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Bihar News: स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम बीमार... गांवों में नहीं है अस्पताल, इलाज के लिए 25 किमी का लगाना पड़ता है चक्कर

Bihar Hospitals बिहार में अभी भी अस्पतालों की काफी कमी है। बगहा अनुमंडल के पिपरासी प्रखंड में सात पंचायत हैं। यहां के लोगों के उपचार के लिए एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) है। करीब 40 हजार की आबादी का उपचार पीएचसी या सीमावर्ती यूपी के अस्पताल के भरोसे है। इसके लिए लोगों को 20 से 25 किमी का चक्कर काट कर पीएचसी या यूपी जाना पड़ता है।

By Sumant Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 13 Mar 2024 03:29 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

सुमंत कुमार, संवाद सूत्र, पिपरासी। बगहा अनुमंडल के पिपरासी प्रखंड में सात पंचायत हैं। यहां के लोगों के उपचार के लिए एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) है। करीब 40 हजार की आबादी का उपचार पीएचसी या सीमावर्ती यूपी के अस्पताल के भरोसे है।

इसके लिए लोगों को 20 से 25 किमी का चक्कर काट कर पीएचसी या यूपी जाना पड़ता है। कई बार लोग ग्रामीण चिकित्सकों के जाल में फंस जाते हैं। जिससे आर्थिक नुकसान उठानी पड़ती है।

दियारा क्षेत्र के बलुआ ठोरी पंचायत में बसे लोगों को बरसात में और अधिक दिक्कत होती है। दो नदियों के बीच में यह पंचायत अवस्थित है। उप स्वास्थ्य या अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र नहीं रहने से गांव के पीड़ितों का इलाज नहीं होता है। दवा भी नहीं मिलता है। एएनएम दूसरे के घर या सरकारी भवन पर नियमित टीकाकरण एवं गर्भवती की जांच करती है।

अस्पताल के ईंट की चोरी

मंझरिया गांव निवासी शिक्षक केदार प्रसाद, विनोद बैठा , पूर्व जिला परिषद सदस्य पिपरासी उर्मिला देवी, विवेक यदुवंशी, अंगद शर्मा आदि ने कहा कि सितुहिया बाजार में एक जर्जर भवन था। उसको तोड़कर ईंट असमाजिक तत्वों के लोगों ने चोरी कर ली।

गांव के बीमार लोगों को इलाज के लिए पीएचसी या यूपी के पडरौना, गोरखपुर, खड्डा, छितौनी आदि जाना पड़ता है। या झोलाछाप चिकित्सक के जाल में फंसना पड़ता है।

गंडक नदी पार कर इलाज के लिए जाना पड़ता

मुखिया संतोष कुशवाहा ने कहा कि बलुआ ठोरी पंचायत में बरसात के दिनों में किसी की तबीयत बिगड़ जाय तो नाव की सवारी कर गंडक नदी पार कर इलाज के लिए जाना पड़ता है। गांव में सरकारी स्तर पर केवल टीकाकरण होता है। स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम खुद बीमार है।

सिस्टम ऐसा है कि यहां के लोगों को समुचित इलाज के लिए यूपी के भरोसे रहना पड़ता है । सरकार का दावा खोखला साबित हो रहा है। वाल्मीकि नगर विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने दो उप स्वास्थ्य केंद्र की भवन निर्माण के लिए अपने निधि से राशि दी है,लेकिन अभी तक यह भी प्रक्रिया डंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

पीएचसी के पोषक क्षेत्र में कुल आठ उप स्वास्थ्य केंद्र की भवन का निर्माण होना है। जिसमें चार भवन बनाने के लिए भूमि की मांग सिविल सर्जन और मेरे द्वारा अंचल कार्यालय से की गई है, लेकिन अभी तक भूमि के चयन की प्रक्रिया अंचल कार्यालय से पूरा नहीं किया जा सका है। जिसके कारण भवन निर्माण का पेच फंसा हुआ है। फिर भी पीएचसी पहुंचे मरीजों का इलाज किया जाता है।- डॉ.रविन्द्र कुमार मिश्रा, पीएचसी प्रभारी, पिपरासी

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