Move to Jagran APP

Shatrughan Sinha : शत्रुघ्न सिन्हा ने कैसे छोड़ी सिगरेट? खुद बताया सबकुछ, खान सर के सामने लोगों से कर दी ये अपील

बॉलीवुड के सुपरस्टार शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि वह पहले सिगरेट के काफी लती थे। बाद में उनकी जिंदगी में ऐसा मोड़ आया जिसके बाद उन्होंने सिगरेट को कभी हाथ नहीं लगाया। शत्रुघ्न सिन्हा और खान सर हाजीपुर में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सबके सामने दिल की बात बताई। इसस दौरान कई स्कूल व कालेज के बच्चों और प्रबुद्ध लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

By Abhishek shashwat Edited By: Mukul Kumar Updated: Sat, 01 Jun 2024 03:14 PM (IST)
Hero Image
हाजीपुर में पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा और खान सर
जागरण संवाददाता, हाजीपुर। शहर के दिग्घीकलां स्थित सिम्स कैंसर अस्पताल में शुक्रवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उद्घाटनकर्ता के रूप में पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा मौजूद रहे।

वहीं, मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध शिक्षक खान सर लोगों के बीच उपस्थित रहे। इस दौरान हाजीपुर के कई स्कूल व कॉलेज के बच्चों और प्रबुद्ध लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

भारत में हर साल 13.5 लाख लोगों की तंबाकू से मौत : डॉ. जितेंद्र

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अस्पताल के संस्थापक व प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि तंबाकू भारत में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है। हर साल 13.5 लाख लोगों की इससे मृत्यु हो रही है। बिहार में 43.4 प्रतिशत पुरुष और 6.9 प्रतिशत महिलाएं इसके लत में पड़ी हैं।

इससे कैंसर, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं। इन्होंने बताया कि इस गंदी आदत को अगर लोग छोड़ दे तो हर साल भारत में 12 लाख में 5 लाख मरीज कैंसर के शिकार होगें ही नहीं।

तंबाकू लेने वाले लोगों को कैंसर होने की संभावना, नहीं लेने वाले से 20 गुणा ज्यादा होती है। यह एक मीठा जहर है, जो व्यक्ति को धीरे-धीरे मारता है। ऐसे में जरूरत है कि नवयुवकों को तंबाकू की जाल में फंसने से रोका जाए।

कभी मुझे भी लत थी, पर जिंदगी से प्रेम ने तंबाकू से दूरी बनवाई : शत्रुघ्न सिन्हा

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि कभी वह भी सिगरेट के लती थे। उन्हें भी लगता था कि इसे छोड़ना मुश्किल है। लेकिन कई जागरूकता कार्यक्रम में भाग लेने के बाद एवं कई बड़े चिकित्सकों से मिलने के बाद समझ आया कि यह कितना खतरनाक है।

ऐसे में, वर्षों पहले इसी 31 मई के दिन ही सिगरेट छोड़ा और उसके बाद से उसे कभी हाथ नहीं लगाया। इन्होंने बताया कि जिंदगी से प्रेम ने उन्हें तंबाकू से दूरी बनवा दी।

युवाओं में तंबाकू की लग, देश की प्रगति में एक बड़ी बाधा : खान सर

कार्यक्रम में प्रसिद्ध शिक्षक खान सर ने कहा कि युवा पीढ़ी तंबाकू की लत में पड़ रही है, जो देश की प्रगति में एक बहुत बड़ी बाधा है। पहले तो लड़के इसमें पड़ते थे, पर अब लड़कियां भी पड़ने लगी है। ऐसा करके युवा खुद को माडर्न मानते हैं, जो बिल्कुल गलत है।

सिगरेट पीने वाले खुद के लिए खतरा पैदा करते तो हैं, पर फेंके हुए धुएं से दूसरों के लिए और ज्यादा करते है। कई तो नशा के लिए दवाओं का भी इस्तेमाल करते हैं।

वहीं, गुटका के लत की शिकार भी बड़ी संख्या में युवा हो रहे है जो बहुत ही गलत है। गुटका खाने वालों की संख्या का अंदाजा इस चीज से लगाया जा सकता है कि भारत सरकार के केवल रेलवे मंत्रालय को थूके हुए गुटके व पान की सफाई के लिए साल में 1400 करोड़ का खर्च करना पड़ता है।

यह भी पढ़ें-

नीलांचल एक्सप्रेस के ऊपर टूटकर गिरा ओवरहेड तार, दो यात्री की हालत गंभीर; इन ट्रेनों का रूट चेंज

DJ Murder in Ranchi Bar: हत्‍यारोपित अभिषेक को लेकर बड़ा खुलासा, भाई और साले के साथ चला रहा था वाहन चोरी गैंग

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।