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बेतिया नगर निगम में बवाल, मेयर और नीतीश कुमार के अधिकारी आपस में भिड़े; मुख्य सचिव तक पहुंची बात

बेतिया में महापौर और नगर आयुक्त के बीच लड़ाई अब चरम पर पहुंच गई है। महापौर ने खुलेआम नगर आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मेयर ने मुख्य सचिव को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है। महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने नगर आयुक्त पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अनबन के बीच महापौर ने निर्धारित चार एजेंडों पर बोर्ड की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है।

By Sunil Tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 11 Aug 2024 04:43 PM (IST)
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पश्चिम चंपारण के बेतिया बगर निगम की फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, बेतिया। नगर निगम में पिछले कुछ दिनों से सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा। बोर्ड की बैठक बुलाने को लेकर बार- बार पत्राचार हो रहा है।

आवश्यकता से अधिक दैनिक सफाई कर्मचारियों की बहाली, वाहनों में डीजल के लिए पेट्रोल पंप बदलने का आदेश इत्यादि कई मुद्दे पिछले कुछ दिनों से निगम में छाए हुए हैं। अब निगम में महापौर और आयुक्त के बीच अनबन का मामला एक तरह से सार्वजनिक हो गया है।

महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने आयुक्त पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव समेत अन्य को पत्र भेजा है। पत्र नगर आयुक्त को संबोधित है। उसकी प्रतिलिपि उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।

पत्र में नगर आयुक्त द्वारा बोर्ड की बैठक को रोकने, नियम के विरुद्ध बैठकों के एजेंडा में छेड़छाड़ करने एवं बैठकों में लिए गए निर्णयों का अनुपालन नहीं करने के आरोप है।

लिखा है कि बोर्ड की सामान्य बैठक के लिए बीते 20 जुलाई को चार एजेंडा पर निर्धारित थी, परन्तु आयुक्त ने बैठक का पत्र नहीं निर्गत किया। फिर तीन अगस्त को महापौर ने पत्र देकर कहा कि 13 अगस्त को बोर्ड की बैठक बुलाई जाए।

ये था मामला

चार एजेंडों पर बैठक बुलाने के लिए महापौर ने कहा था, जबकि आयुक्त ने एजेंडा नंबर 1 एवं 2 को हटा दिया है। उसके बदले में अपनी तरफ से पांचवा एजेंडा जोड़ दिया गया है। एजेंडा में वैसे विषयों को रखा गया है, जिसपर पूर्व के बैठकों में निर्णय हो चुका है।

हालांकि, बीते सात अगस्त को हुई सशक्त स्थायी समिति की बैठक में सदस्यों ने एजेंडा में छेड़छाड़ करने एवं निर्णयों का अनुपालन नहीं करने पर आपत्ति की थी।

पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि नगर विकास और आवास विभाग का स्पष्ट आदेश है कि नगर पालिका के कार्यपालक कृत्य सशक्त स्थायी समिति के पर्यवेक्षण के अधीन मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा क्रियान्वित किए जाएंगे।

निर्देश का अनुपालन दृढ़ता से सुनिश्चित किया जाए, परन्तु आयुक्त के द्वारा सशक्त स्थायी समिति की गत कई बैठकों में लिए गए निर्णयों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने आयुक्त को लिखा है कि आगामी 13 अगस्त को होने वाली बोर्ड की बैठक में महापौर की ओर से दिए गए चार एजेंडों पर बैठक बुलाने का पत्र निर्गत करें। 

नहीं रहता एजेंडा और प्रस्तावों में तालमेल-आयुक्त

आयुक्त शंभू कुमार का कहना है कि बीते चार जुलाई को निगम बोर्ड की बैठक थी। उसी दिन जिले के प्रभारी मंत्री की भी समीक्षा बैठक हो गई। ऐसे में बोर्ड की बैठक को स्थगित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि फिर भी बैठक कर कई प्रस्ताव परित किए गए, जिसको लेकर विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है। जब जिले में प्रभारी मंत्री बैठक कर रहे हैं तो अन्य सभी बैठकें स्वत: स्थगित हो जाती है। इसकी सूचना भी दी गई थी। जिस बैठक में मैं नहीं था, उसमें पारित प्रस्तावों पर हस्ताक्षर कैसे कर सकता।

उन्होंने कहा कि मैंने बोला है कि आगामी 13 अगस्त को आयोजित बैठक में सभी प्रस्तावों को पारित करा लिया जाए। फिर उन्हें शामिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं भागीय नियम के अनुरूप कार्य कर रहा हूं।

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