Bihar News: साइबेरियन मेहमान परिंदों की प्रतीक्षा में पश्चिमी चंपारण, जल्द हो सकता है खूबसूरत पक्षियों का आगमन
ग्रीनलैंड एवं साइबेरिया में तापमान के गिरने के साथ प्रवासी पक्षियों का आगमान किसी भी समय हो सकता है। आहार के लिए मछलियां एवं यहां की आबोहवा उनके आगमन का इंतजार कर रहे हैं। प्रवासी पक्षियों का यहां आगमन प्रति वर्ष होता है। तीन से साढ़े तीन वर्ष के प्रवास के दौरान इन पक्षियों का प्रजनन भी यही होता है फिर बच्चों को अपने साथ लेकर वापस चली जाती हैं।
By Shashi MishraEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 03 Dec 2023 04:15 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बेतिया (पश्चिमी चंपारण)। ग्रीनलैंड एवं साइबेरिया में तापमान के गिरने के साथ ही यहां के सरैयामन में मेहमान पक्षियों के आगमन की उम्मीद बढ़ गई है। प्रवासी पक्षियों का आगमान किसी भी समय हो सकता है। आहार के लिए मन की मछलियां एवं यहां की आवोहवा उनके आगमन का इंतजार कर रहे हैं।
प्रवासी पक्षियों का यहां आगमन प्रति वर्ष होता है। तीन से साढ़े तीन वर्ष के प्रवास के दौरान इन पक्षियों का प्रजनन भी यही होता है। फिर बच्चों को अपने साथ लेकर वापस चली जाती हैं।
वन प्रमंडल पदाधिकारी आतिश कुमार के अनुसार, अभी तक सरैयामन में प्रवासी पक्षियों का आगमन नहीं हुआ है। सर्दी का मौसम आ गया है। किसी भी समय उनका आगमन हो सकता है। उनके लिए यहां वन परिसर एवं मन कोलाहन विहीन शांत है।
पिछले साल आए थे 26 प्रजातियों के पक्षी
जानकारों के अनुसार, पिछले वर्ष हुई गणना में यहां 26 प्रजातियों के पक्षी मिले थी। उक्त गणना में जो पक्षी मिले थी, उनमें मुख्य रूप से पनकौआ, हेरोन, इग्रेट (बगूले की विशेष प्रजाति), घोघिल (एशियन ओपेन बिल), ब्रान विन (जकाना), कींग फीशर की विभिन्न प्रजातियां, पर्पल स्वीन फर्न (जनभूनी) शामिल है।
दो घंटे की हुई गणना में मिली ये चिड़ियां
पिछले वर्ष दो घंटे की हुई गणना में काफी संख्या में प्रवासी पक्षी मिले थे। इसमें और अधिक पक्षियों की उपस्थिति की संभावना थी। जानकारों के अनुसार, पक्षियों की गणना के समय अधिकांश पक्षी कोलाहल के कारण आसपास के सैटेलाइट इलाके (दलदली एवं नमी वाले इलाके) में अस्थाई रूप से शिफ्ट कर जाते हैं।महत्वपूर्ण बात यह थी इनमें अधिकांश पक्षी प्रवासी एवं कुछ दुर्लभ प्रजाति की थी। यहां दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का पाया जाना इस बात को साबित करता है कि यह क्षेत्र पक्षियों के आश्रय के लिए महत्वपूर्ण है। पिछली बार एक हजार की संख्या में पक्षी पाए गए थे। पक्षियों की गणना इंटरनेशनल यूनियन फॉर कॉजर्वेशन ऑफ नेचर की पहल पर कराई गई थी।
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