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जीवन में सफलता को लक्ष्य का निर्धारण जरूरी

बगहा। जीवन में सफल बनने के लिए सर्वाधिक आवश्यक है एक निर्धारित लक्ष्य। लक्ष्य किसी भी रूप में हो सकत

By Edited By: Updated: Fri, 07 Oct 2016 03:02 AM (IST)

बगहा। जीवन में सफल बनने के लिए सर्वाधिक आवश्यक है एक निर्धारित लक्ष्य। लक्ष्य किसी भी रूप में हो सकता है। यह आपके उपर निर्भर करता है कि आप किस लक्ष्य को लेकर सफलता की ओर बढ़ रहे हैं। लक्ष्य पूर्णत: स्पष्ट होना चाहिए। इस मामले में कभी भी दोहरी मानसिकता नहीं अपनानी चाहिए। सदैव एक लक्ष्य होना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति अलग-अलग कई लक्ष्य निर्धारित कर लेता है। एक लक्ष्य पूरा नहीं होने पर दूसरे की ओर मुड़ जाता है। ऐसे में पहले लक्ष्य के साथ-साथ अन्य लक्ष्य में भी उसके हाथ असफलता ही लगती है। हालांकि पहले लक्ष्य में विफल होने के बाद जब व्यक्ति किसी दूसरे या तीसरे लक्ष्य की ओर बढ़ता है तो वह प्रारंभिक दौर को असफलता के कारण दूसरे लक्ष्य में भी विफल हो जाता है। ऐसे में लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकाग्रता आवश्यक है। सदैव यह ध्यान रखा जाय कि लक्ष्य एक बनाए तो बेहतर है। कल्पना करें कि यदि आपने अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया तो आपकी स्थिति क्या होगी? लक्ष्य प्राप्ति किस हद तक आपके जीवन को प्रभावित करेगी। इसे जितना हो सके उतना सोचें। मस्तिष्क में लक्ष्य का एक स्पष्ट चित्र बनाए। लक्ष्य प्राप्त करने के पश्चात मिलने वाली खुशियों का अनुभव करें। यह अनुभव लक्ष्य प्राप्ति में सहायक सिद्ध होगी।

उदाहरण के तौर पर एक छात्र अपने कैरियर का लक्ष्य निर्धारित कर लेता है। जैसे वह चाहता है कि मुझे शिक्षक बनना है। एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण करने के उपरांत उसे प्राप्त करने के लिए भरसक कोशिश करता है और एकाग्रचित होकर लक्ष्य को पूरा भी कर लेता है। वहीं उसका एक अन्य सहपाठी वह डाक्टर, प्रशासनिक अधिकारी एवं अध्यापक बनने का लक्ष्य निर्धारित करता है। उसका पहला लक्ष्य डाक्टर बनने का है। दूसरा लक्ष्य प्रशासनिक अधिकारी और अंत में वह अध्यापक बनने का लक्ष्य निर्धारित करता है। इन तीनों लक्ष्यों को लेकर वह आगे बढ़ता है। नतीजा कि उसकी सोच व उसकी कार्यशैली में भटकाव की वजह से वह असफल हो जाता है।

सफलता के लिए आवश्यक है कि आपा सदैव अपने लक्ष्य के प्रति आशान्वित रहें। स्वयं पर विश्वास रखें कि आप अवश्य ही एक दिन अपने लक्ष्य को प्राप्त करके रहेंगे। यदि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में संशय है तो आप अपने लक्ष्य की ओर नहीं बढ़े तो ही बेहतर है। क्योंकि आपमें जब विश्वास ही नहीं है तो आप कैसे अपने लक्ष्य को पाएंगे। एक निराश और हताश व्यक्ति कभी किसी कारगर लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। लक्ष्य प्राप्ति के लिए निराशा और हताशा जैसे शब्दों को अपने शब्दकोष से हटा दें फिर देंखे। आपके जीवन में किस तरह से चमत्कारिक परिवर्तन होता है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए आपमें इच्छाशक्ति होनी चाहिए। आपमें इच्छाशक्ति नहीं हो तो आप कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय भी जरूरी है। मसलन यह मैं इसे अवश्य ही प्राप्त कर दिखाउंगा। अक्सर देखा जाता है कि कुछ बच्चे पढ़ाई में कमजोर और किसी अन्य क्षेत्र जैसे खेल या चित्रकला में प्रवीण होते हैं। इसका प्रमुख कारण यही है कि इस प्रकार के बच्चों में खेल या चित्रकला के प्रति इच्छा है और पढ़ाई के प्रति नहीं। ये बच्चे यदि पढ़ाई में भी खेल की तरह इच्छाशक्ति दिखाएं तो उन्हें निश्चितरूप से पढ़ाई में भी सफलता मिलेगी।

-मो. ओबैदुर्रहमान, राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक सह मुख्य साधनसेवी, अक्षरांचल योजना

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