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Bihar Bhumi Survey: भूमि सर्वेक्षण को लेकर सामने आई नई जानकारी, अब इस काम के लिए जमीन मालिकों को करनी होगी माथापच्ची

पश्चिम चंपारण जिले में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण में रैयतों को अपने जमीन का ब्योरा देना पड़ रहा है। कई रैयतों के पास अभी सभी तरह के आवश्यक कागजात नहीं हैं। ऐसे में वे अंचल कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन राजस्व कर्मचारियों और अंचलाधिकारियों की लापरवाही के कारण उनका नाम जमाबंदी पंजी में सुधार नहीं हो पा रहा है।

By Shashi Mishra Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 11 Sep 2024 03:06 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, बेतिया। जिले में विशेष भूमि सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। यह कार्य संपूर्ण जिला में चल रहा है। इस कार्य के लिए आयोजित ग्राम सभा में रैयतों को अपने जमीन का ब्योरा देना पड़ रहा है।

यह प्रपत्र दो में भरकर जमा करने या ऑनलाइन अपलोड करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन रैयतों के पास अभी सभी तरह के आवश्यक कागजात नहीं हैं। कई रैयत ऐसे हैं, जिनका जमाबंदी सुधार ही अभी तक नहीं हो पाया है।

परिणाम यह हो रहा है कि ऐसे रैयत अंचल कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन राजस्व कर्मचारियों एवं अंचलाधिकारियों की लापरवाही या उदासीनता के कारण रैयतों का नाम जमाबंदी पंजी में सुधार नहीं हो पा रहा है।

सरकार ने सभी जमीनों का रजिस्टर टू में ऑनलाइन करने का निर्देश दिया है, जो जमीन मालिक, राजस्व कर्मियों एवं अंचलाधिकारियों को नहीं मिल रहे है। जिले में बड़ी संख्या में ऐसे रैयत हैं, जिनका जमाबंदी सुधार अभी तक नहीं हो पाया है।

ऑनलाइन दिख रही जमाबंदी में किसी में रैयत का नाम नहीं है, तो किसी की भूमि का रकबा ही भिन्न है। कुल रकबा तो दिखा दिया गया है, लेकिन ऑनलाइन जमाबंदी में खाता एवं खेसरा शून्य कर दिया गया है। ऐसे में सरकार के ऑनलाइन पोर्टल परिमार्जन शुरू में जारी किया गया।

आवेदन कर चुके रैयत अभी भी सुधार के इंतजार में 

परिमार्जन प्रक्रिया में तकनीकी कठिनाईयों को देखते हुए सरकार ने परिमार्जन प्लस पोर्टल जारी किया। जिसपर आवेदन कर चुके रैयत अभी भी सुधार के इंतजार में है। सोमवार को संपन्न हुए बैठक में परिमार्जन के मामलो के लंबित रहने पर भी चिंता जताई गई है।

अपर समाहर्ता राजीव कुमार सिंह ने बताया कि परिमार्जन प्लस के मामलो को पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर निष्पादित करने का निर्देश संबंधित अंचलाधिकारियों को दिया गया है। साथ ही परिमार्जन के पुराने पोर्टल पर लंबित मामलो को यथाशीघ्र निष्पादित करने का भी निर्देश दिया गया है।

बता दें कि जिले में परिमार्जन के पुराने पोर्टल पर प्राप्त 2 लाख 17 हजार 675 आवेदनों में से अभी तक 2 लाख 13 हजार 355 आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया है। जबकि अभी भी 4 हजार 320 आवेदन लंबित है। जबकि परिमार्जन प्लस में प्राप्त 7 हजार 710 आवेदनों में से मात्र 1 हजार 247 आवेदनों का ही निष्पादन हो सका है।

अभी भी अंचलाधिकारी स्तर पर 1903, कर्मचारी स्तर पर 4095 एवं राजस्व पदाधिकारी स्तर पर 562 मामले लंबित है। इधर रजिस्टर टू में जमीन का ऑनलाइन सुधार नहीं होने से रैयतों को काफी क्षति हो रही है। 

बैठक में अनुपस्थित मैनाटांड़ के सीओ के एक दिन का कटा वेतन

अपर समाहर्ता राजीव कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को सभी अंचलाधिकारियों, राजस्व अधिकारियों, भूमि सुधार उप समाहर्ताओं की बैठक आयोजित की गई, जिसमें अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने पर मैनाटांड़ के अंचलाधिकारी का एक दिन का वेतन अवरुद्ध करते हुए उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गई है।

बैठक में आधार सीडिंग, अभियान बसेरा टू, दाखिल खारिज, भूमि हस्तांतरण, परिमार्जन, परिमार्जन प्लस, ई मापी, सीमांकन आदि मामलो की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान अपर समाहर्ताने बेतिया अंचल में मात्र 7 प्रतिशत रैयतो का आधार सीडिंग किए जाने पर चिंता जताई गई।

इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया गया। वहीं दाख्लिा खारिज के मामले में भी संबंधित अंचलाधिकारियों को दाखिल खारिज वादों को प्राथमिकता के आधार पर त्वरित गति से गुणवतापूर्ण निष्पादन करने का निर्देश दिया गया।

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