Bihar News: सिपाही जी के हम हई जननवा लाइसेंसी रंगबाज मोर सजनवा... सोनपुर मेला में लोकगायिका ने बांधा सुर का समां
इस बार सोनपुर मेला में अलग ही रंग दिख रहा है। सखी हो सिपाही जी के हम हई जननवा लाइसेंसी रंगबाज हए हो मोर सजनवा। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के मुख्य मंच पर लोक संस्कृति तथा ग्राम्य जीवन की नोंक-झोंक का दर्शकों को दीदार हो रहा है। लोक गायिका सुनीता सहाय ने अपनी लोक गायन के अंदाज से समा बांध दिया।
संवाद सहयोगी, सोनपुर। सखी हो सिपाही जी के हम हई जननवा लाइसेंसी रंगबाज हए हो मोर सजनवा। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के मुख्य मंच पर लोक संस्कृति तथा ग्राम्य जीवन की नोंक-झोंक का दर्शकों को दीदार हो रहा है। लोक गायिका सुनीता सहाय ने अपनी लोक गायन के अंदाज से समा बांध दिया।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से आयोजित सांस्कृतिक संध्या में पटना की लोक गायिका सुनीता सहाय ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत लोक भजन सखी री बांकी बिहारी से हमारी लड़ गई अंखियां से की। उसके बाद लोकगीत हम पे चलाई दियो टोना, किशोर गोर सांवले सलोना की प्रस्तुति की।
अगली कड़ी में भोजपुरी गीत सखी हो सिपाही जी के हम हई जननवा, लाइसेंसी रंगबाज हए हो मोर सजनवा गाकर खूब वाहवाही लूटी। लोकगीत चांदनी हंस के भुइया लुटाई गईले, चांद बदरा में छुप के लजाई गईले और लुक छुप बदरा में चमके जईसे चंदवा, मोरा मुख गमके, मोरा कुसुमी रे चुनरिया इतर गमके की प्रस्तुति की।
इनके साथ ढोलक पर विकास कुमार, बैंजो पर सुनील कुमार एवं इफेक्ट पर मिथिलेश पंडित ने संगत किया। पदाधिकारियों ने लोक गायिका सुनीता सहाय को गज ग्राह का प्रतीक चिन्ह एवं कप देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम संचालन उद्घोषक जितेंद्र सिन्हा एवं कौशर परवेज ने की। लोक गायिका सुनीता सहाय आकाशवाणी पटना से लोकगीत की बी ग्रेड की कलाकार है। इन्होंने बिहार में आयोजित होने वाले राजगीर महोत्सव, वैशाली महोत्सव, हरिहर क्षेत्र महोत्सव, बौद्ध महोत्सव, श्रावणी महोत्सव जैसे बड़े आयोजनों में भी अपनी गायकी का जलवा बिखेर चुकी है।
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