Lok Sabha Election : बिहार के इस जिले में 5 हजार वोटरों को नहीं मिलता किसी योजना का लाभ, कारण जनकर हो जाएंगे हैरान
Lok Sabha Election पांच हजार मतदाताओं को किसी योजना का लाभ नहीं मिलता है। इन्हें सड़क बिजली के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है। बताते हैं कि 1972 में गंडक नदी ने भयंकर कटाव किया था। उस समय सेमरा लबदेहा पिपरासी खलवा टोला मुजहीं आदि से लोग आकर नगर के वार्ड चार छह सात व आठ में बस गए थे।
मो. अब्बु साबीर, बगहा। नगर परिषद क्षेत्र के कैलाशनगर में लगभग पांच हजार मतदाता व बीस हजार की आबादी नगर परिषद की स्थापना काल से ही रेलवे व सरकारी भूमि पर बसे हैं। इसमें गंडक नदी के कटाव पीड़ित अधिक संख्या में हैं। इन्हें सड़क, बिजली के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है।
बताते हैं कि 1972 में गंडक नदी ने भयंकर कटाव किया था। उस समय सेमरा लबदेहा, पिपरासी, खलवा टोला, मुजहीं, आदि से लोग आकर नगर के वार्ड चार, छह, सात व आठ में बस गए थे। यह रेलवे की खाली जमीन थी। अब ऐसे में इनको अब तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है।
ये हैं बड़ा कारण
कारण कि सरकारी केंद्र व राज्य की योजनाओं जैसे आवास योजना, शौचालय योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का लाभ मिलने के लिए यह नियम है कि जिनके पास अपनी जमीन होगी। उसका स्वामित्व प्रमाण पत्र होगा। उसी के नाम से ही योजना का लाभ मिलेगा।अब रेलवे की भूमि पर बसे लोगों को नगर परिषद प्रबंधन चाह कर भी आवास, शौचालय, सामुदायिक शौचालय, सड़क, पीसीसी, जलमीनार आदि का लाभ उपलब्ध नहीं करा रही है।
आवेदन दे देकर गुहार लगा चुके है
दूसरी ओर योजना के लाभ के लिए साढ़े चार हजार से अधिक की आबादी, सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री, पीएम सहित राष्ट्रपति तक आवेदन देकर भूमि स्वामित्व के लिए आवेदन दे देकर गुहार लगा चुके है।स्थानीय मदन बीन, सोहन बीन, बिकाऊ राम, शंभू भर, सालिक सहनी, जोगेंद्र सहनी, ड्राइवर सहनी, लंबू सहनी, मो. अब्दुल्लाह, मो. यासीन, अलाउद्दीन अंसारी आदि दर्जनों आक्रोश जताते हुए कहते हैं। हमें जमीन का स्वामित्व का अधिकार पांच दशकों से अब तक नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि हमें बस केवल नगर परिषद, विधायक, सांसद के चुनाव के समय पूछा जाता है। प्रत्याशी वोट के लिए आते हैं। तमाम वादे करते हैं। हर बार हमें आश्वासन देकर मतदान करा लिया जाता है। चुनाव समाप्त होने के बा विजयी प्रत्याशी दोबारा इस मुद्दे पर पहल नहीं करते नजर आते है।उन्होंने कहा कि हम लोग मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित अन्य मंत्रियों को आवेदन दे देकर थक चुके हैं। बावजूद हमारी समस्या का निदान कोई करता नजर नहीं आ रहा है। हम लोग शहर में रहते अवश्य है, हमें पंचायत स्तर की भी सुविधा जमीन के कागजात के अभाव में नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि हम लोग सब चुनाव में मतदान के लिए ही पूछे जाते है। हमारी समस्या का निदान करने वाला अब तक कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी आगे आता नजर नहीं आ रहा है।
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