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Bettiah News: बेतिया में ऑटो और ई-रिक्शा बने जी का जंजाल, सड़क जाम से लोग परेशान

बेतिया शहर की सड़कों पर ऑटो और ई-रिक्शा के बढ़ते प्रकोप से यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। मनमाने ढंग से वाहन चलाने और सड़क पर ही सवारियों को बैठाते-उतारते रहने से आए दिन जाम लगता है। हालांकि यातायात पुलिस इन वाहनों को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है लेकिन वाहनों के भारी दबाव के कारण कई बार वे भी मजबूर नजर आते हैं।

By Sunil Tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 23 Sep 2024 03:17 PM (IST)
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सड़कों पर बेपरवाह दौड़ रहे गैर निबंधित आटो और ई रिक्शा
जागरण संवाददाता, बेतिया। पांच वर्ष पहले तक नगर के सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में तांगा चलते थे। नगर में कहीं आने-जाने के लिए अधिकांश लोग तांगा की ही सवारी करते थे। घोड़ा द्वारा खींचे जाने के कारण इसे बिना ब्रेक की गाड़ी कहा जाता था। हालात बदला तो शहर में आटो की इंट्री हुई।

हालांकि, उस समय तांगा चालकों ने अपनी रोजी-रोटी पर कुठाराघाट का आरोप लगाकर इसका विरोध भी किया था। लेकिन समय के साथ आटो की संख्या बढ़ती गई और तांगा की संख्या घटती गई। धीरे-धीरे कई तांगा चालकों ने भी आटो खरीद लिए। हाल के वर्षो में नगर की सड़कों पर ई रिक्शा भी दौड़ने लगी है।

अब ये ऑटो और ई रिक्शा धीरे-धीरे जी के जंजाल बनते जा रहे हैं। ऑटो और ई रिक्शा चालक नगर में मनमाने तरीके से इनका परिचालन कर रहे हैं।

प्रमुख व्यवसायी प्रमोद कुमार का कहना है कि नगर में ऑटो व ई-रिक्शा के परिचालन का कोई नियम कानून नहीं है। ऑटो व ई-रिक्शा चालक मनमाने ढंग से नगर में इन वाहनों का परिचालन करते हैं। जिस कारण नगर में अक्सर सड़क जाम लगा रहता है। ऑटो व ई-रिक्शा चालक सड़क पर ही सवारियों को बैठाते और उतारते हैं।

जब जहां जी चाहे अपने वाहन को रोक कर सवारी को बैठाने और उतारने लगते हैं। जिस कारण पीछे से आने वाले वाहनों को रुकना पड़ता है। दवा व्यवसायी संदीप कुमार का कहना है कि नगर के सोवाबाबू चौक, बस स्टैंड, स्टेशन चौक, छावनी, राज देवढी, अस्पताल रोड, इमली चौक आदि इलाके में चालक ऑटो और ई-रिक्शा को सड़क पर ही खड़ी कर सवारी आने का इंतजार करते रहते हैं।

जिस कारण लोगों या अन्य सवारियों को आने जाने का रास्ता नहीं मिल पाता। जिससे वहां जाम लगा रहता है। हालांकि सड़क जाम से निजात के लिए प्रमुख चौक चौराहे पर यातायात पुलिस की तैनाती है।

ये इन्हें नियंत्रित करने का भी प्रयास करती है। लेकिन वाहनों के भारी दबाव की वजह से कई बार यातायात पुलिस भी मजबूर नजर आती है। जिला परिवहन विभाग में 1133 आटो व 287 ई-रिक्शा रजिस्टर्ड है। हालांकि नगर में इससे दोगुना ऑटो और ई रिक्शा का परिचालन होता है। सब गैर निबंधित हैं।

नगर में नहीं है वन वे सिस्टम

सड़क जाम से निजात और सुगम यातायात के लिए कुछ वर्ष पूर्व नगर के कुछ सड़कों पर वन वे सिस्टम लागू किया गया था। लेकिन समय बितने के साथ वन वे सिस्टम ध्वस्त हो गया।

इसके कुछ वर्ष बाद चिन्हित कुछ सड़कों पर वन वे सिस्टम को फिर से लागू करने का प्रयास किया गया, लेकिन अतिक्रमण और सड़के संकरी होने के कारण इस सिस्टम को ढंग से लागू नहीं किया जा सका।

हालांकि, एक माह पहले यातायात पुलिस वन वे सिस्टम लागू करने के लिए काफी मंथन की है, लेकिन अभी बात नहीं बन सकी है। लोगों का कहना है कि अगर सड़क से अतिक्रमण हटाकर कुछ सड़कों पर वन वे सिस्टम लागू कर दिया जाए तो सड़क जाम से काफी हद तक राहत मिल सकती है।

नगर में यातायात व्यवस्था को अपडेट रखने के लिए यातायात पुलिस काम कर रही है। वाहन चालकों और आम लोगों की सुविधा के लिए हर संभव काम हो रहा है।-प्रमोद कुमार पासवान, थानाध्यक्ष, यातायात।

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