अब सरकारी स्कूल में टीचरों के कपड़ों पर बनी रहेगी शिक्षा विभाग की नजर, रील बनाने पर भी रोक; पढ़ लें नया आदेश
Bihar Education News बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए नया निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार शिक्षक अब जींस-टीशर्ट पहनकर स्कूल नहीं आ सकते। उन्हें फॉर्मल ड्रेस पहनना होगा। साथ ही स्कूल में डीजे डांस गाना गाने और रील बनाने पर भी रोक लगाई गई है। इसका उल्लंघन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
संवाद सहयोगी, बेतिया। सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने नया फरमान जारी किया है। सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक अब जींस-टीशर्ट पहनकर स्कूल नहीं आ सकेंगे। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में डीजे, डांस, गाना गाने और रील बनाने पर भी रोक लगाई गई है।
इस संबंध में शिक्षा विभाग के निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर ड्रेस कोड फॉलो कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि शिक्षक क्या पहनकर स्कूल में आ सकते हैं और क्या नहीं। निर्देश का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
डीईओ को लिखे पत्र में शिक्षा विभाग के निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने कहा है कि उन्हें ऐसी जानकारी लगातार मिल रही है कि स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी कैजुअल ड्रेस में आ रहे हैं। जो की सरकार की तरफ से जारी किए गए ड्रेस कोड में शामिल नहीं है। ऐसे में यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आदेश का अनुपालन पूरी तरह अनिवार्य
सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी फॉर्मल ड्रेस (औपचारिक परिधान) में ही स्कूल आएं। इस आदेश का अनुपालन पूरी तरह अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही निर्देश का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि शिक्षक और कर्मचारी को इससे पहले भी निर्देश दिए गए थे। बता दें कि शिक्षकों को जींस-टीशर्ट पहनकर आने के लिए पूर्व में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहे केके पाठक ने भी रोक लगाई थी।
उन्होंने भी आदेश जारी किया था और शिक्षक एवं सभी पदाधिकारियों को फॉर्मल ड्रेस में आने का निर्देश दिया था। केके पाठक के जाने के बाद अब फिर से शिक्षक जींस-टीशर्ट में आने लगे हैं।
अब स्कूल में नहीं बना सकेंगे रील
शिक्षा विभाग के निदेशक सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने अपने पत्र में स्कूल में शिक्षकों के द्वारा रील बनाने और मोबाईल के अधिक उपयोग को लेकर भी बात कहीं गई है।
साथ ही सोशल मीडिया (फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम इत्यादि) के माध्यम से नृत्य, डीजे, डिस्को एवं अन्य निम्न स्तर की गतिविधियां विद्यालय परिसर में संचालित होते हुए पाया गया है।
विभाग ने कहा है कि शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के विद्यालय परिसर में इस तरह का आचरण तथा व्यवहार शैक्षणिक माहौल को नकारात्मक ढंग से प्रभावित करता है, जो कहीं से स्वीकार योग्य नहीं है।
केवल शिक्षा कैलेंडर के अनुसार विशेष दिनों में नृत्य-संगीत आदि का अनुशासित एवं शालीन कार्यक्रम ही मान्य होगा। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि इसे अविलंब सुनिश्चित करें। अगर इसके बाद भी ऐसी त्रुटियां पाई जाती हैं तो उन शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
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