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बिहार की एक ऐसी रेल लाइन, जिसे रामविलास से लेकर लालू यादव तक ने दी मंजूरी; फिर भी ढाई दशक बाद नहीं हो सका निर्माण

बिहार के हाजीपुर से समस्तीपुर वाया महुआ और भगवानपुर नई रेल लाइन का निर्माण कार्य वैशाली जिले में करीब ढाई दशक से अधर में लटका है। करीब ढाई दशक पहले तत्कालीन पीएम एचडी देवगाड़ा सरकार में रामविलास पासवान के रेलमंत्री रहते पहली बार हाजीपुर से समस्तीपुर वाया महुआ और पातेपुर होते नई रेल लाइन के निर्माण के लिए रेल बजट में सर्वे का प्रावधान किया गया था।

By Ravi Shankar Shukla Edited By: Mohit Tripathi Published: Sun, 14 Apr 2024 06:11 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2024 06:11 PM (IST)
तीन बजट में नई रेल लाइन का हुआ सर्वे, ढाई दशक बाद भी आगे नहीं बढ़ी बात। (फाइल फोटो)

रवि शंकर शुक्ला, हाजीपुर। हाजीपुर से समस्तीपुर वाया महुआ एवं भगवानपुर नई रेल लाइन के निर्माण का मामला वैशाली जिले में करीब ढाई दशक से अधर में लटका हुआ है।

पहली बार प्रधानमंत्री एचडी देवगाड़ा की सरकार में रामविलास पासवान के रेल मंत्री रहते करीब ढाई दशक पहले हाजीपुर से समस्तीपुर वाया महुआ एवं पातेपुर होते नई रेल लाइन के निर्माण के लिए रेल बजट में सर्वे का प्रावधान किया गया।

सर्वेक्षण कर रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी गई पर बात इसके आगे नहीं बढ़ी। दूसरी बार प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की सरकार में रेल मंत्री लालू प्रसाद ने थोड़ा संशोधन करते हुए हाजीपुर से समस्तीपुर वाया भगवानपुर एवं महुआ होते नई रेल लाइन का प्रस्ताव बजट में लिया।

बजट में किए गए प्रावधान के आलोक में सर्वेक्षण कर सप्लीमेंट्री बजट में रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी गई। इस बार भी मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

तीसरी बार हाजीपुर से समस्तीपुर वाया भगवानपुर एवं महुआ होते नई रेल लाइन के सर्वेक्षण का प्रस्ताव 2023 के आम बजट में लिया गया। तीन बार इस नई रेल लाइन को हुए सर्वेक्षण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद कामयाबी नहीं मिली। इधर, महुआ, चेहराकलां एवं पातेपुर की लाखों की आबादी रेल सेवा से वंचित है।

रेल मंत्री रहते रामविलास ने किया था शिलान्यास

हाजीपुर-समस्तीपुर वाया महुआ नई रेल लाइन के सर्वे की रेल बजट में मंजूरी देते हुए शिलान्यास तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान ने किया था। तब एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे। पासवान 1996 से 1998 तक रेल मंत्री रहे।

हाजीपुर में आयोजित भव्य समारोह में पासवान ने नई रेल लाइन के सर्वे का शिलान्यास करते हुए कहा था कि इस नई रेल लाइन के निर्माण से महुआ अनुमंडल की लाखों की आबादी को लाभ होगा। तब लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। बात इसके आगे नहीं बढ़ी और आज भी बड़ी आबादी रेल सेवा से वंचित है।

दूसरी बार लालू ने रेल बजट में दी थी सर्वेक्षण की मंजूरी

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की सरकार में रेल मंत्री थे।

तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने हाजीपुर-समस्तीपुर वाया महुआ नई रेल लाइन के पूर्व के प्रस्ताव में थोड़ा संशोधन करते हुए भगवानपुर से समस्तीपुर वाया महुआ-ताजपुर नई रेल लाइन के निर्माण को सर्वे की मंजूरी दी थी।

रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में काम भी आगे भी बढ़ा और रेलवे के सप्लीमेंट्री बजट में रिपोर्ट भी भेजी गई थी। हालांकि, दूसरी बार भी सर्वे रिपोर्ट भेजे जाने के बावजूद बात आगे नहीं बढ़ी और तब से यह मामला अधर में लटका हुआ है।

तीसरी बार 2023 के बजट में दी गई थी सर्वे की मंजूरी

तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में 2023 में पेश रेल बजट में भगवानपुर-समस्तीपुर वाया महुआ-ताजपुर नई रेल लाइन सर्वे कराने की बजट में मंजूरी दी गई थी।

हाजीपुर के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस के प्रयासों से पूर्व मध्य रेल के अंतर्गत इस नई रेल लाइन के निर्माण के लिए सर्वे कराने की मंजूरी दी गई थी।

केंद्रीय मंत्री पारस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर खासतौर पर उनसे अनुरोध किया था।

उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए रेल बजट में भगवानपुर-समस्तीपुर वाया महुआ-ताजपुर नई रेल लाइन सर्वे कराने की बजट में मंजूरी दी गई थी।

हाजीपुर से समस्तीपुर के बीच 50 किमी की घट जाएगी दूरी

नई रेल लाइन का अगर निर्माण होता है तो हाजीपुर से समस्तीपुर के बीच दूरी काफी घट जाएगी। हाजीपुर से समस्तीपुर जाने के लिए अभी मुजफ्फरपुर होकर लोगों को 105 किमी का रेल सफर तय करना पड़ता है।

वहीं भगवानपुर से समस्तीपुर के बीच अगर रेल लाइन का निर्माण होता है तो करीब 57 किमी ही दूरी तय करनी पड़ेगी।

इससे समय के साथ ही आर्थिक बचत भी होगीऔर साथ ही साथ महुआ, ताजपुर समेत बड़ी आबादी को रेल से यातायात की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। इस इलाके की बड़ी आबादी को अभी रेल यातायात की सुविधा नहीं मिल सकी है।

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