गंडक नदी में उफान, बराज को खतरा
वाल्मीकिनगर अवस्थित ऐतिहासिक गंडक बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं। एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। गुरुवार की दोपहर गंडक का जलस्तर 3 लाख 69 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है। जो कि खतरे के निशान के काफी करीब है।
बगहा । वाल्मीकिनगर अवस्थित ऐतिहासिक गंडक बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं। एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। गुरुवार की दोपहर गंडक का जलस्तर 3 लाख 69 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है। जो कि खतरे के निशान के काफी करीब है। ऐसी ही बारिश होती रही तो उम्मीद है कि चार लाख क्यूसेक पार हो जाए। जलस्तर में उतार-चढ़ाव को देखते हुए बराज के सभी फाटक उठाए गए हैं। ताकि कभी जलस्तर बढ़ने पर गेटों की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का सवाल खड़ा न हो। उधर, नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के सोहगीबरवा समेत करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इसी प्रकार वाल्मीकिनगर व गंडक पार के चारों प्रखंडों के दो दर्जन गांव जलमग्न हैं। सीमावर्ती नेपाल के पहाड़ों का पानी मैदानी इलाकों में मुसीबत बढ़ा रहा है। लगातार हो रही बारिश को देख सतर्कता बढ़ा दी गई है। जलस्तर में लगातार बदलाव के कारण पिपरा-पिपरासी तटबंध व अमवा खास तटबंध पर भी नदी का दबाव बना हुआ है। अभियंताओं की टीम बाढ़ को लेकर चौकस है। बराज के कार्यपालक अभियंता जमील अहमद ने बताया कि नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है।
------------------------------------- 18 वर्ष पूर्व टूटा था बराज का एफलेक्स बांध :-