जीवन में सफलता को लक्ष्य का निर्धारण जरूरी
बगहा। जीवन में सफल बनने के लिए सर्वाधिक आवश्यक है एक निर्धारित लक्ष्य। लक्ष्य किसी भी रूप में हो सकत
बगहा। जीवन में सफल बनने के लिए सर्वाधिक आवश्यक है एक निर्धारित लक्ष्य। लक्ष्य किसी भी रूप में हो सकता है। यह आपके उपर निर्भर करता है कि आप किस लक्ष्य को लेकर सफलता की ओर बढ़ रहे हैं। लक्ष्य पूर्णत: स्पष्ट होना चाहिए। इस मामले में कभी भी दोहरी मानसिकता नहीं अपनानी चाहिए। सदैव एक लक्ष्य होना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति अलग-अलग कई लक्ष्य निर्धारित कर लेता है। एक लक्ष्य पूरा नहीं होने पर दूसरे की ओर मुड़ जाता है। ऐसे में पहले लक्ष्य के साथ-साथ अन्य लक्ष्य में भी उसके हाथ असफलता ही लगती है। हालांकि पहले लक्ष्य में विफल होने के बाद जब व्यक्ति किसी दूसरे या तीसरे लक्ष्य की ओर बढ़ता है तो वह प्रारंभिक दौर को असफलता के कारण दूसरे लक्ष्य में भी विफल हो जाता है। ऐसे में लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकाग्रता आवश्यक है। सदैव यह ध्यान रखा जाय कि लक्ष्य एक बनाए तो बेहतर है। कल्पना करें कि यदि आपने अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया तो आपकी स्थिति क्या होगी? लक्ष्य प्राप्ति किस हद तक आपके जीवन को प्रभावित करेगी। इसे जितना हो सके उतना सोचें। मस्तिष्क में लक्ष्य का एक स्पष्ट चित्र बनाए। लक्ष्य प्राप्त करने के पश्चात मिलने वाली खुशियों का अनुभव करें। यह अनुभव लक्ष्य प्राप्ति में सहायक सिद्ध होगी।
उदाहरण के तौर पर एक छात्र अपने कैरियर का लक्ष्य निर्धारित कर लेता है। जैसे वह चाहता है कि मुझे शिक्षक बनना है। एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण करने के उपरांत उसे प्राप्त करने के लिए भरसक कोशिश करता है और एकाग्रचित होकर लक्ष्य को पूरा भी कर लेता है। वहीं उसका एक अन्य सहपाठी वह डाक्टर, प्रशासनिक अधिकारी एवं अध्यापक बनने का लक्ष्य निर्धारित करता है। उसका पहला लक्ष्य डाक्टर बनने का है। दूसरा लक्ष्य प्रशासनिक अधिकारी और अंत में वह अध्यापक बनने का लक्ष्य निर्धारित करता है। इन तीनों लक्ष्यों को लेकर वह आगे बढ़ता है। नतीजा कि उसकी सोच व उसकी कार्यशैली में भटकाव की वजह से वह असफल हो जाता है।