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Bihar Bridge: ग्रामीण कार्य विभाग के चार दर्जन से अधिक पुल जर्जर, आवाजाही पर लगी रोक

बिहार में हाल के दिनों में कई पुल-पुलिया ध्वस्त हुए हैं। अब जानकारी मिली है कि ग्रामीण कार्य विभाग के चार दर्जन से अधिक पुल जर्जर हो गए हैं। ऐसे में आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि मझौलिया प्रखंड में 15 में से 11 पुल जर्जर हैं। नीतीश सरकार के निर्देश पर जिले से रिपोर्ट भेजी गई है।

By Sunil Tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 25 Jul 2024 03:41 PM (IST)
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मझौलिया के रघुनाथपुर हरिजनटोला के पास ग्रामीण कार्य विभाग का क्षतिग्रस्त पुल। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, बेतिया। पश्चिम चंपारण जिले के ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन चार दर्जन से ज्यादा पुल जर्जर हैं। राज्य सरकार की ओर से मांगी गई जर्जर पुलों की रिपोर्ट से इस बात की जानकारी मिली है। इसमें केवल ग्रामीण कार्य विभाग के बेतिया डीविजन मे 28 पुलों को शामिल किया गया है।

इसमे कई ऐसे पुल हैं, जहां से जर्जर होने के बाद भी आवागमन जारी है। कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार सिंह के अनुसार सरकार की ओर से ऐसे जर्जर पुलों के बाबत जानकारी मांगी गई थी। इसमें केवल बेतिया डीविजन में 28 जर्जर पाए गए हैं।

जर्जर पुलों में नौतन प्रखंड के सात पुलों में से तीन, बैरिया प्रखंड के आधा दर्जन पुलों में से पांच पुल जर्जर पाए गए हैँ। इसी तरह बेतिया के छह पुलों में से चार पुल जर्जर हैं। योगापट्टी में 16 में से पांच तथा मझौलिया प्रखंड में 15 में से सर्वाधििक 11 पुल जर्जर हैं।

इसमें नौतन प्रखंड के सोफवा टोला में तिरहुत मुख्य नहर पर बना पुल सर्वाधिक जर्जर स्थिति में है। इसमें दो पाया का फाउंडेशन धंस गया है। बाजवूद वाहनों का अवागमन जारी है। जबकि बैरिया प्रखंड के पखनाहा हरदी पुल, योगापट्टी के डुमरी पुल, मझौलिय के रघुनािथपुर सर्वाधिक खराब स्थिति में है।

नरकटियागंज डीविजन के मुख्य नहर पर बना पररिया पंचायत का पुल जर्जर है। जर्जर पुलों की रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से सरकार को भेजी गई है।

ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों को लिखा था पत्र

राज्य में पुलों के गिरने की घटना को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने ग्रामीण पथों में स्थित अति आवश्यक पुल निर्माण के लिए क्षतिग्रस्त और जर्जर पुल पुलियों के स्थान पर नए पुल या अंडर ब्रिज गैप पर पुलों के निर्माण के लिए सभी जिला पदाधिकारी को पत्र भेजा था।

इस पत्र में विभागों से जर्जर पुलों की सूची की मांग की गई थी। साथ ही इस पत्र में सभी विधायक एवं सांसद से पुलों के निर्माण के लिए प्राथमिकता सूची प्राप्त करने का निर्देश दिया था।

पथ निर्माण विभाग के 177 पुलों में अधिकांश पुल बेहतर

पथ निर्माण विभाग की ओर से सरकार को जिले से 177 पुलों की सूची भेजी गई है। हालांकि, इस सूची में क्षतिग्रस्त एवं जर्जर पुलों की संख्या एक भी नहीं है। इसमें आंशिक मरम्मत की आवश्यकता को देखते हुए रिपोर्ट भेजी गई है।

पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता वीरेंद्र कुमार सिंह की माने, तो उनके विभाग के अधीन विभिन्न पथों के बीच पड़ने वाले पुलों में से एक भी पुल जर्जर नहीं है। किसी किसी पुल में 25 प्रतिशत मरम्मत की आवश्यकता है।

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