Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

आधारकार्ड के जरिए सात साल बाद अपने माता-पिता से मिले बेटा-बेटी, 2016 में लापता होने के बाद पहुंच गए थे लखनऊ

आधारकार्ड के जरिए सात साल बाद बेटा-बेटी अपने माता-पिता से मिले हैं। यह खबर पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज की है। बताया जा रहा है कि लखनऊ बाल सुधार गृह में आधारकार्ड बनवाने के दौरान यह पता चला कि उनका पहचान पत्र पहले से बना है। इससे दोनों भाई बहन के स्वजन चला पता चल गया। फिलहाल बेटी अपने घर पहुंच गई है।

By Prabhat MishraEdited By: Mukul KumarUpdated: Fri, 29 Sep 2023 08:33 AM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

संवाद सूत्र, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण) : नरकटियागंज के प्रकाशनगर मोहल्ले से सात वर्ष पहले लापता भाई-बहन लखनऊ के बाल सुधार गृह में मिले हैं। बाल सुधार गृह में पढ़ाई के दौरान फार्म भरने के लिए आधारकार्ड की आवश्यकता पड़ने पर पता चला कि उनका आधार पहले से बना है।

इससे दोनों की पहचान हुई और वे स्वजन से मिले। फिलहाल, कौशिकी कुमारी (19) शिकारपुर पुलिस के सहयोग से माता-पिता के पास चली आई है। उसका भाई राजीव (14) अभी बाल सुधार गृह में है। उसकी परीक्षा चल रही है।

2016 में लापता हुए थे बच्चे

कौशिकी ने बातचीत में बताया कि 2016 में वह लापता हुई थी। उसे याद नहीं कि वह कैसे लखनऊ पहुंच गई। बाल सुधार गृह में करीब सात साल से रह रही थी। नौवीं क्लास में जब रजिस्ट्रेशन के लिए आधारकार्ड की जरूरत पड़ी तो उसे बनवाने ले जाया गया तो वहां पहले से उसके आधारकार्ड बनने का प्रमाण मिला।

फिर बाल सुधार गृह ने पूर्व के बने आधारकार्ड के माध्यम से उसका पता निकालकर माता-पिता की तलाश शुरू हुई। इसकी सूचना शिकारपुर पुलिस को दी गई। शिकारपुर पुलिस ने समाजसेवियों के माध्यम से बच्ची के घर का पता लगा लिया।

यह भी पढ़ें- बिहार BJP से संघ की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को मिलेगी MP-CG, राजस्‍थान विधानसभा चुनाव की कमान, ये है रणनीति‍

खेलने के दौरान लापता हो गए थे बच्चे

कौशिकी ने पुलिस को बताया कि उसका भाई राजीव उर्फ इंद्रसेन अभी बाल सुधार गृह में है। उसकी परीक्षा होने के कारण वह उसके साथ नहीं आ सका है। इन बच्चों की मां प्रकाश नगर निवासी सुनीता देवी ने बताया कि 2016 में 12 वर्ष की बेटी कौशिकी और सात वर्ष का राजीव पड़ोस में खेल रहे थे। उस दौरान लापता हो गए।

काफी खोजबीन के बाद जब उनका पता नहीं चला तो शिकारपुर थाने में आवेदन दिया था। इसमें देवरानी मुन्नी देवी पर संदेह जताया था। पुलिस ने इस मामले में उसे जेल भी भेजा था।

यह भी पढ़ें- 69वीं एकीकृत प्रारंभिक परीक्षा कल, 11 बजे के बाद नहीं मिलेगी एंट्री; जाने से पहले पढ़ लें नियम

शिकारपुर थानाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने बताया कि लापता कौशिकी को बाल सुधार गृह से लाया गया है। उसका भाई परीक्षा होने के कारण नहीं आ सका है। कौशिकी को न्यायालय में बयान के लिए भेजा जा रहा है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें