बेतिया राज की जमीन और परिसंपत्तियों का सर्वे कराया जा रहा है। 1 अप्रैल 1897 से पहले की गई बंदोबस्ती ही मान्य होगी। उसके बाद महारानी द्वारा किया गया कोई भी आदेश मान्य नहीं होगा। अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सूत्रों की मानें तो बेतिया राज की 75 प्रतिशत से ज्यादा परिसंपत्तियों व जमीनों पर अवैध अतिक्रमण कायम है।
जागरण संवाददाता, बेतिया। राजस्व पर्षद के निर्देश पर बेतिया राज (Bettiah Raj Jamin Rule) की जमीन एवं परिसंपत्तियों का सर्वे (Jamin Survey Bihar) कराकर इसके वस्तु स्थिति की जानकारी ली जा रही है। यदि जमीन या परिसंपति का अवैध कब्जा किया गया है, तो संबंधित के खिलाफ अतिक्रमण वाद चलाकर खाली कराया जाएगा। जमीन का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
सर्वे के दौरान अगर बेतिया राज की परिसपंत्तियों व जमीनों का संबंधित लोगों को बोर्ड ऑफ रेवेन्यू की ओर से बंदोबस्त का कागजात प्रस्तुत करना होगा।
1 अप्रैल 1897 से पहले की गई बंदोबस्ती ही मान्य होगी। अगर उसके बाद महारानी के द्वारा भी बंदोबस्ती संबंधित किसी तरह का दिया आदेश भी मान्य नहीं होगा। वैसे परिसंपत्तियों व जमीनों की बंदोबस्ती अवैध रूप से अतिक्रमित माना जाएगा। ऐसे लोगों के विरुद्ध सीओ सह सहायक राज प्रबंधक द्वारा अतिक्रमणवाद चलाकर अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा। यदि 1897 के बाद किसी तरह बंदोबस्ती राजस्व पर्षद की अनुमित के बाद की गई है, तो वह मान्य होगा। - अनिल कुमार सिन्हा, बेतिया राज प्रबंधक
अवैध रूप से बंदोबस्ती करने वाले राज प्रबंधकों पर भी गिरेगी गाज
बेतिया राज प्रबंधक ने बताया कि जिले के अलावा राज्य के अन्य जिलों व उत्तर प्रदेश में बेतिया राज की जहां भी परिसपंत्तियां व जमीनें हैं अगर 1897 के बाद उनकी राजस्व पर्षद के बिना आदेश किसी राजप्रबंधक या अन्य लोगों ने कर दिया है, तो वह पूरी तरह से अवैध है। सर्वे के बाद संबंधित लोगों का कृत्य सामने आ जाएगा।
सूत्रों की मानें, तो बेतिया राज की 75 प्रतिशत से ज्यादा परिसंपत्तियों व जमीनों पर अवैध अतिक्रमण कायम है। वहीं, बिना राजस्व पर्षद के आदेश से भू-माफिया व सफेदपोशों के मेल से पूर्व के राज प्रबंधकों ने भारी पैमाने पर बंदोबस्ती की है। ऐसे में दो दर्जन से ज्यादा राज प्रबंधक भी कार्रवाई के जद में आ सकते हैं।
इतना ही नहीं, राज के कर्मियों ने भी बेतिया राज की परिसपंत्तियों व जमीनों पर अवैध कब्जा कराने में भी काफी सक्रिय रहे हैं। इनकी भी कुंडली खंगाली जा रही है। हालांकि, राज प्रबंधक ने अवैध अतिक्रमणकारियों से अपील की है कि वे खुद अतिक्रमण हटा लें, नहीं तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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