Bihar Tourism: बिहार के कश्मीर वाल्मीकिनगर में बिताएं सुकून के पल, जंगल सफारी से लेकर खूबसूरत पहाड़ियों का करें दीदार
बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले वाल्मीकिनगर में आगामी 15 अक्टूबर से जंगल सफारी का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं। खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बसा वीटीआर प्राकृतिक सौंदर्यता का अनोखा नमूना पेश करता है। जंगल सफारी के दौरा इस बार आप बाघ चीता हिरण गैंडा और तेंदुआ सहित अन्य वन्य जीवों को बेहद नजदीक से देखने का तुल्फ उठा सकते हैं।
बगहा, संवाद सहयोगी। खुले आसमान में चिड़ियों के चहचहाने और चहुंओर हरियाली को समेटे फूल पौधे हो और रास्तों पर स्वच्छंद विचरण करते वन्यजीव देखना है, तो बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले वाल्मीकिनगर में का दीदार जरूर करें।
वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में खूबसूरत कोर एरिया में जंगल सफारी का भी आनंद ले सकेंगे। इस नये सत्र में वीटीआर प्रशासन पर्यटन के लिए तैयारी कर रहा है। पर्यटकों के स्वागत के लिए वीटीआर की तैयारी अंतिम चरण में है। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी 15 अक्टूबर से पर्यटक जंगल सफारी का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं।
इको टूरिज्म पाॅलिसी के तहत इस बार वाल्मीकिनगर के संभावित क्षेत्रों को प्रकृति को बगैर नुकसान पहुंचाए पर्यटकों को लुभाने वाले सुविधाओं को जोड़ा भी जा रहा है, जिससे कि पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
कोर एरिया में पर्यटक लेंगे सफारी का मजा
वीटीआर प्रशासन द्वारा कोर एरिया को दुरूस्त कर लिया गया है। यहां आने वाले पर्यटकों को जंगल सफारी के मजा के लिए भरपूर व्यवस्था किया जाता है। इसे लेकर वीटीआर प्रशासन जटाशंकर मंदिर चेकनाका से पर्यटकों का प्रवेश करा जंगल की अनुपम छटा के बीच बालूथापा, बरवामाफी आदि रास्ते से वन्यजीवों के दीदार के उद्देश्य से भ्रमण कराता है, ताकि पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता को निहार सकें व वन्य जीवों की चहलकदमी भी देख लें।
जंगल सफारी के साथ पर्यटन स्थल का भी करें दीदार
वाल्मीकिनगर के टाइगर रिजर्व एरिया गंडक नदी के तट पर है। यहां चहुंओर हरियाली के बीच विभिन्न पक्षियों कलरव व करतल ध्वनि के साथ गंडक नदी में पानी का प्रवाह भी पर्यटकों को नजर आएगा। सफारी के साथ गंडक नदी में बोटिंग की सुविधा, ईको पार्क, वाल्मीकि आश्रम, रीवर पाथवे, बंबू हट, ट्री हट, नर देवी मंदिर, कालेश्वर मंदिर, जटाशंकर मंदिर आदि महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं, जो देश- विदेश से आनेवाले सैलानियों को लुभाएगा।
विभिन्न रेंज में सफारी रूट की तैयारी
पर्यटकों को वीटीआर के जंगलों में सफारी का भरपूर मजा मिले, उन्हें नजदीक से वन्य जीवों बाघ, चीता, हिरण, गैंडा, तेंदुआ सहित अन्य का दीदार हो इसको लेकर वाल्मीकिनगर ही नहीं बल्कि मंगुराहा, गोबर्धना आदि वन क्षेत्रों में लगभग आधा दर्जन नये रूट सफारी के लिए तैयार की जा रही है।
गेस्ट हाउस व इको हट में ठहराव
नए पर्यटन सीजन का आरंभ होने ही वाला है। ऐसे में विभिन्न वन क्षेत्रों में बने गेस्ट हाउस व ईको हट में सैलानी ठहर सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता को करीब से महसूस करने के लिए वाल्मीकिनगर एक बेहद ही खूबसूरत स्थल है। जहां चहुंओर रमणीय दृश्य ही नजर आयेंगे। यहां ऑनलाइन बुकिंग कर ही ठहराव हो सकता है। पर्यटक अपने खर्च कर नाश्ता, भोजन का आनंद ले सकते हैं। जंगल सफारी के लिए एक व्यक्ति पर लगभग चार सौ रुपये का खर्च होना तय है।
वीटीआर में सेल्फी प्वाइंट भी मौजूद
वीटीआर में कहीं भी रील्स, सेल्फी पर्यटक मोबाइल कैमरा से बना सकते हैं। पर यहां ट्री व बंबू हट, बराज का तट, विभिन्न धार्मिक महत्व वाले स्थल, नौरंगिया व कोतराहां के बीच सदाबहार जंगल, रंग बिरंगे फूलों से सजे पार्क आदि स्थल सेल्फी के केंद्र हैं।
नए सत्र में पर्यटन की तैयारी चल रही है। जंगल सफारी के लिए नये रूट भी बनाए जा रहे हैं। सब कुछ ठीक रहा तो वीटीआर में 15 अक्टूबर से जंगल सफारी शुरू हो जाएग।
डाॅ नेशामणि, वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
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