही है। इसके बावजूद वैशाली के राघोपुर प्रखंड के करीब तीन लाख लोगों पर अब भी संकट बरकरार है।
दिन में भीषण गर्मी और तेज धूप के बीच पानी और रात में मच्छर के कारण बाढ़ पीड़ित परेशान हो रहे हैं। रात में बाढ़ पीड़ित रतजगा कर रहे हैं। हाथ वाले पंखे के सहारे लोग रह रहे हैं।प्रखंड की मुख्य सड़कों पर पानी घटने के कारण वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। लगभग 9 दिनों से बाढ़ का पानी जमा होने के कारण अब भी मुसीबतें बनी हुई है। गांव में जमा पानी की सरांध से बीमारी फैलने का डर सता रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार, प्रशासनिक स्तर पर गांवों में ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव की व्यवस्था नहीं की गई है। निचले इलाकों के घरों में अभी भी पानी घुसा हुआ है। इसके कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बाढ़ पीड़ित परिवार आज भी सरकारी राहत कार्य चलाए जाने की आशा कर रहे हैं।
इस बीच प्रशासनिक स्तर पर विभिन्न पंचायत में सामुदायिक किचन शुरू किया गया है। लेकिन, मेन्यू के अनुसार लोगों को भोजन नहीं मिल रहा है। बाढ़ प्रभावितों को सिर्फ खिचडी-चोखा बनाकर खिलाया जा रहा है। उसमें भी गुणवत्ता की कमी देखी जा रही है।
पीड़ितों की शिकायत है कि सामुदायिक किचन में समय पर गुणवत्ता पूर्ण भोजन नहीं मिला रहा है। लोगों का आरोप है कि सामुदायिक किचन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।वहीं, पंचायत में संचालित सामुदायिक किचन सेंटर पर पंचायत के लोग भी नहीं पहुंच रहे हैं। कारण है कि पूरे पंचायत में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। किचन सेंटर के आसपास के लोग ही पहुंच रहे हैं।वहीं, पंचायत के लोगों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है। बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि सरकार के स्तर से पर्याप्त नाव उपलब्ध नहीं कराया गया है। वहीं, जिला एवं स्थानीय अधिकारी के द्वारा प्रखंड में पर्याप्त नाव एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है।
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