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Bihar News: एक आइडिया ने बदल दी लाखों किसानों की किस्मत, पश्चिम चंपारण की 10 पंचायत कचरे से कर रहीं कमाई

Bihar News पश्चिम चंपारण जिले में 10 पंचायत गांवों की सफाई के साथ कचरा से कमाई कर रहे हैं। इन गावों में घर-घर जाकर कचरा उठाने का काम शुरू किया गया है। बता दें कि कचरों से जैविक खाद तैयार की जा रही है। जिन्हें किसानों को जागरूक करने के लिए छह रुपये प्रति किलोग्राम के दर से बेचा जा रहा है।

By Sunil Tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 11 Aug 2024 03:33 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राहुल वर्मा, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण)। Bihar News: डोर टू डोर कचरा कलेक्ट कर पंचायतें अब कमाई भी करने लगी हैं। दस रुपये प्रति किलोग्राम की दर से जैविक खाद बेचने का मूल्य प्रशासन की ओर से निर्धारित किया गया है। हालांकि जैविक खाद को लेकर अभी गांव के किसानों में उतनी जागरुकता नहीं है।

केसरिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि तारिक अनवर ने बताया कि नौ क्विंटल जैविक खाद का निर्माण हुआ था। किसानों को जागरुक करने के लिए छह रुपये प्रति किलोग्राम के दर से बेचा गया है।

जैविक खाद का उपयोग किसानों के लिए लाभदायक तो होगा हीं, साथ हीं इससे उत्पादित फसल भी सभी के लिए फायदेमंद होगी। प्रखंड के दस पंचायतों में ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के तहत कचरा प्रोसेसिंग यूनिट से जैविक खाद तैयार हो रहा है।

एक वर्ष में करीब 30 क्विंटल जैविक खाद तैयार किया गया है। इसमें सबसे अधिक केसरिया पंचायत में बने वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट में करीब नौ क्विंटल जैविक खाद तैयार किया गया है। जिन दस वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट में ये खाद तैयार किया गया है।

लोहिया स्वच्छता अभियान के प्रखंड समन्वयक राम विनय प्रसाद ने बताया कि केसरिया पंचायत में डब्ल्यूपीयू अगस्त 2023 से क्रियाशील है। एक वर्ष में यहां सबसे अधिक नौ क्विंटल जैविक खाद बना है। जबकि दूसरे स्थान पर पुरैनिया हरसरी पंचायत है।

मुखिया और स्वच्छता कर्मियों के सहयोग से यहां करीब आठ क्विंटल जैविक खाद तैयार किया गया है। इस तरह फिलहाल प्रखंड के कुल दस पंचायतों में क्रियाशील वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट में कुल करीब 30 क्विंटल जैविक खाद तैयार किया गया है।

इन पंचायतों में बना है जैविक खाद

Bihar News: प्रखंड अंतर्गत जिन दस पंचायतों में जैविक खाद बना है। उसमें भभटा पंचायत में करीब तीन क्विंटल, परोराहा में तीन क्विंटल, भेड़ीहरवा और नौतनवा में दो-दो क्विंटल, केहुनिया रोआरी एवं कुकुरा में एक-एक क्विंटल, धुमनगर तथा शेरहवा पंचायत के वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट में करीब 50-50 किलो जैविक खाद तैयार किया गया है।

केसरिया के मुखिया प्रतिनिधि तारिक अनवर ने बताया कि वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट में जैविक खाद तैयार करने में सबसे अधिक योगदान यहां के स्वच्छता पर्यवेक्षक और सभी स्वच्छता कर्मियों का है।

1.42 क्विंटल प्लास्टिक हुआ है इकट्ठा

Bihar News: पंचायतों में घर घर से कूड़ा कचरा उठाव होने के चलते सभी दस पंचायतों के वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट में कुल करीब एक क्विंटल 42 किलो प्लास्टिक इकट्ठा हुआ है।

इसमें शेरहवा में 15 किलो प्लास्टिक, केसरिया में 20 किलो, भभटा और परोराहा में 15-15 किलो, कुकुरा में 10 किलो, नौतनवा में सात किलो, भेड़ीहरवा में पांच किलो, धुमनगर में तीन व केहुनिया रोआरी में दो किलो प्लास्टिक इकट्ठा हुआ है। जबकि सबसे अधिक 50 किलो प्लास्टिक पुरैनिया हरसरी पंचायत में इकट्ठा किया गया है।

पंचायतों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का मूल उद्देश्य गांव को स्वच्छ बनाना और कचरा का निस्तारण कर जैविक खाद तैयार करना है। प्रखंड दस पंचायतों में जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से सरकार की योजना सफल हो रही है। इससे अन्य पंचायतों को भी प्रेरणा लेना चाहिए।- सूरज कुमार सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी, नरकटियागंज।

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