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बिहार में बाघ का कहर; चरवाहे को मारकर 500 मीटर तक घसीटा शव, परिवार को मिलेंगे 10 लाख रुपये

बिहार में बाघ ने चरवाहे को मारकर 500 मीटर तक उसका शव घसीटा। शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद हुआ। मृतक के बेटे ने बताया कि गन्ने के खेत से निकलकर बाघ ने हमला कर मेरे पिताजी को मार डाला है। वे बकरी चरा रहे थे। वन विभाग की ओर से कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए मृतक के आश्रित को जल्द ही मुआवजा राशि के 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।

By Prabhat Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 17 Sep 2024 04:56 PM (IST)
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बिहार में बाघ ने चरवाहे को मार डाला। सांकेतिक तस्वीर

जासं, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण)। वीटीआर के मानपुर जंगल से निकलकर बाघ ने हमला कर एक चरवाहे को मार डाला है। जंगल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर वनबैरिया गांव का रहने वाला चरवाहा इंदलदेव महतो (55) बकरी चरा रहा था। इसी बीच गन्ना से निकलकर एक बाघ उस पर हमला कर दिया।

इसके बाद बाघ चरवाहे को घसीटकर करीब 500 मीटर दूर एक परती भूमि पर ले गया। उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया है। ग्रामीणों को जब इस घटना की सूचना मिली तो लोग हल्ला करने लगे। उसके बाद बाघ गन्ने के खेत में में छिप गया। हालांकि, घटना की सूचना पर वनकर्मी पहुंचे। वह बाघ के पगमार्ग की ट्रैकिंग कर रहे हैं।

'बाघ ने मेरे पिता को मार डाला'

मृतक के बेटे जालंधर महतो ने बताया कि गन्ने के खेत से निकलकर बाघ ने हमला कर मेरे पिताजी को मार डाला है। वे बकरी चरा रहे थे। मंगुराहा के प्रभारी रेंजर सुजीत कुमार के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ट्रैकिंग कर रही है।

धमौरा पंचायत के वनबैरिया वार्ड संख्या 14 का वार्ड सदस्य प्रतिनिधि मदन चौधरी ने बताया कि बाघ घटनास्थल से काफी दूर चरवाहे को टांग कर ले गया। शव को क्षत-विक्षत कर दिया है। उधर, डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि बकरी चराने के क्रम में बाघ के हमले में उसकी मौत हो गई है।

डीएफओ ने बताया कि बाघ आदि जानवर प्राय: इस क्षेत्र में निकलते रहते हैं। नए नियमों के अनुसार, वन विभाग की ओर से कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए मृतक के अश्रित को जल्द ही मुआवजा राशि के 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। रेंजर और वन प्रमण्डल पदाधिकारी द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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