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KK Pathak : शिक्षा विभाग का वो फैसला... जिसके बीच पिस रहे बच्चे, आखिर कैसे होगा एडमिशन?

KK Pathak News बिहार के विद्यालयों में नए सत्र को लेकर अप्रैल माह से नामांकन प्रारंभ हो जाता है। अब इसी बीच निजी विद्यालयों के छात्र सरकारी विद्यालयों में नामांकन कराने को जद्दोजहद कर रहे हैं। हालांकि उनका नामांकन नहीं हो पा रहा है। कुछ छात्रों का कहना है कि जब हमलोग विद्यालय में नामांकन कराने पहुंचे तो हमारा एडमिशन नहीं लिया गया है।

By Manvendra Pandey Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 22 Apr 2024 04:09 PM (IST)
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KK Pathak : शिक्षा विभाग का वो फैसला... जिसके बीच पिस रहे बच्चे, आखिर कैसे होगा एडमिशन? (फाइल फोटो)
संवाद सूत्र, बगहा। अप्रैल माह प्रारंभ होने के साथ ही छात्रों का नामांकन शुरू हो जाता है। ऐसे में निजी विद्यालयों के छात्रों को सरकारी विद्यालय में नामांकन कराने को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सरकारी विद्यालयों के जिम्मेदारों का कहना है कि निजी विद्यालय के छात्रों का नामांकन नौवीं कक्षा में नहीं होगा। ऐसे में छात्रों की परेशानी बढ़ गई है।

अंजू कुमारी, कुमारी हर्षिता, खुशबू कुमारी, छोटू कुमार, अजीत कुमार, अंशू कुमार, प्रियंका, मनीषा कुमारी, रंजीता राज, प्रियरंजन कुमार, चंदन कुमार आदि छात्रों ने बताया कि वे विभिन्न निजी विद्यालयों से पढ़ाई पूरी कर आठवीं पास किए हैं। नौवीं में नामांकन कराने के लिए पहुंचने पर प्रधानाध्यापक द्वारा निश्चित विद्यालयों की सूची का हवाला देते हुए निजी विद्यालय के छात्रों का नामांकन करने से मना कर दिया जा रहा है।

नरईपुर उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य मो. रहमान ने कहा कि विभाग से प्राप्त निर्देश के आलोक में निर्गत सूची के अनुसार विद्यालयों का ही नामांकन लेना है। बताया गया है कि निजी क्षेत्र के जिस विद्यालय काे विभाग से क्यूआर कोड निर्गत हुआ है। उसी के छात्रों का नामांकन लेना है।

निजी विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि विभाग द्वारा सभी प्रक्रिया पूरी कर ऑनलाइन किया जाता है। साथ ही यूडायस व सभी छात्रों का चाइल्ड प्रोफाइल आदि भरने के साथ तमाम विभागीय निर्देशाें को पूरा कर दिया जाता है। उसके बावजूद भी कई विद्यालय ऐसे हैं, जिनको क्यूआर कोड निर्गत नहीं है। ऐसे विद्यालयों के छात्रों का भविष्य अंधकार में पड़ जाने का खतरा आ गया है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने क्या बताया

जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि जिस विद्यालय को क्यूआर कोड निर्गत हो गया है। उसी के आधार पर छात्रों का नामांकन होना है। शेष विद्यालयों को नोटिस निर्गत करते हुए क्यूआर कोड लेने का निर्देश जारी किया गया है। डीईओ ने कहा कि सूचना देने के बावजूद भी क्यूआर कोड नहीं लेने वाले विद्यालयों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

परेशान हो रहे छात्र

कोई भी निजी विद्यालय शिक्षा विभाग की जानकारी में चल रहा है। पहले कार्रवाई करते हुए उसको क्यूआर कोड क्यों नहीं दिया गया। इसके अलावा गलती अगर विद्यालय की है तो उसकी सजा छात्रों को क्यों? अभिभावकों का कहना है कि क्यूआर कोड निर्गत कर विद्यालय का संचालन नियमानुकूल करना अगर विभाग की जिम्मेदारी है तो छात्रों का नामांकन करना विभाग की जिम्मेदारी है।

निजी विद्यालयों को क्यूआर कोड देना या उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करना विभाग का काम है। पहले छात्रों का नामांकन कर उनका भविष्य सुनिश्चित करने की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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