West Champaran News: जहरीली हुई बेतिया की हवा! सांस लेने में फूल रहा दम, कोयले के धुएं और धूल ने बढ़ाया प्रदूषण
West Champaran Air Pollution News पश्चिमी चंपारण के शहरी और ग्रामीण इलाकों में सड़क नाले पुल-पुलिया मकान या अन्य निर्माण कार्यों के दौरान निकलने वाले धूल हवा में मिल रही है। प्रदूषित हवा के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के कारण लोगों के फेफड़ों में जहरीली हवा जा रही है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी घातक है।
By Manoj MishraEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 29 Nov 2023 05:17 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बेतिया (पश्चिमी चंपारण)। पश्चिमी चंपारण के शहरी और ग्रामीण इलाकों में सड़क, नाले, पुल-पुलिया, मकान या अन्य निर्माण कार्यों के दौरान निकलने वाले धूल हवा में मिल रही है। तेज रफ्तार वाहनों के कारण भी धूल व धुंए के कण हवा में घुल रहे हैं। इसके कारण शहर की हवा जहरीली हो रही है।
नगर निगम क्षेत्र में निर्माण कार्यों के दौरान सेफ्टी नेट लगाने के आदेश के बाद भी खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। जिले के विभिन्न इलाके में सड़क निर्माण का काम चल रहा है, लेकिन यहां किसी भी नियम का कोई पालन नहीं हो रहा है।
पानी के छिड़काव के नियम का सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है। वाहनों के तेज रफ्तार के कारण धूल के हल्के कण हवा के साथ मिल जाते हैं। हवा में प्रदूषण के कारण सड़क किनारों के पेड़ों के पत्तों पर धूल की मोटी परत जम गई है।
सांस लेना हुआ मुश्किल
प्रदूषित हवा के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के कारण लोगों के फेफड़ों में जहरीली हवा जा रही है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी घातक है। शहर में बढ़ते प्रदूषण के बावजूद, संबंधित अधिकारी मौन साधे हुए हैं, जिसका खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं।
कोयले से निकलने वाले धुआं खतरनाक
नगर निगम क्षेत्र में अंगीठी या कोयला जलाने पर रोक लगा दी गई है। इसके बावजूद नगर के स्टेशन चौक, सुप्रिया रोड, नया बाजार आदि इलाके में आग के लिए कोयले का बेरोकटोक इस्तेमाल हो रहा है। कई दुकानदार कोयले की आग पर मांस भूनने का काम करते है।शाम के समय इन इलाके में कोयले से निकलने वाली धुंआ के कारण राह चलना मुश्किल हो जाता है। यह धुंआ हवा में घुल जाता है और सांस लेने के साथ फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं, जो में स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।
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प्रदूषण और एयर क्वॉलिटी इंडेक्स बढ़ने का एक कारण नगर में यत्र-तत्र बिखरे कचरे भी हैं। शहर में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है। कई बार लोग कूड़े में आग लगा देते हैं। कूड़े को जलाना खतरनाक होता है। कूड़े में मौजूद प्लास्टिक के जलने पर कई तरह की जहरीली हवा निकलती है, जो सेहत के लिए जानलेवा होती है।यह भी पढें: Tejashwi Yadav Wife Religion: तेजस्वी यादव ने मंच से बताया अपनी पत्नी का धर्म, BJP बोली- फिर नाम क्यों बदला? Bihar News: अब ठंड में चखिए लीची का स्वाद, बिहार के बाजार में इस राज्य से जनवरी में आ जाएगी खेपनगर में पानी का छिड़काव कर सफाई हो रहा है। प्रदूषण से बचाव के लिए पेड़ पौधे पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहा है। - शंभू कुमार, नगर आयुक्त, बेतिया।