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    Bihar News: मानसिक रूप से बीमार युवक को बच्चा चोर समझ बनाया बंधक, पुलिस ने छुड़ाया

    पश्चिमी चंपारण के हरनाटांड़ में बच्चा चोर की अफवाह से हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने एक मानसिक रूप से बीमार युवक को बच्चा चोर समझकर बंधक बना लिया। पुलिस ने युवक को छुड़ाकर पूछताछ की और पाया कि वह मानसिक रूप से बीमार है। युवक की पहचान वीरेंद्र उरांव के रूप में हुई जिसे बाद में उसके परिजनों को सौंप दिया गया।

    By Arjun Kumar Jaiswal Edited By: Nishant Bharti Updated: Sun, 24 Aug 2025 06:37 PM (IST)
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    मानसिक रूप से बीमार युवक पर बच्चा चोरी का आरोप, बनाया बंधक

    संवाद सूत्र, हरनाटांड़(पूर्वी चंपारण)। लौकरिया थाना क्षेत्र के बैरिया खुर्द गांव में रविवार की दोपहर उस समय हड़कंप मच गया जब एक मानसिक रूप से बीमार युवक को बच्चा चोर होने के शक में ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग मौके पर जुट गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

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    बताया जाता है कि बैरिया खुर्द निवासी गोपाल साह का 10 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार बैरिया कुट्टी में बकरी चरा रहा था। तभी उसे उस युवक ने नमकीन देने की बात कहकर पास बुलाया। किसी अनजान द्वारा ऐसे अचानक बुलाए जाने पर बच्चा डर गया और गांव में जाकर इस घटना की जानकारी दी। लोगों को लगा कि वो कहीं बच्चा चोर तो नहीं और बस इस अफवाह को सुनकर वहां दर्जनों ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी हो गए।

    ग्रामीणों ने उसे बंधक बनाकर पूछताछ करना शुरू कर दिया। इसी दौरान कई लोगों ने मोबाइल से वीडियो बनाकर इसे इंटरनेट पर प्रसारित भी कर दिया। इसी बीच किसी ने घटना की जानकारी लौकरिया पुलिस को दे दी।

    सूचना मिलते ही लौकरिया थानाध्यक्ष अनुज कुमार सिंह ने एसआई सूरज कुमार शर्मा को पुलिस बल के साथ मौके पर भेजा। जहां से पुलिस ने युवक को ग्रामीणों के कब्जे से मुक्त कराया। पुलिस की जांच-पड़ताल एवं पूछताछ के दौरान युवक के पॉकेट से आधार कार्ड से उसकी पहचान की गई। जिसमें उसकी पहचान वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के कंपार्ट भेड़िहारी के वार्ड संख्या 14 निवासी प्रसाद उरांव के पुत्र वीरेंद्र उरांव (34) के रूप में की गई है।

    थानाध्यक्ष ने बताया कि युवक के स्वजन से संपर्क किया गया। जिसमें उनके द्वारा यह जानकारी दी गई की युवक मानसिक रूप से बीमार है। वह घर से कहीं बाहर चला गया था। जिसकी तलाश की जा रही थी।

    थानाध्यक्ष ने बताया कि यह स्पष्ट हुआ कि युवक मानसिक रूप से बीमार है और बच्चा चोरी जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। इसके बाद युवक को उसके पिता के हवाले कर दिया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि ग्रामीणों के बीच बच्चा चोरी की अफवाह फैलने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी। हालांकि स्थिति को शीघ्र नियंत्रित कर लिया गया। युवक मानसिक रूप से अस्वस्थ है। कहा कि किसी भी स्थिति में बिना पुष्टि के किसी पर आरोप लगाना और बंधक बनाना कानूनन अपराध है। ग्रामीण अफवाहों पर ध्यान न दें और संदेह होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।

    उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अफवाह और भीड़ की मानसिकता कई बार निर्दोष लोगों की जान के लिए खतरा बन जाती है, इसलिए ऐसी घटनाओं से बचाना सबकी जिम्मेदारी है।