Bihar: यहां के लोग थाने नहीं जाते, फिर पिछले सात वर्षों में 513 मामलों का निपटारा किसने किया?
Bihar News मंगलपुर कला पंचायत के लोगों को अब थाने जाने की जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि यहां ज्यादातर मामले ग्राम कचहरी के माध्यम से ही निपटा दिए जाते हैं। वर्ष 2013 से सरपंच के द्वारा गांव के लोगों को जागरूक कर सभी मामलों का समाधान ग्राम कचहरी के माध्यम से कराया जा रहा है। इससे गांव के लोगों को थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं।
प्रत्येक दिन लगती है ग्राम कचहरी
दस वर्षों में 513 मामलों का निष्पादन हो चुका है। इसमें 390 मामले भूमि विवाद व मारपीट से जुड़े थे। वहीं, एक्सीडेंट व हत्या जैसे मामलों का निपटारा भी स्थानीय पंचों के माध्यम से ग्राम कचहरी में ही हो जाता है, जिससे पंचायत के लोग थाने व कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचे रहते हैं। ग्राम कचहरी प्रत्येक दिन लगती है।थाने से भी ग्राम कचहरी में वापस कर दिए जाते हैं मामले
इन लोगों के निपटाए गए हैं मामले
विगत कई वर्षों से विभिन्न मामलों को लेकर आपस में लड़ाई कर रहे जीतन मुखिया बनाम कासीम मियां, सतार मियां बनाम जलील मियां, जितेन्द्र शर्मा बनाम हिरा मुखिया, आएशा खातून बनाम बाबुजान मियां, नरेश यादव बनाम विरेन्द्र सहनी, जटा राम बनाम प्रभु मुखिया, कृष्णावती देवी बनाम रामपूजन यादव, संतोष सहनी बनाम कृष्णा सहनी आदि सहित सैकड़ों लोगों के भूमि विवाद मारपीट व गाली गलौज आदि के कई तरह के मामले निपटाए गए हैं।एक दशक पूर्व पंचायत के लोगों को आपसी समन्वय बनाकर रखने के लिए हर घर-घर जाकर जागरूक किया गया। वर्ष 2016 में जब सरपंच पद पर चुनाव जीते तो उसी वादे व जागरूकता पर आज तक कार्य कर रहे हैं, जिसके कारण पंचायत के लोगों की हर समस्या उनकी समस्या होती है, जहां सबकी सहमति से मामले का निष्पादन किया जाता है। - दीपक तिवारी, सरपंच, मगलपुर कला पंचायत
मंगलपुर कला पंचायत के ज्यादातर मामले पंचायत स्तर पर ही ग्राम कचहरी में निपटा लिए जातें हैं, जो मामले थाने में आते हैं उनकी सूचना सरपंच दीपक तिवारी को दी जाती है। वह थाने पहुंचकर थाने पर या फिर ग्राम कचहरी में पंचायती द्वारा उसका निपटारा कर देते हैं। - खालिद अख्तर, थानाध्यक्ष,नौतन