हाजीपुर नगर परिषद की मुख्य पार्षद संगीता की गई कुर्सी
नगर परिषद में सुरक्षा के व्यापक बंदोवस्त होंगे। बताया कि नगर परिषद में सुरक्षा के व्यापक बंदोवस्त होंगे। बताया कि नगर परिषद में सुरक्षा के व्यापक बंदोवस्त होंगे। बताया कि नगर परिषद में सुरक्षा के व्यापक बंदोवस्त होंगे। बताया कि
हाजीपुर : पिछले करीब दो माह से जारी रस्साकसी एवं लंबे बाद इंतजार के बाद शुक्रवार को हाजीपुर नगर परिषद में मुख्य पार्षद संगीता कुमारी एवं उप मुख्य पार्षद रमा निषाद के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को विशेष बैठक हुई। मुख्य पार्षद संगीता कुमारी को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उप मुख्य पार्षद रमा निषाद अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहीं। 39 पार्षदों वाले हाजीपुर नगर परिषद में हुए मतदान में मुख्य पार्षद संगीता कुमारी के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 23 एवं विरोध में 15 पार्षदों ने मतदान किया। इस तरह मुख्य पार्षद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया और उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उधर, उप मुख्य पार्षद रमा निषाद के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 19 पार्षदों ने मतदान किया। विरोध में सिर्फ एक पार्षद ने मतदान किया। इस तरह बहुमत के आधार पर उप मुख्य पार्षद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव बहुमत के आधार पर खारिज कर दिया गया और उनकी कुर्सी बरकारार रह गई। मुख्य पार्षद की कुर्सी के लिटमस टेस्ट से ही सबकुछ हो गया स्पष्ट
मुख्य पार्षद की कुर्सी के लिटमस टेस्ट से ही सत्ता एवं विपक्ष दोनों को अपनी ताकत का अंदाजा लग गया। सत्तापक्ष ने कुर्सी को बरकरार रखने एवं विपक्ष ने पदच्युत कर कुर्सी पर कब्जा जमाने को अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी। मतदान के पूर्व दोनों ही ओर से बहुमत के दावे के बीच आखिरी वक्त में पार्षदों को अपने-अपने पक्ष में एकजुट करने को लेकर हर दांव आजमाया गया। सत्तापक्ष एवं विपक्ष दोनों ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ रखा था। भाजपा सांसद अजय एवं विधायक अवधेश की प्रतिष्ठा लगी थी दांव पर नगर परिषद की कुर्सी के इस दिलचस्प खेल में राजनीति के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। एक ओर नगर परिषद की हुकूमत जिस उप मुख्य पार्षद रमा निषाद के हाथों में है, उनके पति अजय निषाद मुजफ्फरपुर से भाजपा के सांसद हैं। हाजीपुर से भाजपा के विधायक अवधेश कुमार सिंह के नेतृत्व में पूरी टीम सत्ता को बरकरार रखने को मुस्तैद थे। उधर, नगर पार्षद निकेत कुमार सिन्हा उर्फ डब्लू के नेतृत्व में विपक्षी गुट ने भी सत्तापक्ष को पदच्युत करने को पूरी ताकत झोंक रखी थी लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। मुख्य पार्षद की कुर्सी को सबसे पहले गुजरना पड़ा अग्निपरीक्षा के दौर से हाजीपुर नगर परिषद में कुर्सी के खेल में मुख्य पार्षद की कुर्सी को सबसे पहले अग्निपरीक्षा के दौर से गुजरना पड़ा। मुख्य पार्षद संगीता कुमारी के द्वारा बगावत कर विपक्ष से हाथ मिलाने को लेकर सत्तापक्ष ने उन्हें पदच्युत करने का मन बना लिया था। इस बीच हालांकि विपक्ष की ओर से आखिरी वक्त तक यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि वह वर्तमान मुख्य पार्षद की कुर्सी पर संगीता को बरकरार रखने को लेकर दांव आजमाता है या फिर कोई नया चेहरा लेकर मैदान में आता है। चर्चाएं दोनों तरह की ही थी। विपक्ष के लिए अपनों से बगावत करने वाली संगीता को पद पर कायम रखने का आशा के अनुरुप दांव विपक्षी गुट ने आजमाया, हालांकि सफलता नहीं मिल सकी। हालांकि, इस बीच यह भी चर्चा थी कि कुर्सी के इस खेल में एक पार्षद काफी सक्रिय भूमिका में हैं, इसके पीछे उनकी नजर मुख्य पार्षद की कुर्सी पर है। खैर, मुख्य पार्षद के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की बैठक के साथ ही इस रहस्य पर से पर्दा उठ गया। नगर परिषद के सभागार में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को हुई विशेष बैठक कार्यपालक पदाधिकारी सिद्धार्थ हर्षवर्द्धन की देखरेख में नगर परिषद के सभागार में मुख्य एवं उप मुख्य पार्षद के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर विशेष बैठक हुई। बैठक में शामिल होने के लिए कार्यपालक पदाधिकारी के स्तर पर सभी पार्षदों को बैठक की सूचना पत्र के माध्यम से व्यक्तिगत स्तर पर एवं आवासीय पते पर रजिस्टर्ड डाक से भी दी गई थी। पार्षदों के बीच से ही बैठक को अध्यक्ष का हुआ चुनाव वर्तमान मुख्य एवं उप मुख्य पार्षद को छोड़कर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक की अध्यक्षता करने के लिए अध्यक्ष का चुनाव किया गया। पार्षदों की आपसी सहमति से वार्ड नंबर 23 के पार्षद अजय कुमार सिंह को पीठासीन अध्यक्ष चुना गया। चुने गए अध्यक्ष ने बैठक की अध्यक्षता की। चूंकि मुख्य पार्षद संगीता कुमारी एवं उप मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था, ऐसे में नियम के अनुसार दोनों बैठक की अध्यक्षता नहीं कर सकते थे। बैठक का संचालन कार्यपालक पदाधिकारी सिद्धार्थ हर्षवर्द्धन ने किया। नगर परिषद में सुरक्षा के किए गए थे व्यापक बंदोवस्त स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण वातावरण में बैठक संपन्न कराने को व्यापक तैयारी की की गई थी। परिषद के परिसर में मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारियों एवं पर्याप्त संख्या में महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। परिसर में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का आदेश जारी किया गया था। हाजीपुर सदर के एसडीओ संदीप शोखर प्रियदर्शी एवं सदर एसडीपीओ महेंद्र कुमार बसंत्री ने खुद मोर्चा संभाल रखा था। 10 जून को मुख्य एवं उप मुख्य पार्षद के खिलाफ पेश हुआ था अविश्वास प्रस्ताव 16 पार्षदों के हस्ताक्षर से 10 जून को पेश किया गया था अविश्वास प्रस्ताव 10 जून को अविश्वास प्रस्ताव का दिया गया था आवेदन