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Bihar Jamin Registry: रजिस्ट्री का ग्राफ गिरा, निबंधन कार्यालयों में सन्नाटा; सरकार को करोड़ों का नुकसान

मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने फरवरी में नई नियमावली को लागू किया था। इसके बाद से प्रतिदिन भूमि निबंधनों की संख्या में गिरावट हो गई है। पहले जहां प्रतिदिन औसतन 80 से 90 दस्तावेजों का निबंधन हो रहा था वह घटकर 10 से 14 हो गया है। ऐसा इसलिए कि अब जिस भूमि का निबंधन किया जाना है तो हर हाल में विक्रेता के नाम से जमाबंदी होनी चाहिए।

By Shashi Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 10 Apr 2024 05:44 PM (IST)
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रजिस्ट्री का ग्राफ गिरा, निबंधन कार्यालयों में सन्नाटा; सरकार को करोड़ों का नुकसान
जागरण संवाददाता, बेतिया। इस वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में निबंधन से प्राप्त राजस्व में भारी गिरावट हुई है। निबंधन को लेकर सरकार की ओर से नई नीति के प्रभावी होने के बाद इसका सर्वाधिक असर भूमि निबंधन पर पड़ा है। पिछले वित्तीय वर्ष के अंतिम मार्च माह में आए कुल राजस्व पर गौर किया जाए, तो यह पिछले वर्ष की तुलना में छह गुणा कम है।

वर्ष 2023 के मार्च माह में जिला अवर निबंधन कार्यालय को कुल 12 करोड़ 19 लाख 93 हजार 361 रुपये मिले थे, जो घटकर वर्ष 24 के मार्च माह में 2 करोड़ 98 लाख 39516 तक पहुंच गया है। मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने फरवरी माह में नई नियमावली को लागू किया था। इसके बाद से प्रतिदिन भूमि निबंधनों की संख्या में गिरावट हो गई है।

पहले जहां प्रतिदिन औसतन 80 से 90 दस्तावेजों का निबंधन हो रहा था, वह घटकर 10 से 14 हो गया है। ऐसा इसलिए कि अब जिस भूमि का निबंधन किया जाना है, तो हर हाल में विक्रेता के नाम से जमाबंदी होनी चाहिए। विभाग पहले ही इस बात की तहकीकात कर रहा है कि क्रेता के नाम से मान्य जमाबंदी है या नही।

इस वर्ष जनवरी माह में मिला सर्वाधिक राजस्व

जिला अवर निबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष जनवरी माह में सर्वाधिक राजस्व मिला है। ऐसा इसलिए कि क्रेता एवं विक्रेता को इस बात की भनक लग गई थी कि नई नियमावली किसी भी समय प्रभावी हो सकती है। इसके देखते हुए भूमि निबंधन की संख्या में ज्यादा इजाफा हुआ था। जनवरी माह में 6 करोड़ 37 लाख 78737 रुपये मिले थे।

निबंधन कार्यालय में भीड़ घटी, नए नियमावली से प्रभावित हुई रजिस्ट्री

इन दिनों निबंधन कार्यालय पर लगने वाली भीड़ घट गई है। अधिकांश समय काउंटर पर कम लोग ही नजर आते हैं। जबकि पहले काउंटर पर लोक खड़े नजर आते थे। जमीन खरीद बिक्री को लेकर वह भीड़ इस समय नहीं आती है। निबंधन कार्यालय के दस्तावेजवीशों ने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री में ऑनलाइन जमाबंदी के साथ जमीन का खाता खेसरा विक्रेता के लिए अनिवार्य किए जाने से उनके पास दस्तावेज लिखवाने एक दो लोग ही आ रहे हैं।

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