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Bihar Flood: बिहार के वैशाली जिले में गंगा नदी का कहर‍! बाढ़ के पानी से घिरी 3 लाख की आबादी

बिहार के वैशाली के राघोपुर प्रखंड में गंगा नदी की बाढ़ से करीब तीन लाख लोग प्रभावित हैं। बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है और बिजली आपूर्ति भी ठप है। इससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सामुदायिक रसोई में भी लोगों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल रहा है। प्रशासन द्वारा पर्याप्त नावें भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।

By Ravikant Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 22 Sep 2024 05:21 PM (IST)
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वैशाली के राघोपुर प्रखंड के करीब तीन लाख लोगों पर संकट। (सांकेतिक फोटो)
संवाद सूत्र, राघोपुर। गंगा नदी के जलस्तर में पिछले दो दिनों से कमी आ रही है। इसके बावजूद वैशाली के राघोपुर प्रखंड के करीब तीन लाख लोगों पर अब भी संकट बरकरार है।

दिन में भीषण गर्मी और तेज धूप के बीच पानी और रात में मच्छर के कारण बाढ़ पीड़ित परेशान हो रहे हैं। रात में बाढ़ पीड़ित रतजगा कर रहे हैं। हाथ वाले पंखे के सहारे लोग रह रहे हैं।

प्रखंड की मुख्य सड़कों पर पानी घटने के कारण वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। लगभग 9 दिनों से बाढ़ का पानी जमा होने के कारण अब भी मुसीबतें बनी हुई है। गांव में जमा पानी की सरांध से बीमारी फैलने का डर सता रहा है।

ग्रामीणों के अनुसार, प्रशासनिक स्तर पर गांवों में ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव की व्यवस्था नहीं की गई है। निचले इलाकों के घरों में अभी भी पानी घुसा हुआ है। इसके कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बाढ़ पीड़ित परिवार आज भी सरकारी राहत कार्य चलाए जाने की आशा कर रहे हैं।

इस बीच प्रशासनिक स्तर पर विभिन्न पंचायत में सामुदायिक किचन शुरू किया गया है। लेकिन, मेन्यू के अनुसार लोगों को भोजन नहीं मिल रहा है। बाढ़ प्रभावितों को सिर्फ खिचडी-चोखा बनाकर खिलाया जा रहा है। उसमें भी गुणवत्ता की कमी देखी जा रही है।

पीड़ितों की शिकायत है कि सामुदायिक किचन में समय पर गुणवत्ता पूर्ण भोजन नहीं मिला रहा है। लोगों का आरोप है कि सामुदायिक किचन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

वहीं, पंचायत में संचालित सामुदायिक किचन सेंटर पर पंचायत के लोग भी नहीं पहुंच रहे हैं। कारण है कि पूरे पंचायत में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। किचन सेंटर के आसपास के लोग ही पहुंच रहे हैं।

वहीं, पंचायत के लोगों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है। बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि सरकार के स्तर से पर्याप्त नाव उपलब्ध नहीं कराया गया है। वहीं, जिला एवं स्थानीय अधिकारी के द्वारा प्रखंड में पर्याप्त नाव एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है।

दिन में गर्मी तो रात में मच्छर

राघोपुर प्रखंड के करीब 20 पंचायत के 72 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। लोगों के घर के आस-पास बाढ़ का पानी भरा हुआ है। दिन में लोग भीषण गर्मी और बाढ़ के पानी से परेशान रहते हैं। खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्ग को भीषण गर्मी में परेशानी होती है।

वहीं, रात्रि में राघोपुर प्रखंड में बिजली नहीं रहने के कारण भीषण गर्मी में लोग मच्छर से काफी परेशान हो रहे हैं।

लोगों का कहना है कि बाढ़ के पानी के कारण मच्छर एवं अन्य कीडे-मकोड़े की संख्या काफी बढ़ गई है। बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण रात में मच्छर परेशान कर रहे हैं। बिजली न होने के कारण रात में सांप-बिच्छू और कीड़े-मकोड़े का डर बना रहता है।

पिछले 8 दिनों से बिजली आपूर्ति ठप

राघोपुर प्रखंड में बिजली आपूर्ति बंद किए जाने के बाद लोगों को रात्रि में खासकर अंधेरा में एवं मोबाइल चार्ज करने में काफी परेशानी होती है। बिजली नहीं रहने के कारण कई कंपनी के मोबाइल टावर भी काम नहीं कर रहा है। जिसके कारण लोग काफी परेशान हो रहे हैं।

लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से घर के आसपास एवं घर में पानी भरा हुआ है। रात्रि में सांप बिच्छू का डर सताता है। विभाग के द्वारा बिजली नहीं दी जा रही है। जिसके कारण मोबाइल कंपनी का नेटवर्क भी काम नहीं करता है और मोबाइल चार्ज करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। इमरजेंसी में किसी को सूचना भी नहीं दे सकते हैं।

मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र में पिछले आठ दिनों बिजली आपूर्ति ठप है। बीते 08 दिन पूर्व वीरपुर, चकसिंगर, शिव नगर करारी ,बरारी समेत अन्य गांव के 88 ट्रांसफार्मर को बंद कर दिया गया था। करीब चार दिन पहले से बिजली विभाग के द्वारा पूरे प्रखंड का बिजली आपूर्ति बंद कर दिया गया है।

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