KK Pathak: बिहार में शिक्षकों को भारी पड़ेगी 'नेतागीरी', शिक्षा विभाग ने जारी किया ये फरमान; उल्लंघन किया तो...
बिहार में शिक्षकों को नेतागीरी और बयानबाजी भारी पड़ेगी। केके पाठक के शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि शिक्षकों को अब मीडिया में बयान देने से साफ मनाही होगी। निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर निर्देश दिया है। जारी पत्र में उन्होंने लिखा है कि मीडिया में बयानबाजी करने वाले शिक्षकों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाए।
By Sandesh TiwariEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 29 Nov 2023 04:56 PM (IST)
संवाद सहयोगी, बेतिया। KK Pathak News 'नेतागीरी' और संगठन बनाने वाले शिक्षकों पर अब शिक्षा विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नए आदेश के तहत शिक्षकों को अब मीडिया में अपने विचारों को व्यक्त करने की मनाही होगी। कोई शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल अथवा किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन करता है तो उसके विरुद्ध भी अनुशासनिक कार्रवाई होगी। इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर निर्देश दिया है।
जारी पत्र में उन्होंने लिखा है कि मीडिया में बयानबाजी करने वाले शिक्षकों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाए। प्रारंभिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय के कुछ शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से अपने विचार प्रकट किए जाने की सूचना प्राप्त होती रहती है।
'राज्य सरकार की नीतियों का विरोध भी किया जाता है'
इस क्रम में उनके द्वारा कभी-कभी राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना भी की जाती है। राज्य सरकार की नीतियों का विरोध भी किया जाता है। उन्होंने पत्र में कहा कि ऐसा करने से शैक्षणिक माहौल को बेहतर करने में बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा है कि प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षणिक माहौल बेहतर करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मियों के किसी भी संघ को मान्यता नहीं दी गई है।शिक्षक नेताओं में हड़कंप
जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि शिक्षा विभाग की ओर से किसी भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मियों को किसी भी संघ का सदस्य बनने की मनाही है। यदि कोई शिक्षक या कोई शिक्षकेत्तर कर्मी द्वारा किसी संघ की स्थापना की जाती है, या किसी संघ की सदस्यता ली जाती है तो इसे गंभीर कदाचार माना जाएगा और उसके विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। विभाग की तरफ से शिक्षक और शिक्षक नेताओं को साफ तौर यह चेतावनी दी गई है। जिससे संघ के नेताओं में हड़कंप मच गया है।
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