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West Champaran: थरूहट की प्रीती ने 100 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में जीता गोल्ड, सिट्ठी एक्सप्रेस के नाम से है मशहूर

पश्चिमी चंपारण की रहने वाली आठवीं की छात्रा प्रीति ने राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में अपना परचम लहराया है। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 100 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल करके प्रीती ने 100 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल करके पूरे जिले का नाम रोशन किया है। प्रीति ने बताया कि मास्टर ट्रेनर से किए गए पदक के वादे से मेरे अंदर अलग ही ताकत थी।

By Prabhat MishraEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 30 Nov 2023 04:26 PM (IST)
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स्टेडियम में दौड़ लगाती प्रीति कुमारी। (जागरण फोटो)
संवाद सूत्र, गौनाहा (पश्चिम चंपारण)। गरीबी सफलता की मोहताज नहीं होती है। पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड के सिट्ठी गांव की रहने वाली आठवीं की छात्रा प्रीति ने राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त कर यह दिखा दिया है। गांव के पास कटहा नदी की रेत में अभ्यास कर इस छात्रा ने एथलीट को अपना जुनून बना लिया। प्रीति प्रखंड और जिला स्तरीय प्रतियोगिता में अव्वल रही।

राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल

कामयाबी का सिलसिला जारी रहे, इसके लिए दृढ़ संकल्प के साथ एथलेटिक्स को जारी रखा। इस क्रम में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 100 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल कर न केवल थरूहट का, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है।

बीते जून में जनजातीय खेल महोत्सव का आयोजन भुवनेश्वर में किया गया था, जिसमें 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ में प्रीति फाइनल राउंड तक सफर तय कर राष्ट्रीय स्तर पर चौथा स्थान प्राप्त कर चुकी है।

मास्टर से किए वादे को किया पूरा

प्रीति ने बताया कि प्रथम मास्टर ट्रेनर सुमित पांडेय से किए गए पदक के वादे से मेरे अंदर अलग ही ताकत थी। सिर्फ एक ही लक्ष्य था कि किसी भी हाल में मुझे पदक जीतना है। यह मेरे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण पल था।

उसने बताया कि मन ही मन राष्ट्रगान गुनगुनाई और दौड़ के लिए निकल पड़ी। मैंने सबसे पहले 2020 में खेल नर्सरी की प्रतिभागी बनी। इस प्रतियोगिता में शामिल होने के बाद से दौड़ को अपना जुनून बना लिया।

पारिवारिक कार्य के साथ खेल प्रैक्टिस, पढ़ाई करना, मवेशियों के लिए चार लाना, दोनों छोटे भाइयों को पढ़ाने की जिम्मेदारियों के बावजूद अपने मिशन को पूरा करने की कोशिश जारी रखी है।

इच्छा शक्ति से कुछ भी हासिल किया जा सकता है

उसने कहा कि कोई व्यक्ति किसी भी कार्य में पारंगत नहीं होता है। इच्छा शक्ति के साथ प्रयास से उस मुकाम को हासिल किया जा सकता है।

इस मुकाम तक पहुंचने में ग्रामीण खिलाड़ी राकेश कुमार, बलिस्टर कुमार का मार्गदर्शन भी काफी सहायक बन रहा है। मास्टर ट्रेनर सुमित कुमार पांडेय ने बताया कि प्रीति जिस तरह से मेहनत कर रही है, वह राष्ट्रीय स्तर पर भी कामयाबी हासिल करेगी।

मां बोली- बेटी पर हमें गर्व है

प्रीति के पिता पंकज दिस्वा दिल्ली में मजदूरी करते हैं। वे किसी साहूकार के यहां खाना बनाते हैं। उसकी मां रिंकी देवी खेतों में मजदूरी करती है। प्रीति के दो छोटे भाई हैं। भाई बहनों में बड़ी होने के कारण प्रीति को पारिवारिक दायित्व भी पूरा करना पड़ता है। विद्यालय से छुट्टी के दिनों में वह भी दैनिक मजदूरी करती है। सुबह और शाम खेल की तैयारी के बाद जो समय बचता है, उसके बाद मवेशियों के लिए चारा लाती है।

ग्रामीण बताते हैं कि घर से दौड़कर ही विद्यालय पहुंचती और फिर विद्यालय से घर लौटती है। प्रीति के पिता पंकज दिस्वा और माता रिंकी देवी बताती है कि बेटी की मेहनत का ही परिणाम है कि आज उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। बेटी की कामयाबी पर मां रिकी देवी की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटी पर गर्व है।

इन पदाधिकारियों ने दी बधाई

प्रीति को बधाई देने वालों में गौनाहा प्रखंड विकास पदाधिकारी शिवजन्म राम, स्वच्छता पर्यवेक्षक बुद्धेश्वर प्रसाद, मंगुराहां रेंजर सुनील कुमार पाठक, वीटीआर के बियोलॉजिस्ट पंकज ओझा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिट्ठी के प्रधानाध्यापक फेकू राम, प्रथम से दीनानाथ सिन्हा आदि शामिल हैं। बीडीओ ने बताया कि सभा का आयोजन कर प्रीति को सम्मानित किया जाएगा।

100 मीटर की दौड़ में प्रीति ने बिहार स्तर पर अव्वल प्रदर्शन किया है। उसने गोल्ड मेडल जीता है। वह चंपारण के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा की स्रोत है। जिस जज्बा के साथ उसने खेल के प्रयास को जारी रखी है, निश्चित रूप से भारत के लिए दौड़ेगी।- विजय कुमार पड़ीत, जिला खेल पदाधिकारी

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