गंडक नदी पर बनेगा 50 किमी लंबा बांध
बगहा। गंडक नदी के तटवर्ती क्षेत्र में रहने वालों के लिए खुश़खबरी है। जल संसाधन विभाग के द्वारा गंडक
बगहा। गंडक नदी के तटवर्ती क्षेत्र में रहने वालों के लिए खुश़खबरी है। जल संसाधन विभाग के द्वारा गंडक बराज के गाईड बांध से रजवटिया तक बड़े पैमाने पर गंडक बायां तटबंध बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सर्वे का कार्य प्रगति पर है। इस बावत गंडक बराज अंचल के अधीक्षण अभियंता नंद कुमार झा ने बताया कि बांध निर्माण हेतु सर्वे का जिम्मा सामर्थ्य इंजीनिय¨रग प्राइवेट लिमिटेड पूना को सौंपा गया है। सितंबर 2018 तक बांध का डीपीआर बना कर जल संसाधन विभाग को सौंपना है। इस बांध की लंबाई लगभग 50 किलोमीटर होगी। इस बांध के बन जाने से वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना का जंगल, सुस्ता गांव, चकदहवा गांव,एसएसबी कैम्प सहित बगहा शहर की सुरक्षा चाक़ चौबंद हो जाएगी। इस बांध के बन जाने से वाल्मीकि नगर से रजवटिया तक एक नया मार्ग बन जाएगा। हालांकि इस बांध को अस्तित्व में आने में थोड़ा वक्त लग सकता है। बताते चलें कि गंडक नदी के किनारे बने तटबंधों के रखरखाव पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, बावजूद इसके हर साल ये तटबंध टूट जाते थे ,जिससे बड़े पैमाने पर जान माल की क्षति होती थी। लम्बे समय से बाढ़ समस्या के स्थायी समाधान की मांग की जाती रही है। नारायणी नदी ( गंडक) हिमालय के धौलागिरि पर्वत से निकलकर नेपाल और भारत के हजारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को प्रभावित करती है। 15 जून से 15 अक्टूबर तक बरसात के समय नदी में बाढ़ का खतरा बना रहता है। तटबंधों की मरम्मत के लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है।गंडक नदी के 1310 किलोमीटर के सफर में यह नदी नेपाल होते हुए वाल्मीकिनगर नगर गंडक बराज पहुंचती है। यहां से नेपाल के पत्थर कला में प्रवेश कर जाती है। करीब 23 किलोमीटर यूपी के सीमावर्ती जिलों में बहते हुए यह नदी पुन: बिहार के बगहा, बेतिया, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, होते हुए सोनपुर के पास गंगा में जाकर मिल जाती है।