रात में गड्ढा खोदकर दफन किए 'सबूत', KK Pathak से छुपाना चाहते थे सच्चाई, सुबह हुई सफाई ने खोल दी पोल
स्थानीय बीआरसी (प्रखंड संसाधन केंद्र) के पीछे बीती रात आननफानन में एक दर्जन कार्टन एक्सपायर एल्बेंडाजोल की गोली को गड्ढा खोंदकर गाड़ दिया गया। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आगमन को लेकर बीआरसी की सफाई हो रही थी इसी दौरान ये गोलियां मिली जिन्हें रात में गड्ढा खोदकर गाड़ दिया गया। इसका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
संंवाद सूत्र, मझौलिया (प. चंपारण)। स्थानीय बीआरसी (प्रखंड संसाधन केंद्र) के पीछे बीती रात आननफानन में एक दर्जन कार्टन एक्सपायर एल्बेंडाजोल की गोली को गड्ढा खोदकर गाड़ दिया गया। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आगमन को लेकर बीआरसी की सफाई हो रही थी।
इसी दौरान ये गोलियां मिली, जिन्हें रात के अंधेरे में गड्ढा खोदकर गाड़ दिया गया। इसका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। हालांकि, वायरल वीडियो की पुष्टि दैनिक जागरण नहीं करता है।
मामले में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ओमप्रकाश ने संज्ञान लिया है। जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है।
बीआरसी के पीछे गड्ढे से बाहर निकली एक्सपायर दवाएं। जागरण
बीआरसी भवन के पीछे गाड़ी गई थी गोलियां
गुरुवार की संध्या कतिपय कर्मियों ने भारी मात्रा में एल्बेंडाजोल (कृमिनाशक) गोलियां बीआरसी भवन के पीछे गड्ढ़ा खोदकर गाड़ दी थी।
ये गोलियां कैसी थी और क्यों वहां पड़ी थीं, यह तो जांच के बाद हीं पता चलेगा, जबकि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कुमार अनुभव ने बताया कि वर्ष 2019 से वर्ष 2020 में एक्सपायर एल्बेंडाजोल की गोलियां यहां पड़ी थीं, जिन्हें विनिष्ट करने के उद्देश्य गड्ढा खोदकर गाड़ा गया है।
ये सभी गोलियां बीआरसी भवन परिसर में यत्र तत्र पड़ी हुई थी। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रतिवर्ष एल्बेंडाजोल की गोलियां बच्चों को खिलाने के लिए आती हैं। ये गोलियां अधिक मात्रा में आ जाती है।
वितरण के बाद कुछ गोलियां बच जाती है, जो रखे-रखे एक्सपायर हो जाती है। तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अवशेष गोलियों को तुरंत विभाग को लौटा देना चाहिए था। उन्होंने क्यों नहीं लौटाई, इसका जवाब मैं नहीं दे सकता।
बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने की हो जांच
दरअसल, एल्बेंडाजोल टेबलेट विभिन्न प्रकार के परजीवी कृमियों के संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों को दिया जाता है। अभिभावक सतीश कुमार, मनीष सिंह आदि का कहना है कि स्कूलों में बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने की जांच होनी चाहिए। तब पूरा मामला सामने आएगा।
छात्रों की उपस्थिति पंजी में पहले नाम बढ़ाकर लिखी गई थी। नामांकन के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग की ओर से गोली आवंटित की जाती है, जबकि धरातल पर उतने बच्चे होते नहीं है, सो गोलियां बच जाती हैं, जिसका चोरी-छुपे निस्तारण किया जाता है।
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