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'जाति आधारित गणना दोबारा कराए सरकार', रालोजपा में उठापटक के बीच केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने फिर छेड़ा मुद्दा

Pashupati Paras बिहार में रालोजपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने एक बार फिर जाति आधारित गणना का मुद्दा छेड़ दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार से इसे दोबारा कराने की मांग की है। उन्होंने गणना ठीक ढंग से नहीं होने का आरोप लगाया है। इधर रालोजपा ने भी अपने संसदीय बोर्ड को भंग कर दिया है। ऐसे में इसे लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Fri, 01 Dec 2023 01:22 PM (IST)
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'जाति आधारित गणना दोबारा कराए सरकार', रालोजपा में उठापटक के बीच केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने फिर छेड़ा मुद्दा
जागरण टीम, हाजीपुर/पटना। Bihar News : राज्य सरकार द्वारा कराई गई जाति आधारित गणना पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति पारस ने सवाल उठाते हुए कहा कि सर्वे करने वाली टीम मेरे घर भी नहीं आई थी।

ऐसे में सरकार दोबारा गणना कराए, क्योंकि उसी सर्वे के आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने सरकार प्रदत्त आरक्षण की सराहना की, लेकिन ये भी आरोप लगाया कि सर्वे में जो जातियां सरकार के विरोध में वोट देती हैं, उनकी संख्या कम बताई गई है।

प्रचार रथ को दिखाई हरी झंडी

केंद्रीय मंत्री गुरुवार को हाजीपुर की दौलतपुर देवरिया पंचायत के पंचायत सरकार भवन में आयोजित 'हमारा संकल्प विकसित भारत' कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाई।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विकसित भारत अभियान का लक्ष्य 25 जनवरी 2024 तक देश के हर जिले से गुजरते हुए 2.55 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों और 3,600 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करना है।

विशेष रूप से डिजाइन की गई आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) वैन गांव-गांव जाएगी, ताकि केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित लोग इन योजनाओं की पूरी जानकारी प्राप्त कर इनका लाभ ले सकें।

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत डाकघर में संचालित बैंक पासबुक वितरण के दौरान पासबुक देते केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस।

पारस ने रालोजपा संसदीय बोर्ड को किया भंग

इधर, दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के केंद्रीय संसदीय बोर्ड को गुरुवार को भंग कर दिया गया है।

अब 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के हिसाब से नए सिरे से इसका गठन किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पारस ने यह निर्णय दल में हो रही टूट को बचाने के प्रयास में किया है।

वीणा देवी के चिराग पासवान के साथ जाने के बाद बदले हालात

पांच सदस्यीय रालोजपा संसदीय दल की एक सांसद वीणा देवी (Veena Devi) दो दिन पहले आयोजित पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) के मंच पर चली गई थीं।

वह भी भंग की गई संसदीय बोर्ड की सदस्य थीं। सूत्रों के अनुसार रालोजपा के एक अन्य सांसद भी दूसरे दल के संपर्क में हैं। वह भी भंग केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे हैं।

लोजपा के दोनों गुटों के एकीकरण की सुगबुगाहट

खबर यह भी आ रही है कि रालोजपा संगठन के कई नेता दल में बने रहने को लेकर असमंजस में हैं। उनका बड़ा हिस्सा लोजपा के दोनों गुटों के एकीकरण और चिराग को नेतृत्व सौंपने के मूड में है।

लोजपा में 2021 में विभाजन हुआ था। उस समय पार्टी के छह में से पांच सांसद पशुपति पारस के साथ चले गए।

चिराग पासवान अकेले रह गए। लेकिन, पार्टी समर्थकों के बीच चिराग की मजबूत पकड़ को देखते हुए कई सांसदों को लग रहा है कि पारस के साथ जुड़े रहने पर नुकसान ही होगा।

इस समय पारस गुट में उनके अलावा सांसद प्रिंस राज, चंदन सिंह और चौधरी महबूब अली कैसर हैं। बताया जा रहा है कि कैसर भी रालोजपा को अपने लिए उपयुक्त नहीं मान रहे हैं।

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