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    Bihar Govt School: बांस की झोपड़ी में होती है पढ़ाई, बच्चों को जंगली जानवरों से खतरा

    पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि नगर में एक प्राथमिक विद्यालय बांस की झोपड़ी में चल रहा है जहाँ 44 छात्र और तीन शिक्षक हैं। जंगल के पास होने के कारण सांप और जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करके झोपड़ी बनाई थी। विद्यालय के लिए आवंटित भूमि पर अतिक्रमण होने के कारण निर्माण कार्य रुका हुआ है।

    By Sunil Kumar Gupta Edited By: Krishna Parihar Updated: Tue, 05 Aug 2025 04:33 PM (IST)
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    प्राथमिक विद्यालय चरघरिया में बांस की झोपड़ी में होती है पढ़ाई

    संवाद सूत्र, त्रिवेणी। वाल्मीकि नगर थाना अंतर्गत वार्ड नंबर आठ में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय चरघरिया (Govt School) में 44 विद्यार्थी तथा तीन शिक्षक हैं। 2013 से संचालित यह विद्यालय (Kitne Surakshit Hain School) पहले चंद्रशेखर श्रीवास्तव जी के दरवाजे पर चलता था, लेकिन घर में मवेशी पालने की वजह से विद्यालय को प्राथमिक विद्यालय भरिहानी में शिफ्ट कर दिया गया।

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    चरघरिया के छात्र जब प्राथमिक विद्यालय भरिहानी जाने में आनाकानी करने लगे तब चरघरिया गांव के वार्ड सदस्य केशव थापा तथा स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से चंदा इकट्ठा कर जंगल के पास स्थित ब्रह्म बाबा के मंदिर के पास बांस का एक झोपड़ी बना कर विद्यालय का निर्माण कराया गया।

    कितने सुरक्षित हैं स्कूल

    झोपड़ी में पढ़ाई करते छात्र (फोटो जागरण)

    इसके बाद मंदिर के अनुदान वाली भूमि पर निर्माण कराए गई बांस की एक झोपड़ी में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों की पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय में की जा रही है।

    सांप और जंगली जानवरों से रहता है खतरा

    विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका सरिता कुमारी ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से जंगल के समीप बनाए गए बांस की एक झोपड़ी में विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। यहां सांप तथा जंगली जानवरों का डर बना रहता है। विद्यालय के अपना भूमि तथा भवन निर्माण को लेकर कई बार ऊपर के अधिकारियों को बोला गया।

    स्कूल की जमीन पर अतिक्रमण

    सीओ के द्वारा 2021 में पोखरा के समीप में 30 डिसमिल गैरमजरुआ भूमि को चिन्हित कर आवंटन कर दिया गया है, लेकिन आवंटित किए गए भूमि पर अतिक्रमण पहले से ही किया गया है। उनके द्वारा आवेदन के साथ आवंटित भूमि के कागज को बेतिया में जमा करा दिया गया है।

    अभी तक न ही आवंटित भूमि से अतिक्रमण हटा है और न ही विद्यालय का निर्माण हो पाया है। बहरहाल जब झोपड़ी में ही छात्रों की पढ़ाई होती है, तो अन्य संसाधनों का क्या हाल होगा, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

    वाल्मीकि नगर के विधायक प्रतिनिधि विनय कुमार सिंह ने बताया कि नीतीश सरकार में विद्यालय की स्थिति काफी बेहतर हुई है, लेकिन कुछ विभागीय तकनीकी कारणों से कुछ विद्यालय के भवन का निर्माण नहीं हो पाया है।

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