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West Champaran: झोलाछाप के क्लीनिक में नवजात की मौत, मां बोली- पांच बेट‍ियों के बाद हुआ था बेटा; आशा पर रेफर करने का आरोप

बीते 12 जनवरी को अनुमंडल अस्पताल से रेफर कराकर झोलाछाप के एक निजी क्लीनिक में प्रसूता को पहुंचाने के मामले में अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है। तब तक सोमवार को एक दूसरा गंभीर मामला चर्चा में आया गया। अनुमंडल अस्पताल पहुंची एक प्रसूता को बगल में पुराने नगर परिषद कार्यालय के पास एक झोलाछाप के क्लीनिक में पहुंचा दिया गया।

By Prabhat Mishra Edited By: Prateek Jain Updated: Tue, 23 Jan 2024 07:34 PM (IST)
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झोलाछाप के क्लीनिक में नवजात की मौत, मां बोली- पांच बेट‍ियों के बाद हुआ था बेटा
जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण)। बीते 12 जनवरी को अनुमंडल अस्पताल से रेफर कराकर झोलाछाप के एक निजी क्लीनिक में प्रसूता को पहुंचाने के मामले में अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है। तब तक सोमवार को एक दूसरा गंभीर मामला चर्चा में आया गया।

अनुमंडल अस्पताल पहुंची एक प्रसूता को बगल में पुराने नगर परिषद कार्यालय के पास एक झोलाछाप के क्लीनिक में पहुंचा दिया गया, जहां प्रसव के लिए ऑपरेशन के दौरान नवजात की मौत हो गई है।

शिकारपुर थाने के नौतनवा निवासी प्रसूता हुस्नतारा खातून (26) ने पुत्र को जन्म दिया था, लेकिन ऑपरेशन के दौरान उसकी मौत हो गई।

प्रसूता ने कहा- नॉर्मल डिलीवरी कराने के लिए पैसे

प्रसूता की मां गैसूला खातून ने बताया कि हुस्नतारा खातून को पहले से पांच बेटियां हैं। इस बार उसने पुत्र को जन्म दिया। गैसूला खातून ने बताया कि हम लोग प्रसूता को लेकर अनुमंडल अस्पताल में गए। जहां त्रिलोकवा केसरिया की आशा जगरानी देवी थी।

आशा हमलोगों को बगल के एक निजी क्लीनिक में अच्छी तरह से प्रसव होने का झांसा देकर वहां ले गई। वहां पहुंचते हीं नॉर्मल प्रसव के लिए साढ़े नौ हजार रुपये ले लिया गया। फिर कुछ ही देर बाद उसके स्टाफ 18 हजार रुपये जमा करने के लिए दबाव बनाने लगे। रुपये ले लेने के बाद ऑपरेशन किया, लेकिन ऑपरेशन के दो घंटे बाद बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है।

उसके बाद डॉक्टर और स्टाफ क्लीनिक छोड़कर फरार हो गए। सोमवार की रात इस घटना की खबर पर आसपास के लोग जमा हो गए और उसके क्लीनिक पर हंगामा होने लगा। लेकिन सुबह होते ही परिजन मृत बच्चे को लेकर घर चले गए।

प्रसूता के बहनोई मो. मासूम ने बताया कि मृत बच्चे को मिट्टी देने के लिए घर चले आए हैं। उसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। उधर, कई लोगों ने अस्पताल प्रशासन की शिथिलता पर सवाल खड़े किए हैं।

अनुमंडल अस्पताल से आशा द्वारा ऐसे मरीजों को झोलाछाप के यहां पहुंचाने और इनपर रोक नहीं लगाने का आरोप लगाया है। इस बाबत संपर्क करने पर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक ने कॉल रिसीव नहीं किया। एसडीपीओ जयप्रकाश सिंह ने बताया कि ऐसा मामला संज्ञान में नहीं आया है।

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