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Ex DM Dilip Kumar: बेतिया के पूर्व DM पर चलेगा आपराधिक मुकदमा, 16 साल पहले किया था पावर का गलत इस्तेमाल

Bihar Crime News बेतिया के पूर्व डीएम पर अब अपराधिक मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने इस संबंध में आदेश दिया है। मामला 2008 का है। शांति समिति की बैठक में डीएम (Case Against DM) ने मारपीट और झूठी गिरफ्तारी जैसे कांड को अंजाम दिया था। पहले मामला पटना हाई कोर्ट पहुंचा फिर न्याय नहीं मिलने पर केस सुप्रीम कोर्ट चला गया।

By Sunil Tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 06:42 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, बेतिया। वर्ष 2008 में महावीरी अखाड़े के दौरान करनेमया में विवाद को लेकर शांति समिति की बैठक के बाद अधिवक्ता समेत दो लोगों के साथ मारपीट, गिरफ्तारी और रात में न्यायिक हिरासत में भेजने के मामले में अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव के परिवाद पर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने सुनवाई करते हुए पश्चिम चंपारण के पूर्व डीएम दिलीप कुमार के खिलाफ संज्ञान लिया है।

अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने अभियुक्त के खिलाफ संज्ञान सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में लिया है। बता दें कि परिवादी ब्रजराज श्रीवास्तव ने 22 अगस्त 2008 को इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में डीएम दिलीप कुमार के खिलाफ परिवाद दायर किया था।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने परिवाद को खारिज कर दिया था। परिवादी ने इस फैसले के खिलाफ जिला जज के न्यायालय में क्रिमिनल रिवीजन दायर किया। सुनवाई के उपरांत जिला जज ने भी क्रिमिनल रिवीजन को भी खारिज कर दिया।

इस आदेश के खिलाफ परिवादी ने उच्च न्यायालय पटना में क्रिमिनल मिसलेनियस वाद दायर किया था। उच्च न्यायालय पटना ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तथा जिला जज के आदेश को निरस्त करते हुए अभियुक्त दिलीप कुमार के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे डीएम दिलीप कुमार 

डीएम दिलीप कुमार ने उच्च न्यायालय पटना के इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई पूरी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय पटना के आदेश को सही ठहराया है।

इसी आदेश के आलोक में अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने पश्चिम चंपारण के पूर्व डीएम के खिलाफ सुसंगत धाराओं में संज्ञान लिया है।

बता दें कि परिवादी ब्रजराज श्रीवास्तव ने बताया कि 12 अगस्त 2008 को शांति समिति की बैठक में परिवादी और विजय कश्यप शामिल हुए थे। दोनों ने करनमेया में महावीरी झंडा फाड़ने एवं तोड़ने वाले व्यक्ति पर निरोधात्मक कार्यवाही की बात उठाई।

इस पर डीएम नाराज हो गए। थोड़ी देर के बाद कुछ लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने लगे। धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाते हुए गाली गलौज और मारपीट की। दोनों को पुलिस हाजत में बंद करा दिया। रात्रि 12 बजे जेल भेज दिया था।

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