Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

श्रावणी मेले की तैयारी में सजने लगे मंदिर, दो साल बाद जुटेंगे कांवरिया

14 जुलाई से सावन शुरू हो जाएगा। कोरोना के चलते बीते दो साल किसी भी मंदिर में बड़े स्तर पर पूजा पाठ का आयोजन नहीं हुआ। वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर क्षेत्र के तमाम मंदिर बंद थे। इस बार ऐसा नहीं है। सावन में शिव मंदिरों पर जलाभिषेक के लिए तैयारी शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2022 01:03 AM (IST)
Hero Image
श्रावणी मेले की तैयारी में सजने लगे मंदिर, दो साल बाद जुटेंगे कांवरिया

बगहा । 14 जुलाई से सावन शुरू हो जाएगा। कोरोना के चलते बीते दो साल किसी भी मंदिर में बड़े स्तर पर पूजा पाठ का आयोजन नहीं हुआ। वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर क्षेत्र के तमाम मंदिर बंद थे। इस बार ऐसा नहीं है। सावन में शिव मंदिरों पर जलाभिषेक के लिए तैयारी शुरू हो गई है। मंदिरों में रंगरोगन के साथ सजावट कार्य प्रारंभ हो गया है। कांवर, गेरुआ वस्त्र सहित अन्य तमाम ऐसे सामानों की खरीद-बिक्री शुरू हो गई है जो शिव मंदिर में सावन माह में चढ़ाने के उपयोग में आता है। इसको लेकर इस बार दुकानदार व मंदिरों के पुजारी काफी उत्साहित हैं। उनको इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद है।

---

सज रहीं पूजन सामग्री की दुकानें

: बगहा बाजार में पूजन सामग्री व श्रावणी मेला के थोक विक्रेता संजय कुमार ने बताया कि अभी खरीदारी प्रारंभ हुई है। एक लाट माल आया है। जिसकी खरीदारी में ग्रामीण क्षेत्रों सहित स्थानीय दुकानदारों जुट रहे हैं। खुदरा दुकानदार नागेंद्र प्रसाद ने बताया कि अभी देवघर जाने वाले एक-दो भक्तों द्वारा गंजी जंघिया आदि की खरीदारी प्रारंभ हुई है। इसको खरीदारी नहीं मानी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह बाद खरीदारों की भीड़ उमड़ेगी। श्रद्धालुओं को लुभाने की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है।

---

धीरे-धीरे बढ़ रही बिक्री

थोक व्यापारी राजेश कुमार ने बताया कि प्रतिदिन दो से तीन दुकानदार आ रहे हैं। जिनके द्वारा 15 से 20 हजार की प्रतिदिन खरीदारी हो रही है। दुकानदारों का मानना है कि एक सप्ताह बाद दुकानदारी गति पकड़ेगी। दुकानदारों का कहना है कि लगभग हर सामान की कीमत इतनी अधिक बढ़ गई है कि सामान का दाम पूछकर ग्राहक जेब टटोलने लगते हैं।

---

बोले श्रद्धालु:

करीब 20 सालों से प्रत्येक वर्ष देवघर की यात्रा करने वाले हरनाटांड़ के कमलेश प्रसाद ने बताया कि दो साल बाबा के दर्शन का सौभाग्य नहीं मिल पाया। बड़े भाग्य से इस बार दर्शन व जलाभिषेक का मौका मिला है। ट्रेन का टिकट कंफर्म हो गया है। सामानों के सस्ता महंगा का चक्कर नहीं बस दर्शन की लालसा है।

---

सोनगढ़वा के रौशन कुमार ने बताया कि वाल्मीकिनगर से जल भरकर रामनगर बाबा को जलाभिषेक किया जाता है। कांवर महंगा होने के कारण पुराना से ही काम चला लिया जाएगा, लेकिन वस्त्र आदि की महंगाई को लेकर चिता बनी हुई है। एक सप्ताह का समय है बाबा के आशीर्वाद से सब पूरा हो जाएगा।