खुशखबरी! राशन की दुकानों पर मिलेगा इस खास योजना का लाभ, सरकार का चुनाव से पहले बड़ा दांव
जिला स्वास्थ्य समिति के प्रभारी जिला कार्यक्रम समन्वयक नीरज कुमार ने बताया कि आयुष्मान कार्ड के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर स्तर पर तैयारी की गई है। उन्होंने बताया कि एक-एक लाभार्थी का कार्ड बनाने के लिए सभी राशन की दुकानों पर शनिवार से कैंप का आयोजन किया जाएगा और लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, बेतिया। Ayushman Card Yojana आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड के लिए कल से पूरे जिले में जनवितरण दुकानों पर कैंप लगेगा। राशन की दुकानों पर कैंप लगाकर लोगों का कार्ड बनाया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रभारी जिला कार्यक्रम समन्वयक नीरज कुमार ने बताया कि आयुष्मान कार्ड के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर स्तर पर तैयारी की गई है।
उन्होंने बताया कि एक-एक लाभार्थी का कार्ड बनाने के लिए सभी राशन की दुकानों पर शनिवार से कैंप का आयोजन किया जाएगा और लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे। कार्ड के लिए राशन कार्ड,आधार कार्ड, और मोबाइल नंबर की जरुरत होगी। वैसे लोग जिनका नाम राशन कार्ड में अंकित है सभी लोगों का कार्ड बनेगा।
जिले के 3343001 लोग आयुष्मान भारत योजना के पात्र
जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत 3343001 लोगों का कार्ड बनाया जाना है। इसमें से करीब 7051622 परिवार शामिल है। आंकड़ों के अनुसार करीब 227682 का कार्ड बन चुका है। जबकि शेष लाभार्थियों के लिए विभाग शनिवार से कैंप का आयोजन करेगा।जिला स्वास्थ्य समिति के प्रभारी जिला कार्यक्रम समन्वय नीरज कुमार ने बताया कि जिनके पास राशन कार्ड है वे शनिवार से शुरू हो रहा है । कैंप में पहुंचकर अपना आयुष्मान भारत कार्ड बनवा सकते हैं।
सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगी सुविधा
आयुष्मान भारत योजना सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। यह खास कर जरूरतमंद के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। सरकारी एवं सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में इसका लाभ मिल रहा है। ऑपरेशन सहित कई बीमारियों का इलाज किया जा रहा है।बता दें कि जो कभी महंगे प्राइवेट अस्पतालों में जाने का साहस नहीं कर पाते थे। प्राइवेट अस्पतालों के बिल के बारे में सुनकर ही सहम जाते थे, इस योजना ने वैसे गरीबों में अस्पतालों के बिल के डर को खत्म कर दिया है। अब वे निडर होकर प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे है और स्वास्थ्य सेवा की मांग करने लगे है। बड़ी संख्या में लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। योजना से लाभ पाने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
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