Bihar: हाजीपुर के दारोगा साहब को गिरफ्तार करने का आदेश, बार-बार कर रहे थे न्यायालय की अवहेलना
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र पांडेय ने जानलेवा हमला मामले में बार-बार सूचना देने के बावजूद अदालत ने हाजीपुर के गंगाब्रिज थाने के दारोगा अरविंद कुमार पासवान को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए उपस्थित नहीं होने पर गंगाब्रिज थाने में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश वैशाली एसपी को दिया है।
जागरण संवाददाता, हाजीपुर। अदालत ने गंगाब्रिज थाने के दारोगा अरविंद कुमार पासवान को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। जानलेवा हमला मामले में बार-बार सूचना देने के बावजूद न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए उपस्थित नहीं होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र पांडेय ने यह आदेश दिया है। न्यायाधीश ने वैशाली एसपी को अरविंद कुमार पासवान को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
अपर लोक अभियोजक शब्द कुमार ने बताया कि गंगाब्रिज थाने में दर्ज एक केस के जांचकर्ता अरविंद कुमार पासवान को बार-बार स्मारित कराए जाने के बावजूद न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। इतना ही नहीं मंगलवार को उन्होंने लोक अभियोजक के लिपिक को कोई जानकारी नहीं होने की बात कहकर न्यायालय में उपस्थिति देने से इनकार कर दिया।
इसकी सूचना न्यायालय को दी गई। इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अनुसंधानक अरविंद कुमार पासवान के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर एसपी को उन्हें गिरफ्तार कर 13 अक्टूबर को न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है।
महिला थानाध्यक्षों की बढ़ेगी संख्या
जागरण संवाददाता, पटना। आईआईटी पटना में एनसीडब्ल्यू ने बिहार में महिला पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली, दक्षता और प्रभावशीलता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया है। निदेशक प्रो. टीएन सिंह व अतिथियों ने मंगलवार को इसका शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि बिहार में सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ महिलाएं उठा रही हैं। इनकी कार्यप्रणाली और दक्षता हमें प्रेरित करने वाली है, लेकिन कई मोर्चों पर इन्हें पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
पुलिस एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में महिला पुलिस थाने हैं। इसकी कुल संख्या 40 है। महिला पुलिस सहायता डेस्क की भी शुरूआत की गई है।
20 प्रतिशत अपर थानाध्यक्ष महिलाएं
पुलिस विभाग में महिलाओं की सक्रियता बढ़ाने, उनकी नई भूमिका तय करने तथा नई संभावना के लिए विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है।
अभी थानों में 20 प्रतिशत अपर थानाध्यक्ष का कार्यभार महिलाओं को सौंपा गया है। ये सभी भविष्य की थानाध्यक्ष हैं।
कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों के निष्पादन के लिए राज्य में 59 स्थलों पर आंतरिक समिति गठित की गई है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुतापा सान्याल ने लैंगिक रूढ़िवादिता पर कहा कि महिला पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय सुविधाओं और कार्यस्थल तक परिवहन सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए।
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