West Champaran वीटीआर के जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में अलग-अलग जगहों पर जख्मी अवस्था में दो हिरण मिले हैं। वरदाहा नदी के तट पर लहूलुहान अवस्था में एक हिरण मिला जिसका सींघ टूटा हुआ है जबकि दूसरा मंगरहरी बैरिया सरेह के एक खेत में हिरण का बच्चा मिला।
By Prabhat MishraEdited By: Prateek JainUpdated: Sun, 16 Apr 2023 07:54 PM (IST)
नरकटियागंज/ मैनाटांड़ (पश्चिम चंपारण), जागरण टीम: वीटीआर के जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में अलग-अलग जगहों पर जख्मी अवस्था में दो हिरण मिले हैं।
भंगहा थाना क्षेत्र के पिपरा गांव के पास वरदाहा नदी के तट पर लहूलुहान अवस्था में एक का सींघ टूटा हुआ है, जबकि दूसरा शिकारपुर थाना क्षेत्र के मंगरहरी बैरिया सरेह में हारुन अंसारी के खेत में हिरण का बच्चा मिला है, जो
जख्मी भी है।
ग्रामीणों ने हिरण को पिलाया दूध
रखही पंचायत के उप मुखिया गुलरेज अख्तर ने बताया कि जब सूचना मिली तो उसे मंगरहरी गांव ले जाया गया। कुत्तों ने काट कर उसे जख्मी कर दिया।
वन्यप्राणी को दूध पिलाया गया। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई।
उधर, भंगहा थाना के पिपरा गांव से सटे वरदाहा नदी के तट पर सुबह लोगों ने जख्मी अवस्था में हिरण को देखा, जिसके बाद वहां ग्रामीणों की भीड़ पहुंच गई।
छटपटा रहा था सींग टूटा हिरण
मुखिया प्रतिनिधि वेदप्रकाश कुमार, लालू मियां, चुन्नीलाल यादव, रामबाबू यादव, छठी देवी, श्यामबाबू कुमार, लहवर राम, गणेश मांझी, जनार्दन यादव ने बताया कि नदी के तट पर पड़े हुए हिरण का एक सींग टूटा हुआ था और वह छटपटा रहा था।
लोग तत्काल उस हिरण को गांव लाए और वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही वनकर्मी दोनों जगह पर पहुंचे और उनका रेस्क्यू किया।
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे वनकर्मी, हिरणों को किया रेस्क्यू
मंगुराहां रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे वनकर्मियों ने दोनों हिरण का रेस्क्यू किया है।
उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा है कि भागने के दौरान पेड़ या किसी दीवार से टकराकर उसका सींघ टूटा हो। कुत्ता के काटने से जख्मी होने की संभावना जताई गई है।
दोनों जगहों पर पहुंची वनकर्मियों की टीम अपनी कब्जे में लेकर जख्मी हिरणों को जसौली मेडिकल कैंप इलाज के लिए ले गई है। वनकर्मियों ने बताया कि इन वन्य प्राणियों के स्वस्थ होने पर जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
जानकारों का कहना- गर्मी में पानी के लिए भटक जाते हैं वन्यप्राणी
वैसे जानकारों का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ जंगल क्षेत्र में पानी की समस्या उत्पन्न होने लगती है। संभव है कि पानी की तलाश में भटकते हुए हिरण जंगल से बाहर निकल गए हों।
उल्लेखनीय है कि पिपरा में मिला हिरण जंगल से करीब आठ किलोमीटर और मंगरहरी में मिला हिरण का बच्चा करीब 13 किमी दूर रिहायशी इलाके में पाए गए हैं।
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