Eye Flu: आई फ्लू के प्रकोप ने बढ़ाई आईड्रॉप, काले चश्मे और एंटीबायोटिक की डिमांड, मनमाने दाम वसूल रहे दुकानदार
पश्चिमी चंपारण में आई फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। नतीजतन आई ड्रॉप काले चश्मे और एंटीबायोटिक की खूब बिक्री हो रही है। दवा दुकानदारों का कहना है कि आई ड्राप बिक्री के मामले में अब तक के सारे रिकार्ड टूट गए हैं। काले चश्मे की डिमांड भी खूब है। शहर में तो ठीक है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी मनमाने ढंग से दाम वसूल किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बेतिया: पश्चिमी चंपारण में आई फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। नतीजतन आई ड्रॉप, काले चश्मे और एंटीबायोटिक की बिक्री बढ़ गई है।
दवा दुकानदारों का कहना है कि आई ड्राप बिक्री के मामले में अबतक के सारे रिकार्ड टूट गए हैं। काले चश्मे की डिमांड भी खूब है। शहर में तो ठीक है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी मनमाने ढंग से दाम वसूल किए जा रहे हैं।
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक दवा दुकानदार ने बताया कि उनकी दुकान में बहुत दिन से आई ड्रॉप पड़ा हुआ था। डिमांड कम होने की वजह से लग रहा था कि एक्सपायर हो जाएगी, लेकिन आई फ्लू की वजह से सब बिक गया।
अस्पताल रोड स्थित आप्टिकल संचालक मुकेश कुमार ने बताया कि काले चश्मे की मांग केवल आपरेशन के दौरान ही की जाती थी, लेकिन आई फ्लू की वजह से दुकान में रखा काला चश्मा बिक गया। यह स्थिति करीब दो माह से बनी हुई है।
हवा में फैला है वायरस
प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस वायरल इन्फेक्शन है। वायरस हवा में रहता है।
यह वायरस एक दूसरे के कॉन्टैक्ट में आने से फैल रहा है। बच्चों से लेकर नौजवान व बुजुर्ग तक सभी इसका शिकार हो रहे हैं। बीमारी होने पर आंखे लाल हो जा रही है और जलन हो रहा है।
करीब 10 से 15 मरीज हर दिन आ रहे है। बीमारी में माक्सी क्लाकसीलिन आई ड्रॉप, ऑकुपाॅल मलहम, एलिग्रा एंटीबायोटिक दी जा रही। इन्फेक्शन दूसरे तक न पहुंचे इस लिए काला चश्मा लगाने की सलाह दी जा रही है।
ये हो सकते हैं संक्रमण के कारण
नवजात शिशुओं में टियर डक्ट के अश्रु नलिकाद्ध बंद होने के कारण कंजक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है। वहीं, अन्य लोगों में संक्रमण, एलर्जी, वायरस एवं रसायनों का एक्सपोज़र इसका कारण बन सकता है। वायरल कंजक्टिवाइटिस अक्सर एक आंख में होता है और कुछ दिनों में दूसरी आंख में भी फैल जाता है।
कंजक्टिवाइटिस के ये हैं लक्षण
- एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना।
- एक या दोनों आंखों में जलन या खुजली होना।
- असामान्य रूप से आंखों से आंसू निकलना।
- आंखों में किरकिरी महसूस होना।
- एक या दोनों आंखों में सूजन आ जाना।
कैसे करें बचाव
- आंखों की सफाई बेहद जरुरी।
- आंखों को अपने हाथ से नहीं छुएं।
- जरूरी पर आंख छूने के बाद हाथों को धोएं।
- आंखों पर हर वक्त काला चश्मा लगाएं।
- तौलिया या तकिया के खेल को नियमित बदलें।