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अस्पताल में नहीं हो सका मरीजों का इलाज, डॉक्टरों ने OPD कर दिया बंद; थानेदार की बदसलूकी और शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने पर दिया धरना

फोन पर थानेदार के द्वारा की गई बदसलूकी और सिविल सर्जन एवं आइएमए की ओर से शिकायत किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज चिकित्सकों ने गुरुवार को ओपीडी बाधित कर दिया और अस्पताल गेट पर धरना पर बैठ गए। हड़ताली चिकित्सकों ने कहा कि अगर थानाध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं होती है तो शुक्रवार से जिले के सभी पीएचसी के चिकित्सक हड़ताल पर चले जाएंगे।

By Pradeep Kumar Dwivedi Edited By: Mukul KumarUpdated: Thu, 11 Jan 2024 04:47 PM (IST)
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नौतन पीएचसी में ओपीडी बाधित कर अस्पताल के बाहर खड़े चिकित्सक व अन्य। जागरण
संवाद सूत्र, नौतन। नौतन पीएचसी में कार्यरत चिकित्सक डॉ श्रीभगवान के साथ फोन पर थानेदार के द्वारा की गई बदसलूकी और सिविल सर्जन एवं आइएमए की ओर से शिकायत किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज चिकित्सकों ने गुरुवार को ओपीडी बाधित कर दिया और अस्पताल गेट पर धरना पर बैठ गए।

इस दौरान दो दर्जन से अधिक मरीज अस्पताल में इलाज कराने के लिए आए , जिन्हें वैरंग वापस लौटना पड़ा। हड़ताली चिकित्सकों ने कहा कि अगर थानाध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं होती है तो शुक्रवार से जिले के सभी पीएचसी के चिकित्सक हड़ताल पर चले जाएंगे।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शंकर रजक ने बताया कि थानाध्यक्ष द्वारा जिस भाषा का प्रयोग चिकित्सक के साथ किया गया है और अत्यंत अशोभनीय है। अब तक वरीय अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं किए है, जिससे चिकित्सकों का मनोबल गिरा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि थानेदार पर कार्रवाई करने के बजाय चिकित्सक को भी दोषी ठहराया जा रहा है। इससे चिकित्सक भयभीत भी है। मौके पर डॉ अमरीश सिंह, डॉ श्रीभगवान, डॉ भाष्या, डॉ खालीद हसन, डॉ असहर, डॉ धर्मेन्द्र, आदि सहित अन्य कर्मी मौजूद रहे।

इमरजेंसी सेवा रहा चालू

हड़ताली चिकित्सकों ने सिर्फ ओपीडी बाधित किया। इमरजेंसी सेवा चालू रहा। वैसे भी नौतन पीएचसी में इमरजेंसी मरीजों कम हीं पहुंचते हैं। हड़ताली चिकित्सकों के साथ धरना पर चिकित्सा कर्मी भी बैठे थे।

उनका कहना है कि जब ओपीडी चल नहीं रही है तो अस्पताल में पदास्थापित चिकित्सा कर्मी कौन काम करेंगे, इस लिए वे भी धरना में बैठे हैं। उनका कहना है कि जब चिकित्सकों के साथ इस तरह का व्यवहार है तो कर्मियों का क्या हश्र होगा।

नहीं लगा बंध्याकरण कैंप

अस्पताल में बंध्याकरण कैंप लगने वाला था। स्थानीय चिकित्सक बंध्याकरण करते हैं। हड़ताल के कारण वे ड्यूटी नहीं किए। बंध्याकरण कराने के लिए बनहौरा गांव से आई कुलसुम खातुन ने बताया कि यहां आने के बाद पता चला कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं।

वहीं शिवराजपुर की नजमुन खातुन ने बताया कि बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था। एंटी रैबीज इंजेक्शन दिलाने के लिए आई थी। लेकिन अस्पताल बंद है। सोताटोला के मोतीलाल राम ने बताया कि बच्चे को सर्दी लग गई है। इलाज कराने के लिए आए थे। अब वापस लौट रहे हैं।ऐसे दर्जनों मरीज वापस लौट गए।

थानेदार के खिलाफ आइसा का प्रदर्शन कल

अस्पताल में हंगामा की सूचना देने पर भी पुलिस के नहीं पहुंचने एवं बाद में चिकित्सक के द्वारा फोन किए जाने पर थानेदार के द्वारा उन्हें धमकाने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज चिकित्सकों को आइसा ने समर्थन दिया है।

आइसा के जिलाध्यक्ष अभिमन्यू राव ने बताया कि इस घटना के विरोध में शनिवार को आइसा की ओर से प्रखंड परिसर में प्रदर्शन किया जाएगा और मामले की उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की मांग की जाएगी।

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