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Bihar Pollution: बिहार के इस शहर में 500 के खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI, अस्थमा और लंग कैंसर का खतरा बढ़ा

बिहार के बेतिया में घने कोहरे व कपकपी भरी ठंड से जनजीवन प्रभावित हो गया है। कोहरे ने शहर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है। बुधवार को बेतिया में दोपहर में एक्यूआई का लेबल 505 दर्ज किया गया। यह स्तर स्वस्थ्य की दृष्टि से काफी घातक माना जाता है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 09 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

By Madhusudan Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 17 Jan 2024 05:37 PM (IST)
सांस, हार्ट और लंग कैंसर के मरीजों के लिए खतरा बढ़ा।
सड़कों पर कम रहा वाहनों का परिचालन। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, बेतिया। बिहार के बेतिया में घने कोहरे व कपकपी भरी ठंड से जनजीवन प्रभावित हो गया है। कोहरे ने जिले की रफ्तार पर जैसे ब्रेक लगा दी है। बुधवार को पूरे दिन सूर्यनारायण का दर्शन नहीं हुआ, जिसके कारण ठंड के बीच लोगों कंपकपी का एहसास हुआ। वहीं, 12 से 13 किलाेमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली पछिया हवा के कारण ठंड में और भी बढ़ोतरी रही। वहीं प्रदूषण का लेबल भी लगातार बढ़ते ही जा रहा है।

बुधवार को जिले में दोपहर में एक्यूआई का लेबल 505 दर्ज किया गया, जो स्वस्थ्य की दृष्टि से काफी घातक माना जाता है। घने कोहरे के साथ लोगों के द्वारा अलाव के लिए जलाए जा रहे लकड़ी, कचरा, टायर आदि के कारण निकलने वाले धुआं के कारण हवा और भी जहरीली होते जा रही है व एक्यूआई लेबल बढ़ते जा रहा है।

मौसम विभाग के वेबसाइट के अनुसार, बुधवार को जिले में अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 09 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस दौरान सुबह में घने कोहरे के कारण सड़क यातायात से लेकर रेल परिचालन भी प्रभावित रहा। हालांकि, मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दिखी गई।

एक्यूआई का लेवल स्वास्थ्य के लिए घातक

जीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. डीके मिश्रा बताते हैं कि ठंड में वायरल फीवर व सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या अधिक रहती है। वहीं एक्यूआई का लेवल सामान्य नहीं रहने के कारण सांस संबंधित बीमारी से ग्रसित मरीज बढ़ते है। उन्होंने बताया कि एक्यूआई का लेबल 50 से ऊपर होते ही स्वास्थ्य क लिए घातक माना गया है।

हवा जहरीली होने के कारण लोगों में सांस से लेकर अन्य बीमारियां होना शुरू हो जाता है। कोहरा, पुराना वाहन, उड़ रहे धूलकण, ठंड से बचाव के जलाए जा रहे अलाव, फैक्ट्रियां से निकलने वाले धुआं एक्यूआई लेबल को बढ़ता है। एक्यूआई लेबल को सामान्य करने के लिए धूलकण उड़ने वाले जगहों पर पानी का स्प्रे करना अनिवार्य है।

बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

  1. घर से बाहर निकलते समय हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें। हवा में मौजूद प्रदूषकों से बचने के लिए मास्क बेहद जरूरी है।
  2. अपने घर के भीतर स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट जैसे पौधों को लगाएं। इन्हें ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं होती और ये आपके घर की हवा को शुद्ध करने में भी मदद करते हैं। 
  3. अपने घर की हवा को फिल्टर करने के लिए अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह भी इंडोर प्लांट्स की तरह ही आपके घर की हवा में मौजूद प्रदूषक को फिल्टर करते हैं।
  4. जब तक प्रदूषण बहुत बढ़ा हुआ है, तब तक कोशिश करें कि अपने घर में धूप और अगरबत्ती न जलाएं। इससे निकलने वाला धुंआ प्रदूषण के साथ मिलकर सांस लेना मुश्किल कर सकता है।
  5. इम्युनिटी मजबूत करने वाले फलों और हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करे। साथ ही अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें।
  6. स्मोकिंग आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह होता है। स्मोक करने से आपके फेफड़ों की सांस लेने की क्षमता कम होती है।
  7. प्रदूषण से बचने के लिए सबसे सेफ तरीका है- बाहर कम से कम निकलना। बाहर तभी निकलें, जब जरूरत हो। फालतू में बाहर घूमने से बचें। 
  8. बच्चों को भी खेलने के लिए पार्क आदि में न भेजें, क्योंकि प्रदूषण की वजह से यह फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। 
  9. एक्सरसाइज भी घर पर ही करें, बाहर छत पर या बालकनी में जाएं।
  10. कोशिश करें कि अपनी गाड़ी का रोज इस्तेमाल करने के बदले पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का इस्तेमाल करें।
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